नियोजित विकास की राजनीती CLASS 12 POL SCIENCE SECOND BOOK CHAPTER 3 || NOTES IN HINDI

CLASS 12 Pol science SECOND BOOK chapter 3 नियोजित विकास की राजनीती


 Q. उड़ीसा के ग्रामीण लोग ‘पोस्को प्लांट’ का विरोध क्यों कर रहे थे?
Ans. लोहा-अयस्क के ज्यादातर भंडार उड़ीसा के सर्वाधिक अविकसित इलाकों में है।जहां खासकर राज्य के आदिवासी लोग रहते हैं। यदि यहां  उद्योग लग गए तो उन्हें अपने घर बार से विस्थापित होना पड़ेगा और आजीविका भी छिन जाएगी। इसलिए वह के लोग पास्को प्लांट का विरोध कर रहे थे ।

Q.‘वामपंथ’क्या है ?
Ans.वामपंथ एक ऐसी विचारधारा है जो गरीब और पिछड़े सामाजिक समूह की तरफ़दारी करते हैं और इन तलकों को फायदा पहुँचाने वाली सरकारी नीतियों का समर्थन करते हैं।

Q.'दक्षिणपंथ'क्या है?
Ans.  दक्षिणपंथी से अभिप्राय उस विचारधारा से जो यह मानते है कि खुली प्रतिस्पर्धा और बाज़ार मूलक अर्थव्यवस्था के जरिए ही प्रगति हो सकरी है यानी सरकार को अर्थव्यवस्थ था में गैरजरूरी हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए।

Q. विकास' से क्या अभिप्राय है?
Ans. विकास का अर्थ हैं ज्यादा से ज्यादा आधुनिक होना और आधुनिक होने का अर्थ है,पश्चिमी औधोगिक देशों की तरह होना ।

Q.पश्चिमी मुलकों में पूँजीवाद और उदारवाद का उदय कैसा हुआ।
Ans.पश्चिमी मुलकों में आधुनिकी करण के कारण पुरानी सामाजिक संरचना टूटी और पूँजीवाद तथा उदारवाद संरचना  कां उदय हुआ।

Q.आज़ादी के वक्त हिन्दुस्तान के सामने विकास के कितने मॉडल थे ? 
Ans.आज़ादी विकास के के भक्त हिन्दुस्तान के सामने दो मॉडल थे।
 
1)उदारवादी - पूंजीवादी मॉडल 
2)समाजवादी मॉडल

Q. योजना आयोग की स्थापना कब हुई थीं?
Ans.मार्च 1950 में।

Q.'बॉम्बे प्लान' से आप क्या समझते है?
Ans. सन् 1944 में उद्योगपतियों का एक तबका एकजुट हुआ। और इस समूह ने देश में नियोजित अर्थव्यवस्था चलाने का एक संयुक्त प्रस्ताव तैयार किया। जिसे 'बॉम्बे प्लान'  कहा गया।

Q.भारत के योजना आयोग ने कौन सा विकल्प चुना था? 
Ans.भारत  के योजना आयोग ने पंचवर्षीय योजना का विकल्प चुना था ।

Q.योजना आयोग के अनुसार केंद्र सरकार और सभी राज्य- सरकारों के बजट को  किन दो हिस्सों में बाँटा गया है?
Ans.1) गैर-योजना व्यय
        2)योजना -व्यय

Q.प्रथम पंचवर्षीय योजना कब शुरू हुई थी?
Ane.सन 1951 में।

Q.के. एन. राज कौन थे? और इनकी मुख्य दलील क्या थी?
Ans.के एन. राज एक युवा अर्थशास्त्री थे, जिन्होंने यह दलील दी थी कि  अगले दो दशक तक भारत को अपनी चाल 'धीमी' रखनी चाहिए क्योंकि तेज़ रफ्तार विकास से अर्थव्यवस्था को  नुकसान पहुँचेगा।

Q.पी. सी. महालनोबिस कौन थे?
Ans.पी. सी महालनोबिस अंतराष्ट्रीय स्तर के विख्यात वैज्ञानिक एंव सांख्यिकी विद थे । जो दूसरी पंचवर्षीय योजना के योजनाकार भी थे ।

Q.भारतीय सांख्यिकी संस्थान के संस्थापक कौन थे?
Ans.पी. सी. महालनोबिस 

Q.‘केरल मॉडल' क्या था?
केरल में विकास और नियोजन के लिए जो रास्ता चुना गया उसे केरल मॉडल कहा जाता है।

Q.प्रथम पंचवर्षीय योजना के अनुसार केन्द्र सरकार और सभी राज्य सरकारों के बजट को कितने हिस्सों में 'बाँटा गया ?
Ans.प्रथम पंचवर्षीय योजना के अनुसार केन्द्र सरकार और सभी राज्य सरकारों के बजट को दो हिस्सों में बाँटा गया।

1)गैरयोजना- व्यय
2)योजना व्यय

गैर योजना- व्यय:- इस योजना व्यय के अन्तर्गत सलाना आधार पर दैनंदिन मदों पर खर्च करना था। 

योजना व्यय :- इस योजना व्यय के अन्तर्गत तय की गाई प्राथमिकताओं को ध्यान में रखते हुए इसे पाँच साल की अवधि में खर्च करना था।

Q.पहली पंचवर्षीय योजना में ज्‌यादा ज़ोर किस पर था ? स्पष्ट कीजिए?
Ans.पहली पंचवर्षीय योजना में ज़्यादा जोर कृषि. पर था। इसी योजना के अन्तर्गत बाँध और (सिंचाई के क्षेत्र में निवेश किया गया। क्योंकि विभाजन के कारण कृषि - क्षेत्र को गहरी मार लगी थी इसलिए इस क्षेत्र पर ध्यान देना ज़रूरी था। भाखड़ा-नांगल जैसी विशाल परियोजनाओं के लिए बड़ी धनराशि आबंटित की गई।

