Class 12 History chapter 11 महात्मा गांधी और राष्ट्रीय आंदोलन Nostes

Chapter -11 महात्मा गाँधी और राष्ट्रीय आंदोलन

              

              Chapter -11
महात्मा गाँधी और राष्ट्रीय आंदोलन

                   " गाँधी जी के तीन प्रमुख सत्याग्रह "

i) चंपारण 1916 में (ii) खेड़ा 1917 में  (iii) अहमदाबाद 1918 में 


* दक्षिण अफ्रीका के नागरिक आन्दोलन में गाँधी जी की भूमिका :- सन् 1893 में Mk गाँधी दक्षिण अफ्रीका की एक भारतीय फर्म में वकालत के लिए गए जहाँ उन्हें भारतीय होने के कारण भेदभाव व पताड़ना  सहनी पड़ी। यहाँ उनके साथ कई अप्रिय घटना घटी और उनको यहाँ पर नस्लीय भेदभाव भी सहना पड़ा जिससे वे बुरी तरह मानसिक आघात के शिकार हुए। इन घटनाओं ने गाँधीजी को समाज के प्रति होने वाले अत्याचारों के प्रति झकझोर कर रख दिया।

सन् 1906 में दक्षिण अफ्रीका में जुलु युद्ध हुआ, जो गोरी सरकार के खिलाफ नस्लीय भेद‌भाव के खिलाफ था। इसी युद्ध में गांधी जी ने महत्वपूर्ण भूमिका अदा की थी। और इसके बाद 1915 में महात्मा गाँधी हमेशा के लिए भारत आ गए परंतु जब 1995 में महात्मा गाँधी आए तो वे यहां के राजनीतिक और सामाजिक  दृश्य को देखकर आश्चर्य चकित रह गए। उन्होंने देखा कि चारों तरफ अंग्रेजो द्वारा भारतीय मूल के लोगो पर अत्याचार हो रहा था। जमीदारों की शक्ति से प्रभावित भारतीयों को बहुत कम भत्ता मिल रख था जिससे देश में चारो तरफ गरीबी छा गई थी। सभी गाँवो में गंदगी और बीमारी फैल रही थी।

                                महात्मा गांधी 

     पिता    -   करमचंद्र गाँधी

• इनके  पिता गुजरात के पोरबंदर जिले के 'काठियावार" नामक ग्राम के दीवान थे।

       माता    -      पुतलीबाई 

जो क्रमचंद्रगाँधी क की चौथी पत्नी थीं। इसी से करमचंद गाँधी को महान पुत्र महात्मा गाँधी का जन्म हुआ था।

        पत्नी     -    कस्तूरबा गाँधी

• MK गाँधी की  शादी 13 वर्ष की उम्र मे 14 वर्ष की कस्तूरबा से कर दिया गया था।

शिक्षा

गाँधी जी ने प्राथमिक शिक्षा गुजरात व उच्च शिक्षा लंदन व दक्षिण अफ्रीका से प्राप्त की थी।

"महात्मा गाँधीजी के पुत्र "

हीरा लाल गांधी

राम दास गाँधी

देव दास गाँधी

मन्नी लाल गाँधी

प्र .1 स्वदेशी आन्दोलन कब हुआ था. ? इसे किन तीन नेताओं ने समर्थन दिया था ?

उतर .1 स्वदेशी आन्दोलन सन् 1905-07 में हुआ था और इस आन्दोलन को बाल गंगाधर तिलक, विपिन चंद्रपाल और लाला लाजपत राय ने समर्थन दिया था।

प्र.2 गाँधी जी के किन्हीं दो राजनीतिक गुरु का नाम बताइए

उतर 1) गोपाल कृष्ण गोखले

       2) मोहम्मद अली जिन्ना

प्र .3 बनारस विश्वविद्यालय की स्थापना कब और किसने थी ?

उतर .3 बनारस विश्वविद्यालय की स्थापना सन् 1916 में मंदन मोहन मालवीय ने की थी।

प्र 4. किन तीन नेताओं को लाल, बाल और पाल के नाम से जाना जाता है? और इन तीनों का संघर्ष किस बात की सूचना देता है?

