CBSC NCERT CLASS 12 POL SCIENCE CHAPTER 8 'क्षेत्रीय आकांक्षाएं (SECOND BOOK)

             क्षेत्रिय आकांक्षाएं 


क्षेत्रीय आकांक्षाएँ: जब हम किसी क्षेत्र में रहते है। तब हम उस क्षेत्र के आधार पर कुछ इच्छाएँ पूरी करना चाहते है। इन्हीं इच्छाओं को हम क्षेत्रीय आकांक्षाएं कहते है।

उदाहरण:- जैसे कि उस क्षेत्र का विकास होना चाहिए या उस क्षेत्र में शिक्षा मिलनी चाहिए।

क्षेत्रवाद:- क्षेत्रवाद से अभिप्राय किसी देश के उस छोटे से क्षेत्र से है। जो औद्योगिक सामाजिक कारणों से अपने अलग अस्तिव के लिए जागरूक है। 

Q.भारत में सुन 1980 के दशक की किसके रूप में देखा जाता है? 
Ans.सन 1980 के दशक को 'स्वतंत्रता' के दशक के रूप में देखा जाता है।

Q.भारत ने विविधता के सवाल पर कौन सा सादृष्टिकोण अपनाया है।
Ans. भारत ने विविधता के सवाल 'लोकतांत्रिक दृष्टिकोण अपनाया है।

Q.आज़ादी के तुरंत बाद भारत को किन कठिन मसलों से जूझना पड़ा था।
Ans.आज़ादी के तुंरत बाद भारत को विभाजन, विस्थापन देसी रियासतों के विलय और राज्यो के पुनर्गठन जैसे कठिन मसलों से जूझना पड़ा था।

Q.पूर्वोत्तर के किन दो राज्यों ने भारत से अलग होने की मांग की?
Ans. नगालैंड और मिज़ोरम  ने ।

Q.सन 1966 में कौन से दो राज्य बनाए गए?
Ans.पंजाब और हरियाणा।

Q.सन 2000 में कौन से तीन राज्य बनाए गए?
Ans.झारखंड, उत्तरांचल (उत्तराखंड) और छत्तीसगढ़ का गठन किया गया।

Q.भारत और पाकिस्तान के बीच एक बड़ा मुद्दा क्या रहा है
Ans.'कश्मीर मुद्दा

Q.भारत के सबसे उत्तरी राज्य के तीन सामाजिक एवं राजनीतिक क्षेत्रों के नाम लिखिए?
Ans. जम्मू, कश्मीर और लद्दाख।

Q.जम्मू एवं कश्मीर में किन धर्मों व भाषाओं के लोग रहते हैं?
Ans.जम्मू क्षेत्र पहाड़ी तलहटी एंव मैदानी इलाके का मिश्रण है। जहाँ (हिन्दू), (मुस्लिम)और (सिख) यानी कई धर्म और भाषाओं के लोग रहते हैं। लद्दाख पर्वतीय इलाका है, जँहा बौद्ध एव मुस्लिमों की आबादी हैं, लेकिन यह आबादी बहुत कम है।

Q. भारत और पाकिस्तान के बीच कश्मीर मुद्दा' सिर्फ विवाद भर नहीं है? कैसे स्पष्ट कीजिएरा?
Ans.'कश्मीर मुद्दा' भारत और पाकिस्तान के बीच. सिर्फ विवाद भर नहीं है।इस मुद्दे के कुछ बाहरी तो भीतरी पहलू हैं।

इसमें कश्मीरी पहचान का सवाल जिसे कश्मीरियत के रूप में जाना जाता है।

इसके साथ ही साथ जम्मू-कश्मीर की राजनीतिक स्वायत्तता का मसला भी इसी से जुड़ा है।

Q. जम्मूएवंकश्मीर के राजा कौन थे?
Ans.हरि सिंह। 

Q.भारत के क्षेत्रीय आंदोलनों में सबसे ताकतवर आंदोलन कौन सा था ? 
Ans.द्रविड़ आंदोलन