*.इस पंचवर्षीय योजना में माना गया था कि देश में भूमि के वितरण का जो ढर्रा मौजूद है उससे कृषि के विकास को सबसे बड़ी बाधा पहुँचती है। इस योजना में भूमि- सुधार पर ज़ोर दिया गया और उसे देश के विकास की बुनियादी चीज माना गया। इसलिए प्रथम पंचवर्षीय योजना की कोशिश थी कि उजड़ी और पिछड़ी कृषि व्यवस्था को उभारना था।

Q.दूसरी पंचवर्षीय योजना किस मुख्य अर्थशास्त्री के नेतृत्व में तैयार की गई थी?
Ans. पी. सी महालनोबिस

Q.दूसरी पंचवर्षीय योजना में सबसे ज़्‌यादा जोर किस पर दिया गया था?
Ans.दूसरी पंचवर्षीय योजना में भारी उद्योगों के विकास पर ज़ोर दिया गया ।

Q.'जे. सी. कुमारप्पा कौन थे?
Ans.कुमारप्पा गांधीवादी अर्थशास्त्री थे और योजना आयोग के सदस्य के रूप मे योजना प्रक्रिया में हिस्सेदारी की थी।

Qभारत की अर्थव्यवस्था ‘मिश्रित अर्थव्यवस्था’ क्यों कहा जाता हैं ? वर्णन करो?
Ans.स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद भारत के  सामने विकास के दो जाने-माने मॉडल थे भारत ने उनमें से किसी को नहीं अपनाया। पूँजीवादी मॉडल में विकास का काम पूर्णतया निजी क्षेत्र के भरोसे होता है। भारत ने यह रास्ता नहीं अपनाया। भारत ने विकास का समाजवादी मॉडल भी - नहीं अपनाया जिसमे निजी संपत्ति को खत्म कर दिया जाता है। और हर तरह के उत्पादन पर राज्य का नियंत्रण होता है। इन दोनों ही मॉडल की कुछ एक बातों की ले लिया गया और अपने देश में इन्हें मिले जुले रूप में लागू किया गया। इसी कारण भारत की अर्थव्यवस्था को मिश्रित अर्थव्यवस्था कहा जाता है।

Q.भारत में सबसे बड़ा 'खाद्य संकटउ'कब हुआ था?
Ans.1960 के दशक में।

Q.भारत ने 'हरित क्रांति? कब अपनायी थीं?
Ans.1960 में।

Q.'मिलकमैन ऑफ़ इंडिया' के नाम से किसे जाना जाता है? 
Ans.वर्गीज कुरियन।

Q.ऑपरेशन फ्लड से आप क्या समझते है?
 सन 1970 में ‘ऑपरेशन फ्लड’ क नाम से एक ग्रामीण विकास कार्यक्रम शुरू हुआ था। इस आपरेशन के अन्तर्गत सहकारी दूध उत्पादकों को उत्पादन और विपणन के एक राष्ट्रव्यापी तंत्र से जोड़ा गया। 

Q.हरित क्रांति का प्रभाव सबसे ज़्‌‌यादा किन राड्यो पर पड़ा था?
Ans.पंजाब, हरियाणा और पश्चिमी उत्तर प्रदेश भारत पर।

Q. सन् 1965 की 'हरित क्रांति के भारत पर दो मुख्य प्रभाव क्या हुए?
Ans.1)पहला असर तो यह हुआ कि गरीब किसानों और  भू-स्वामियों के बीच का अंतर मुखर हो उठा। इससे देश के विभिन्न हिस्सों में वामपंथी संगठनों के लिए गरीब किसानों को लामबंद करने के लिहाज से अनुकूल स्थिति पैदा हुई।

2)हरित क्रांति के कारण कृषि में मझोले दर्जे के किसन यानी मध्यम श्रेणी स्वामित्व वाले किसानों का भार हुआ। इन्हें बदलावों से फायदा हुआ था और देश के अनेक हिस्सों में ये प्रभावशाली बनकर उभरे।

Q.सन 1967 की अवधि में भारत सरकार ने कितने निजी बैंकों का राष्ट्रीयकरण किया था?
Ans.14 निजी बैंकों का।

Q. हरित क्रांति क्या थी ? हरित क्रांति के दो सकारात्मक और दो नकारात्मक परिणामों का उल्लेख करें?
Ans. हरित क्रांति का अर्थ:- सन 1960 के दशक में भारत सरकार कृषि क्षेत्र को विकसित करने के लिए एक नीति अपनाई जिसे हरित क्रांति के नाम से जाना गया।

हरित क्रांति के सकारात्मक परिणाम:-1) खेतों के हर पैदावार में वृद्धि खासकर गेहूं की पैदावार में वृद्धि और देश में खाघान्न की उपलब्धता बड़ी।

2) पंजाब ,हरियाणा और पश्चिमी उत्तर प्रदेश जैसे इलाके कृषि के लिहाज से समृद्ध होगा।

हरित क्रांति के नकारात्मक परिणाम :-1)धनी किसान और भूस्वामियों को ज्यादा फायदा हुआ।

1) गरीब किसानों और गोस्वामियों के बीच अंतर बड़ा।

Q.'नियोजित विकास'से आप क्या समझते हैं?
Ans.अर्थव्यवस्था के पुनर्निर्माण तथा शीघ्रगामी आर्थिक विकास व संसाधनों के पुनर्वितरन के लिए योजना वृद्ध होना नियोजित विकास कहलाता है।