उतर .4 बाल गंगाधर तिलक ,विपिन चंद्रपाल और लाला लाजपत राय को लाल बाल और पाल को नाम से जाना जाता है। इन तीन नेताओं का जोर अनेक संघर्ष के अखिल भारतीय चरित्र की सूचना देता है।

सरकारी आकड़ों के मुताबिक सन् 1921में। कुल 396 हरताले  हुई जिसमें करीब 6 लाख श्रमिक  शामिल थे।

 प्र .5 जलियावाला बाग हत्याकांड  की घटना कब घटी थी और इस में कुल  कितने नागरिक गए थे ?

उतर.5 जलियावाला बाग हत्याकांड की घटना अप्रैल 1919 में हुई थी और इसमें कुल 400 से अधिक नागरिक मारे गए थे।

प्र.6 खिलाफत आन्दोलन क्या था और इस आन्दोलन की मुख्य मांगे क्या थी?

उतर. खिलाफत आन्दोलन मोहम्मद अली और शौकत अली के. नेतृत्व में भारतीय मुसलमानों का एक आन्दोलन था।.

खिलाफत आंदोलन की प्रमुख मांगे :- 

i) इस आन्दोलन की पहली माँगا यह थी की ऑटामन साम्राज्य के सभी इस्लामी पवित्र स्थानों पर तुर्की सुलतान अथवा खलीफा का नियंत्रण बना रहे। 

ii) जजीरात - उल - अरब (अरब, सीरिया, इराक और फिलिस्तीन इस्लामी संप्रभुता के अधीन रहे तथा खलीफा के पास इतने क्षेत्र हो कि वह इस्लामी विश्वास को सुरक्षित करने के योग बन सके ।

प्र .7"लुई फिशर" कौन थे? और इन्होंने गाँधीजी के विषय पर क्या कहा था?

उतर. लुई फिशर अमेरिका के लेखक थे जिन्होंने गांधी जी के विषय पर बहुत कुछ कहा था जैसे :

i) उन्होंने कहा कि असहयोग भारत और गाँधीजी के जीवन के एक युग का ही नाम हो गया।

ii) असहयोग शांति की दृष्टि से नकारात्मक किन्तु प्रभाव की दृष्टि से बहुत सकारात्मक था इसके लिए प्रतिवाद,परित्याग और स्व- अनुशासन आवश्यक थे।

iii) यह स्वशासन के लिए एक प्रशिक्षण था। 1857 के विद्रोह के बाद पहली बार असहयोग आन्दोलन के परिणाम स्वरूप अंग्रेजी राज की नींव हिल गई थी।

प्र .8 चौरी-चौरा अग्निकांड की धरना कब घटी थी और इसमें कितने पुलिसकर्मी मारे गए थे?

उतर . चौरी चौरा अग्निकांड की घटना 22 फरवरी 1922 में घटी थी। और इसमें 22 पुलिसकर्मी मारे गए थे।

प्र.9 "जस्तिसी सी. एन. ब्रूमफिल्ड का गांधी जी के उपर क्या विचार थे?

उतर.i) इसका कहना था कि इस तथ्य को  नकारना असंभव होगा कि मैंने आज तक जिसकी पांच की है अथवा करूंगा आप उनसे भिन्न श्रेणी के हैं।

ii) इस तथ्य को नकारना असंभव होगा कि आपके लाखो वासियों की दृष्टि में आप एक महान देशभक्त और नेता है।

iii) यहाँ तक कि राजनीति में जो लोग आपसे अलग मत रखते हैं वे भी आपकों उच्च आदर्शों और पवित्र जीवा वाले व्यक्ति के रूप में देखते है।

iv) गाँधीजी ने कानून की अवहेलना की थी अतः उस न्याय पीठ के लिए गाँधी जी को 6 वर्षों की जेल की सुनाया जाना आवश्यक सजा था।

v)  लेकिन जज ब्रूमफील्ड ने कहा कि यदि भारत में घट. रही घटनाओं के लिए सजा के इन वर्षों में कमी और और आपको मुक्त कराना संभव हुआ तो इससे ज्यादा मुझसे ज्यादा प्रसन्न कोई नही होगा।

प्र 10. गाँधीजी किस प्रकार एक जननेता बन गए थे ?