Q.सना 1953 - 54 के दौरान 'DMK' ने किन तीन माँगों का प्रस्ताव रखा था?
Ans.DMK की पहली माँग यह थी कि कललाकुडी नामक रेलवे स्टेशन का नाम.. डालमियापुरम निरस्त कर दिया जाए और स्टेशन का मूल  नया  बहाल किया जाए

(ii) इस संगठन की दूसरी माँग यह थी कि स्कूली पाठ्यक्रम में तमिल संस्कृति के इतिहास को ज़्‌यादा महत्व दिया जाए।

(iii) तीसरी माँग राज्य सरकार के शिल्पकर्म  शिक्षा कार्यक्रम को लेकर थी । क्योंकि इस संगठन के अनुसार यह नीति समाज में ब्राह्मणवादी दृष्टिकोण को  बढ़ावा  देती थी।

Q.DMK ' की स्थापना किसने की थी?
Ans. 'सी. अन्नादुरै' ने ।

                           DMK
                              ।


      DMK                      आल इंडिया अन्ना -द्रमुक

Q.तमिलनाडु की किन्ही तीन क्षेत्रीय पार्टियों के नाम बताओ? 
 Ans.MDMK, PMK, DMD

MDMK  'मरूमलाच्ची तढ़वित्र मुनेत्र कषगम,
PMK :- 'पट्टाली मक्कल कच्ची 
'DMD :- दे सिया मुरपोक्कू द्रविड़ कषगम 

Q.कश्मीर को किसके तहत विशेष दर्जा दिया गया?
Ans.कश्मीर को संविधान में धारा 370 के तहत विशेष दर्जा दिया गया है।

Q. कश्मीर को संविधान में धारा 370 के तहत दिए गए विशेष स्थिति से कौन सी दो विरोधी प्रतिक्रियाएँ सामने आई हैं?
Ans. (1) लोगों का एक समूह मानता है कि इस राज्य को धारा '370'  के तहत विशेष दर्जा देने से यह भारत के साथ पूरी तरह नहीं जुड़ पाया है। यह समूह मानता है कि धारा 370 को समाप्त कर देना चाहिए और जम्मू - कश्मीर को अन्य राज्यों की तरह को ही होना चाहिए   

(ii) दुसरा वर्ग विश्वास करता है कि इतनी भर स्वतंत्रता पर्याप्त नहीं है।

Q.कश्मीर को विशेष स्थिति (दर्जा) दिए जाने पर वहाँ के एक वर्ग ने कौनसी तीन प्रमुख शिकायते' उठायी हैं?
Ans.(i) वहाँ के लोगों ने पहली शिकायत यह  की भारत सरकार ने वायदा किया था कि कबायली घुसपैठियों से निपटने के बाद जब स्थिति सामान्य हो जाएगी तो भारत संघ में विलय के मुद्दे पर जनमत- संग्रह कराया जाएगा। इसे पूरा नहीं किया गया।

(ii) धारा 370 के तहत दिया गया विशेष दर्जा पूरी तरह से अमल में नहीं लाया गया। इससे स्वायत्तता बहाली अथवा राज्य को ज्यादा स्वतंत्रता देने की माँग उठी।

(iii) तीसरी शिकायत यह की जाती है कि भारत के बाकी हिस्सों में जिस तरह लोकतंत्र पर अमल होता है उस तरह का संस्थागत लोकतांत्रिक बरताव जम्मू कश्मीर में नहीं होता।

Q.जम्मू कश्मीर में 1948 के बाद की राजनीति में होने वाले बदलावों का वर्णन कीलिए?
(i) पहला बदलाव यह था कि प्रधानमंत्री का पद सभालने के बाद 'शे अब्दुला ने भूमि सुधार की बड़ी मुहिम चलायी।
उन्होंने इसके साथ-साथ जन-कल्याण की कुछ नीतियाँ भी लागू कीं। इन सबसे यहाँ की जनता को फायदा हुआ।

 (ii)कश्मीर की हैसियत को लेकर शेख़ अब्दुल्ला के विचार केन्द्र सरकार से मेल नहीं  खाते थे। इससे दोनों के बीच मतभेद पैदा हुए सन 1953 में शेख अब्दुल्ला  को बरखास्त कर दिया गया। कई सालों तक उन्हें नजरबंद रखा गया शेख अब्दुल्ला  के बाद जो नेता सत्तासीन हुए वे शेख की तरह लोकप्रिय नहीं थे। केंद्र सरकार के समर्थन के दम पर ही वे राज्य में सरकार चला सके। 

(iii) 1953 से लेकर 1974 के बीच, अधिकांश समय इस राज्य की राजनीति पर कांग्रेस का असर रहा। कमज़ोर हो चुकी नेशनल कांफ्रेंस शेख अब्दुलला के बिना कांग्रेस के समर्थन से राज्य में कुछ समय तक सत्तासीन रही लेकिन वह बाद में वह कांग्रेस में मिल गई। इस तरह राज्य की सत्ता सीधे कांग्रेस के नियंत्रण में आ गई।

 (iv)इस  बीच शेख अब्दुल्ला और भारत सरकार के बीच सुलह की कोशिश जारी रही। आखिर कर 1974 में इंदिरा गाँधी के साथ शेख अब्दुल्ला ने एक समझौते पर हस्ताक्षर किए.  और वे राज्य के मुख्यमंत्री बने। उन्होंने नेशनल कांफ्रेंस को फिर से खड़ा किया और 1977 के राज्य विधानसभा के चुनाव में बहुमत से निर्वाचित हुए।

(V) सन 1982 में शेख अब्दुल्ला की मृत्यु हो गई और नेशनल कांफ्रेंस के नेतृत्व की कमान उनके पुत्र 'फारूख अब्दुलला ने संभाली। फारूख  अब्दुलला भी मुख्यमंत्री  बने । राज्यपाल ने   जल्द ही उन्हें बरखास्त कर दिया और इस बर्खास्तकी का आरोप केन्द्र सरकार के ऊपर लगा। इससे कश्मीर में नाराज़गी के भावः पैदा हुए।

(Vi) शेख अब्दुल्ला और इंदिरा गाँधी के बीच हुए समझौते से राज्य के लोगों का लोकतांत्रिक प्रक्रिया पर विश्वास जमा था परन्तु फारूख अब्दुल्ला की  सरकार की 'बरखास्तगी से इस विश्वास को धक्का लगा।

(vii) सन 1986 में नेशनल कांफ्रेंस ने केंद्र में सत्तासीन कांग्रेस पार्टी के साथ चुनावी गठबंधन किया। इससे भी लोगों को लगा कि केन्द्र राज्य की राजनीति में हस्तक्षेप कर रहा है।

Q. शेख अब्दुल्ला को बरबस्ति कब किया गया था?
Ans.सन 1953 में।

Q.PDP का पूरा नाम ? क्या है?
Ans.पीपुल्स डेमोक्रेटिक अलायंस (पीडीपी)

Q.सन 1989 के बाद, जम्मू एवं कश्मीर में अलगाववादी जानीति की भूमिका का वर्णन कीजिए ?
Ans.सन 1989 के बाद जम्मू एवं कश्मीर में अलगाववादी राजनीति की भूमिका निम्न रही है।

(i)जम्मू कश्मीर में अलगाववादियों का तबका कश्मीर को अलग राष्ट्र बनाना चाहत है यानी एक ऐसा कश्मीर जो न पाकिस्तान का हिस्सा हो न भारत का।