उतर . i) अपने वायदों को पूरा करना

ii) असहयोग समाज के प्रत्येक वर्ग का आन्दोलन होना

iii) गाँधीजी का सामान्य जीवन स्तर

iv)स्थानीय लोगों के बीच रहना

प्र 11. सन् 1917 से 1922 के बीच भारतीयों के किस प्रभावशाली वर्ग ने स्वयं को गाँधीजी के साथ जोड़ लिआ था ?

उतर . सन् 1917 से 1922 के बीच भारतीयों के बहुत ही प्रभावशाली वर्ग ने स्वयं को गाँधीजी के साथ जोर लिया था। इसमें महादेव देसाई, कलम भाई पटेल, जे. बी. कृपलानी, सुभाष चंद्र बोस अब्दुल कलाम आजाद, जवाहर लाल नेहरू, सरोजिनी नाइयडू, गोविंद बल्लभ पंत और सी. राजगोपालाचारी शामिल थे।

प्र 12. साइमन कमीशन भारत कब आया था ? और इसे भारत क्यों भेजा गया था ?

उतर . साइमन कमीशन सन् 1928 में भारत आया था और इसे उपनिवेश की स्थितियों की जाँच पड़ताल के लिए इंग्लैंड से भेजा गया था, इसके विरुद्ध अखिल भारतीय अभियान चलाया जा रहा था। परंतु इस कमीशन को भारतीय विरोध का सामना करना पड़ा और बिना किसी सफलता के भारत से इंग्लैंड जाना पड़ा था इस विरोध का मुख्य कारण इस कमीशन में कोई भी भारतीय का न होना था।

प्र13. कांग्रेश का लाहौर, अधिवेशन कब हुआ था और यह अधिवेशन किन दो मायनों में महत्वपूर्ण था ?

उतर. कांग्रेस का लाहौर अधिवेशन दिसंबर 1929 में हुआ था और यह अधिवेशन दो मायनों में महत्वपूर्ण था।

i)  जवाहरलाल नेहरू का अध्यन के रूप में चुनाव जो युवा पीढ़ी को नेतृत्व की छड़ी सौंपने का प्रतीक था।

ii) इसके अलावा इस अधिवेशन में पूर्ण स्वराज अथवा पुर्ण स्वतंत्रता की घोषणा की गई। 

प्र14. गाँधीजी ने स्वतंत्रता दिवस को मानने के लिए कौन -कोन से निर्देश दिए थे?

उतर .i)  गाँधीजी ने सुझाव दिया नगाड़े पीटकर पारंपरिक तरीके से संगोष्ठी के समय की घोषणा की जाए। राष्ट्रीय ध्वज को फहराए जाने से समारोहों की शुरुआत की जाय। 

ⅱ) दिन का बाकी हिस्सा किसी रचनात्मक कार्य में चाहे वह सूत कर्ताई से अथवा 'अछूतों' की सेवा अथवा हिंदुओं व मुसलमानों का पुनर्मिलन अथवा निषिद्ध कार्य अथवा ये सभी एक साथ करने में व्यतीत होगा और यह असंभव नहीं है।

iii) इसमें भाग लेने वाले अन्य लोग 'दृढतापूर्वक यह प्रतिज्ञा लेंगे कि  अन्य लोगों की तरह भारतीय लोगों को भी स्वतंत्रता और. असे कठिन परिश्रम के फल का आनंद लेने का अहरणीय अधिकार है और यह कि यदि कोई भी सरकार लोगों को इन अधिकारों से वंचित रखती है. या उनका दमन करती है तो लोगों को इन्हें बदलने अथवा समाप्त करने का भी अधिकार हैं।"

प्र15. नमक कानून सत्याग्रह व स्वतंत्रता संघर्ष का एक महत्वपूर्ण मुद्‌दा क्यों बन गया था ? स्पष्ट कीजिए।

उतर .i) नमक कानून जैसे अति संवेदनशील मुद्दों पर लोगों को संगठित किया। 

ii) समाज के उच्चवर्ग को आकर्षित किया।

iii) सरकारी क्रमचारियों को स्वतंत्रता संघर्ष में शामिल होने के लिए अपील की।

• गाँधीजी की नमक यात्रा की मुख्य विशेषता यह थी कि इनकी टोली ने 24 दिन तक हर रोज लगभग 10 मील का सफर तय किया था।

प्र 16. नमक यात्रा किन तीन कारणों से उल्लेखनीय थी?