 (ii)जबकि कुछ अलगाववादी समूह चाहते हैं कि कश्मीर का विलय पाकिस्तान में हो जाए।अलगाववादी राजनीति का तीसरा समूह भी है। इस धारा के समर्थक चाहते हैं कि कश्मीर
भारत संघ का ही हिस्सा रहे लेकिन उसे और स्वतंत्रता दी जाए।

(iii) स्वतंत्रता की बात जम्मू और लद्दाख के लोगों अलग-२ ढंग से लुभाती हैं । इस क्षेत्र के लोगों की आम शिकायत उपेक्षा भरे बरताव और पिछड़ेपन को लेकर है । इस वजह से पूरे राज्य की स्वतंत्रता की माँग जितनी प्रबल है उतनी ही प्रबल माँग इस राज्य के विभिन्न भागों में अपनी अपनी स्वतंत्रता को लेकर है।

(iv)शुरुआती सालों में उग्रवाद को लोगों का  कुछ समर्थन हासिल था लेकिन अब यहाँ के लोग. शांति की कामना कर रहे हैं। केंद्र सरकार ने विभिन्न- अलगाववादी समूहों से बातचीत शुरू कर दी है। अलग राष्ट्र की माँग की जगह अब अलगाववादी समूह अपनी बातचीत में भारत संघ के साथ कश्मीर के रिश्ते को पुनर्परिभाषित करने पर ज़ोर दे रह है।

(v)जम्मू-कश्मीर बहुलवादी समाज और राजनीति का एक जीवन्त उदाहरण है। यहाँ धार्मिक, सांस्कृतिक, भाषाची जातीय और जनजातीय यानी हर तरह की विभिन्नताएँ हैं। साथ ही राजनीतिक आकांक्षाएँ भी एक सी नहीं है। इस तरह से जम्मू-कश्मीर में अलगाववादी समूह के लोगो ने वहा की, राजनीति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है परंतु इनके कुछ अच्छे तो कुछ बुरे प्रभाव भी रहे  हैं।

Q. जम्मू एवं कश्मीर किसका जीवंत उदाहरण है।
Ans.जम्मू कश्मीर बहुलवादी समाज और राजनीति एक जीवंत उदाहरण है।

Q. हिन्दी विरोधी आंदोलन भारत के किन  राज्यों में  चले।
Ans. भारत के दक्षिणी राज्यों में मुख्य रूप से हिंदी विरोधी आंदोलन चले।

Q. भारतीय संविधान का अनुच्छेद 370 किस राज्य से संबंधित है?
Ans. जम्मू-कश्मीर से

Q.भारतीय संविधान का अनुच्छेद 370 क्या है?
Ans.भारतीय संविधान का अनुच्छेद 370 जम्मू एवं कश्मीर से संबंधित है। इसके अन्तर्गत जम्मू एवं कश्मीर को अन्य राज्यों की तुलना में कुछ ज़्‌यादा विशेषाधिकार प्राप्त है।अर्थात भारत का संविधान जम्मू कश्मीर में  लागू नहीं है ।

Q.सन 1920 में अकाली दल  ने किसके गठन के लिए आंदोलन चलाया?
Ans.अकाली दल ने 'पंजाबी सूबा' के गठन के लिए आंदोलन चलाया।

Q.अकालियों के आगे किन कारणों से यह बात स्पष्ट हो चुकी थी कि सूबे के नए सीमांकन के बावजूद उनकी राजनीतिक स्थिति डावांडोल है?
Ans.अकालियों के लिए इसके दो मुख्य कारण थे।

(i) पहली बात तो यह की उनकी सरकार को केन्द्र ने कार्यकाल पूरा करने 'से पहले बर्खास्त कर दिया था।

ii) अकाली दल को पंजाब को हिन्दुओं के बीच कुछ खास समर्थन  हासिल नहीं था।

 (iii)सिख समुदाय भी दूसरे धार्मिक समुदायों की तरह जाति और वर्ग के धरातल पर बँटा हुआ था।