उतर i) यही वह घटना थी जिसके चलते महात्मा गाँधी दुनिया की नजर में आए। यह यात्रा को अमेरिका और यूरोप प्रेस ने व्यापक कवरेज दी थी।

ⅱ) यह पहली राष्ट्रवादी गतिविधि थी जिसमें औरतों ने भी बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया था। सामाजवादी कार्यकर्ता कमलादेवी चट्टोपाध्याय ने गाँधी जी को समझाया कि आन्दोलन को पुरुषों तक ही सीमित  न रखे। कमलादेवी खुद उन असंख्य औरतों में से एक थी जिन्होंने नमक या शराब ब कानूनों का उलंघन करते हुए सामूहिक गिरफ्तारी दी थी।

iii) सबसे महत्वपूर्ण कारण यह था कि नमक यात्रा के कारण ही अंग्रेजों को यह एहसास हुआ था कि अब उनका राज बहुत दिन नहीं टिक सकेगा और उन्हें भारतीयों को भी सत्ता में हिस्सा देना पड़ेगा।

प्र17. पहला गोलमेज सम्मेलन कब आयोजित किया गया था? और यह बैठक असफल क्यों साबित हुई थी?

उतर.17 पहला गोलमेज सम्मेलन नवंबर 1930 में लंदन में आयोजित हुआ था और यह सम्मेलन असफल इसलिए : साबित हुआ था क्योंकि इसमें देश के प्रमुख नेता शामिल नहीं हुए थे।


प्र 18. "गाँधी- इर्विन" समझौता क्या था ? और इसकी मुख्य शर्त क्या थी ?

उतर . जनवरी 1931 में गांधी और इर्विन के बीच एक समझौते हुआ था जिसे "गांधी- इर्विन" समझौते के नाम से जाना जाता था।

"गांधी इर्विन" समझौते की मुख्य शर्त:

i) सविनय अवज्ञा आंदोलन को वापस लेना

ii) सारे कैदियों की रिहाई

iii) तटीय इलाकों में नमक उत्पादन की अनुमति देना।


प्र19. रैडिकल राष्ट्रवादियों ने गाँधी - इर्विन समझेते की आलोचना क्यों की थी?

उतर.  क्योंकि गांधीजी केवल वायसराय से भारतीय के लिए राजनीतिक स्वतंत्रता का आश्वासन हासिल नहीं कर पाए थे। गांधीजी को इस इस संभावित लक्ष्य की प्राप्ति के लिए केवल वार्ताओं का आश्वासन मिला था।

प्र 20 . दूसरा गोलमेज सम्मेलन कब आयोजित हुआ था और इस सम्मेलन का नेतृत्व कौन कर रहा था?

उतर.  दूसरा गोलमेज सम्मेलन 1931  में लंदन में आयोजित हुआ. था और इस सम्मेलन का नेतृत्व गाँधीजी कर रहे थे। इस सम्मेलन में गांधीजी ने कहा था कि उनकी पार्टी पूरे भारत का प्रतिनिधित्व करती है।

प्र.21 दूसरे गोलमेज सम्मेलन में गाँधीजी द्वारा किए गए दावे को किन तीन समूहों ने चुनौती दी थी?

उतर.i) मुस्लिम लीग का कहना था कि वह मुस्लिम अल्पसंख्यक के हित में काम करती है जबकि कांग्रेश पार्टी नहीं।

ii) राजे-रजवाड़े का दावा था कि कांग्रेश का उनके  नियंत्रण वाले भुभाग पर कोई अधिकार नही है।

iii) तीसरी चुनौती तेज तर्रार वकील और विचारक बी आर अम्बेडकर की तरफ से थी जिनका कहना था कि गाँधी जी और कांग्रेश पार्टी निचली जातियों का प्रतिनिधित्व नहीं करती।

प्र22. महात्मा गाँधी ने निम्न जातियों के लिए पृथक निर्वाचन की मांग  का विरोध क्यों किया था ?