Q.सन 1973 में, आनंदपुर साहिब में हुए सम्मेलन में एक प्रस्ताव पारित (लागू) हुआ। इस प्रस्ताव की मुख्य मांगे क्या थी?
Ans.सन् 1973 में आनंदपुर साहिब में हुए सम्मेलन में जो प्रस्ताव पारित हुआ था उसकी माँगे निम्न थीं । 

(i) आनंदपुर साहिब प्रस्ताव में क्षेत्रीय स्वतंत्रता की माँग उठाई गई थी। इस प्रस्ताव की माँगों में केन्द्र क संबंधो को पुनर्परिभाषित करने की बात शामिल थी।

(ii) इस प्रस्ताव में सिख कौम' की आकांक्षाओं पर जोर देते हुए सिखों के 'बोलवाला का ऐलान किया गया। इस प्रस्ताव की माँग - सुंघवाद को मज़बूत करने की अपील करता है।

Q.आनंदपुर साहिब प्रस्ताव का सिख जन समुदाय पर बड़ा कम असर पड़ा। कैसे?
(i) .जब 1980 में अकाली  दल की सरकार  बर्खास्त हो गई तो अकाली दल ने पंजाब तथा पड़ोसी राज्यों के बीच पानी के बँटवारे मुद्दे पर एक आंदोलन चलाया।

(ii) धार्मिक नेताओं के एक तबके ने स्वायत सिख पहचान की बात उठायी। कुछ चरमपंथी सबकों ने भारत से अलग होकर 'खालिस्तान" बनाने की वकालत की। उत: प्रस्ताव में ऐसा कुछ भी नहीं किया गया जिसका असर सिख कौम पर कम पड़ा। यही वजह है कि आनंदपुर  साहिब प्रस्ताव का सिख जन समुदाय पर कम पड़ा ।

Q.ऑपरेशन ब्लू स्टार ' क्या है?
सन 1984 में उग्रवादियों ने अमृतसर स्थित सिखों के तीर्थ स्वर्णमंदिर में अपना, मुख्यालय बनाया और स्वर्णमंदिर 'एक हथियारबंद किले में तब्दील हो गया। इसके जवाब में भारत सरकार ने सैनिक कार्रवाई की जिसका कूट नाम ऑपरेशन ब्लू स्टार' था। " 

Q.प्रधानमंत्री इंदिरा गाँधी की हत्या कुब हुई थी?
Ans. 31 अक्तूबर 1984 में

Q.सिख-विरोधी हिंसा का क्या अर्थ है ?
Ans.प्रधानमंत्री इंदिरा गाँधी की  31 अक्तूबर 1984 के दिन उनकेआवास के बाहर उन्हीं के अंगरक्षकों ने हत्या कर दी। एक तरफ पूरा देश इस घटना  से शोक संतप्त था तो दूसरी तरफ दिल्ली सहित उत्तर भारत के कई हिस्सों में सिख समुदाय के विरुद्ध हिंसा भड़क उठी। जो 'सिख विरोधी हिंसा' के नाम से प्रसिद्ध हुआ

Q.देश के प्रधान मंत्री'मनमोहन सिंह ने कब संसद में अपने भाषण के दौरान इस रक्तपात पर अफसोस जताया और सिख विरोधी हिंसा के लिए देश से माफीकब माँगी ।
Ans.सन 2005 में ।

Q.'पंजाब-समझौता' क्या था?
 सन् 1984 के चुनावों के बाद सत्ता में आने पर नए प्रधानमंत्री राजीव गाँधी ने नरमपंथी अकाली नेताओं से बातचीत की शुरूआत की। अकाली दल के तत्कालीन अध्यक्ष हरचंद सिंह लोगों वाल के साथ 1985 के जुलाई में एक समझौता हुआ इस समझौते को राजीव गाँधी, लोंगोवाल सुमझौता अथवा पंजाब समझौता कहा जाता।

Q.पंजाब समझौता कब और किनके बीच हुआ था ?
पंजाब समझौता सन 1985 के जुलाई में प्रधानमंत्री 'राजीव गाँधी और नरमपंथी अकाली दल के तत्कालीन 'अध्यक्ष हरचंद्र सिंह लोगोंवाल' के बीच हुआ था।

Q.पंजाब से निकले दो राज्यों के नाम लिखिए ? 
Ans.हरियाणा और हिमाचल प्रदेश 

Q.भारत के लिए पूर्वोत्तर का इलाका किस तरह से प्रवेश-द्वार है?
Ans.पूर्वीत्तर का इलाका भारत के लिए एक तरह से दक्षिण - पूर्व'एशिया का प्रवेश द्वार है।

Q.भारत के पूर्वोत्तर क्षेत्र की राजनीति में कोन से मुख्य मुद्दे रहे है?  
Ans.भारत के पूर्वोत्तर क्षेत्र की राजधानी में तीन मुद्दे वही है।

(क) स्वायत्तता की माँग

(ख) अलगाव के आंदोलन

(ग) 'बाहरी' लोगों  का विरोध

Q.मिजो नेशनल फ्रंट: की स्थापना कब और किसने की थी? 
Ans.मिजो नेशनल फ्रंट' की स्थापना 1959 में लालडेंगा' ने की थी। 

Q.मिजो नेशनल फ्रंट की स्थापना क्यों की "गई थी?
Ans.सन 1959 में मिजो पर्वतीय इलाके से भारी अकाल पड़ा। और असम की सरकार इस अकाल में समुचित प्रबंध करने में नाकाम रही। इसी के बाद अलगाववादी आंदोलन को जनसमर्थन मिला। और उसके बाद मिजो लोगों ने गुस्से में आकर 'लालडेंगा' के नेतृत्व में मिजो नेशनल फ्रंट की स्थापना की।

Q.राजीव गाँधी और लालडेंगा के बीच शांति समझौता कब हुआ था?
Ans.सन 1986 में

Q.मिजोरम के पहले मुख्यमंत्री कौन थे? 
Ans.लालडेंगा

Q.असम मे आंदोलन के दो मुख्य कारण क्या रहे हैं?
Ans.(i) पहला कारण वहाँ के बाहरी लोगों का  विरोध रहा है। जो सन 1971 में भारत-पाकिस्तान के युद्ध के दौरान भरत मे शरणार्थी के रूप मे आए और यही बस गए।

(ii) असम में तेल चाय और कोयला जैसे प्राकृतिक संसाधनों की मौजूदगी के बावजूद व्यापक गरीबी थी। यहाँ की जनता ने  माना कि असम के प्राकृतिक संसाधन बाहर भेजे जा रहे है,  और असमी लोगों को कोई फ़ायदा नहीं हो रहा है।

Q.आसू (AASU) का पूरा नाम क्या है? 
 Ans.ऑल- असम स्टूडेंटस यूनियन 

Q.आशु  क्या था और इसका आंदोलन किसके खिलाफ था?
Ans. आंसू एक छात्र संगठन था और इसका जुड़ाव किसी भी राजनीति दल से नहीं था ।"आँसू' का आंदोलन अवैध आप्रवासी, बंगाली और अन्य लोगों के दबदबे तथा मतदान सूची में लाखों आप्रवासियों  के नाम दर्ज करे लेने के खिलाफ था।

Q.आसू' की मुख्य माँगे क्या थी?
Ans. इस आंदोलन की मुख्य मांग यह थी  की सन 1951 के बाद जितने भी लोग असम में आकर बसे हैं उन्हें असम के बाहर भेजा जाए।

Q. असम गण परिषद की स्थापना कब की हुई थी?
Ans.सन 1985 में।

Q. असम समझौता कब और किन के बीच हुआ था?
Ans. असम समझौता सन 1985 में राजीव गांधी और आशु के नेताओं के बीच हुआ था।

Q. गोवा भारतीय संघ का राज्य कब बना?
Ane.1987मे