उतर . क्योंकि उनका मानना था कि ऐसा करने पर समाज की मुख्य धारा में उनका एकीकरण नहीं हो पाएगा और वे सवर्ण हिन्दुओं से हमेशा के लिए अलग रह जाएंगे।

प्र 23. क्रिप्स मिशन भारत कब आया था ?

उतर . 1942 मे ।

प्र 24. भारत छोड़ो आन्दोलन सही मायने में एक जन आन्दोलन था। कैसे ?

उतर i) इस आन्दोलन ने युवाओं को बड़ी संख्या में अपनी ओर आकर्षित किया। उन्होंने अपने कॉलेज छोड़कर जेल का रास्ता अपनाया। जिस दौरान काग्रेस के नेता जेल में थे।

ⅱ) उसी समय जिन्ना तथा मुस्लिम लीग के अनेक साधी अपना प्रभाव क्षेत्र फैलाने में लगे थे। इन्हीं सालों में लीग को पंजाब और सिंध में अपनी पहचान बनाने का मौका मिला जहाँ अभी तक उसका कोई खास बजूद नहीं था।

iii) जून 1944 में जब विश्व युद्ध समाप्ति की ओर था तो गाँधी को रिहा कर दिया गया। जेल से निकलने के बाद उन्होंने कांग्रेश और लीग के बीच फासले को कम करने के लिए जिन्ना के साथ कई बार बात की. की।

iv) 1945 में ब्रिटेन में सेवर पारी की सरकार बनी। यह सरकार भारतीय स्वतंत्रता के पक्ष में लॉर्ड वावेल ने थी। उसी समय वायसराय कांग्रेश और मुस्लिम लीग के प्रतिनिधियों के बीच कई बैठकों का आयोजन किया।

प्र 25. कैबिनेट मिशन भारत कब आया था और इस मिशन मुख्य उद्देश्य क्या था ?

उतर . कैबिनेट मिशन भारत 1946 में आया था। यह मिशन गर्मियों में आया था।

कैबिनेट मिशन का मुख्य उद्देश्य:  इस मिशन ने क्रांग्रेश और मुस्लिम लीग को एक ऐसी संघीय व्यवस्था पर राजा करने का प्रयास किया जिसमें भारत के भीतर विभिन्न प्रांतो को सीमित स्वायत्ततां दी जा सकती थी। कैबिनेट का यह प्रयास भी विफल रहा।

प्र 26. महात्मा गाँधी जी की हत्या कब और किसने की थी?

उतर. गाँधी जी की हत्या 30 जानवरी, 1948 को नाथूराम गोडसे नामक एक ब्राह्मण ने की थी।

प्र 27. गाँधी जी के किसी एक पत्र का नाम  बताइए।

उतर .हरिजन,

प्र 28. गाँधीजी की मृत्यु से चारों ओर गहरे शोक की लहर क्यों और  दौर गई थी?

उतर .i)  गाँधीजी की मृत्यु से चारों ओर गहरे शोक की लहर दौर गई। भारत भर के राजनीतिक फलक पर उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि दी गई। जॉर्ज ऑरवेल तथा अलबर्ट आइंस्टीन जैसे विख्यात गैर- भारतीयों ने भी उनकी  मृत्यु पर हृदयस्पर्शी शब्दों में शोक संदेश भेजे।

ii) एक जमाने में उनकी कद-काठी और कथित रूप से बेतुके विचारों    के लिए गांधीजी का उपहास करने वाली टाइम पत्रिका ने उनके बलिदान की तुलना अब्राहम लिंकन के बलिदान से की।

iii) टाइम ने लिखा कि, "दुनिया जानती थी कि उसने उनकी (गाँधी जी की) मृत्यु पर वैसे ही मौन धारण कर लिया है जिस प्रकार उसने लिंकन की मृत्यु पर किया था, और यह समझना एक मायने में बहुत गहरा और बहुत साधारण काम है।"

प्र 29. भाषण और व्यक्तिगत पत्र में अंतर बताइए ।.

उतर .  भाषणों से हमें किसी व्यक्ति के सार्वजनिक विचारों को सुनने का मौका मिलता है।

व्यक्तिगत :- जबकि व्यक्तिगत पत्र हमें उसके निजी विचारों की झलक देती है।

प्र 30. नेहरू ने राष्ट्रीय आन्दोलन के दौरान किन पत्रों को लिखा और उसका संकलन किया ?

उतर . "ए बंच ऑफ ओल्ड लेटर्स"

प्र .31 आपः किन आधारों पर कह सकते है कि आत्मकथाएँ, भी उस अतीत का ब्योरा देती है जो मानवीय विवरणों के हिसाब से काफी समृद्ध होता है?

उतर . i)आत्मकथाएँ प्रायः स्मृति के आधार पर लिखी होती  हैं उनसे हमें पता चलता है कि लिखने वाले को क्या याद रहा, उसे कौन सी चीजें महत्वपूर्ण दिखाई दी या वह क्या याद रखना चाहता था, या वह औरों की नजर, में अपनी जिंदगी को किस प्रकार दर्शाना चाहता है। आलू कथा लिखना अपनी तस्वीर गढ़ने का एक तरीका है।

ii) फलस्वरूप, इन विवरणों को पढ़ते हुए हमें वह देखने का प्रयास करना चाहिए जो लेखक हमें नहीं दिखाना चाहता : हमें उन चुपियों का कारण समझना चाहिए - इच्छित या अनिच्छित विस्मृति के उन कृत्यों की समझना चाहिए।.

प्र 32. औपनिवेशिक व्यापक ऐसे तत्वों पर हमेशा कड़ी नजर क्यों रखते थे? जिन्हें वे अपने विरुद्ध मानते थे।

उतर . i) उस समय पुलिसकर्मियों तथा अन्य अधिकारियों द्वारा लिखे गए पत्र तथा रिपोर्ट गोपनीय होती थी, लेकिन ये दस्तावेज अभिलेखागारों में उपलब्ध हैं जिन्हें कोई भी देख सकता है।

ii) बीसवी सालो (सदी) के शुरु‌आती सालों से गृह विभाग द्वार तैयार की जाने वाली पाक्षिक रिपोर्ट इस दिशा में काफी महत्वपूर्ण रही है। ये रिपोर्ट स्थानीय इलाकों से पुलिस की माफित मिलने वाली सुचनाओं पर आधारित होती थी लेकिन उनमें यह भी दिख जाता था कि आला अधिकारी क्या देखते थे या क्या मानना चाहते थे।

iii)  राजद्रोह  और विद्रोह की संभावना मानते हुए इस बात का आश्वासन देना चाहते थे कि इन आकांक्षाओं का कोई आधार नहीं है। 

iv) यदि नमक सत्याग्रह के समय की पाक्षिक रिपोर्टों के देखें तो पाएँगे कि गृह विभाग यह मानने को तैयार नहीं था कि महात्मा गांधी की कार्रवाइ‌यों के प्रति कोई व्यापक जनसमर्थन पैदा हो। रहा था।

प्र 33. अंग्रेजी तथा विभिन्न भाषाओं में छपने वाले समकालीन अखबार भी एक महत्वपूर्ण स्रोत क्यों थे?

उतर . ये अखबार इस बात का भी संकेत देते हैं कि आम भारतीय उनके बारे में क्या सोचते थे । लेकिन अखबारी ब्योरो को पूर्वाग्रह से मुक्त नही माना जाना चाहिए।

ⅱ) ये अखबार प्रकाशित करने वाले ऐसे लोग थे जिनकी अपनी राजनीतिक सोच और विश्व दृष्टिकोण था। उनके विचारों से ही यह तय होता था कि क्या प्रकाशित किया जाएगा और घटनाओं की रिपोर्टिंग किस तरह की जाएगी।

iii) इसलिए लंदन से निकलने वाले अखबार के विवरण भारतीय राष्ट्रवादी अखबार में छपने वाली रिपोर्ट जैसे नही हो सकते थे।