12 CLASS NOTES CHAPTER 4 अंतरराष्ट्रीय संगठन
: अंतर्राष्ट्रीय संगठन :
प्र.हमें अंतर्राष्ट्रीय संगठन की जरूरत क्यों पड़ती है?
उ.राष्ट्रसंघ को आज की दुनिया का एक महत्त्वपूर्ण संगठन माना जाता है। अमूमन 'UN' कहे जाने बाले इस संगठन को विश्व भर के बहुत से लोग एक अनिवार्य संगठन मानते हैं। यह संगठन उनकी नज़र में शांति और प्रगति के प्रति मानवता की आशा का प्रतीक है।
संयुक्त राष्ट्रसंघ का गठन मानवता को 'स्वर्ग पहुँचाने के लिए नहीं बल्कि उसे नरक से बचाने के लिए हुआ है।
(डेंग हैमरसीनड, UN केदूसरे महासचिव)
*यह बात इस बात की ओर इशारा कर हैं की। अंतर्राष्ट्रीय संगठन हर मर्ज़ की दवा नहीं लेकिन वे महत्वपूर्ण जरूर है।
*अंतर्राष्ट्रीय संगठन युद्ध और शांति के मामलों में मदद करते हैं। वे देशों की सहायता करते हैं, ताकि हम सब की बेहतर जीवन स्थितियाँ कायम हो ! इसलिए समकालीन विश्व में अंतर्राष्ट्रीय संगठन बहुत जरूरी है।
प्र. I ME'का पूरा नाम क्या है?
उ. इंटरनेशनल मॉनेटरी फंड
प्र.GFS का पूरा नाम क्या?
उ. ग्लोबल फाइनेशियल सिस्टम
प्र. IMF का मुख्य कार्य क्या है?
उ. यह संगठन वैश्विक स्तर की वित्त व्यवस्था की देखरेख करता है और मांगे जाने पर वित्तीय तथा तकनीकी सहायता मुहैया करता है।
* संयुक्त राष्ट्र संघ के इस संगठन में कुल 184 सदस्य "देश हैं लेकिन हर सदस्य की राय - का वजन एक बराबर नहीं है। अग्रणी 10 देशों के पास 55 प्रतिशत मत्तः है। 8 जिसे (G-8) के नाम से भी जाता है अमरीका, जापान, जर्मनी, फ्रांस, ब्रिटेन, इटली कनाडा और रूस तथा सऊदी अरब और चीन। परंतु अकेले! अमरीका के पास 17.4%.माताधिकार है।
प्र.संयुक्त राष्ट्रासंघ की स्थापनन कब हुई थी?
उ. 24 अक्टूबर 1945 में
प्र. भारत संयुक्त राष्ट्रसंघ में शामिल कब का हुआ था?
उ. अक्टूबर 1945 में
प्र.'लींग ऑव नेशंस' क्या था ?
उ. पहले विश्व युद्ध ने पूरी दुनिया को इस बात के लिए जगाया कि झगड़ों के निपटारे के लिए एक अंतर्राष्ट्रीय संगठन की स्थापना जरूर की जाए। तुरंत ही इसके ऊपर अमल भी किया गया तथा जलद ही 'लीग ऑव नेशंस की स्थापना की गई परंतु यह संगठन इसके बावजूद दूसरे विश्व युद्ध को नहीं रोक सका।।
प्र.'संयुक्त राष्ट्रसंघ' का मुख्य उद्देश्य क्या है।
उ.संयुक्त राष्ट्रसंघ का मुख्य उद्देश्य है। अंतर्राष्ट्रीय झगड़ों को रोकना और राष्ट्रो के बीच सहयोग की राह दिखाना ।
प्र.सन् 2006 में संयुक्त राष्ट्रसंघ के सदस्य देश की संख्या कितनी थी?
उ. 192
IMPORTANT:-सुरक्षा परिषद में 15 सदस्य होते है जिनमें 5 स्थायी सदस्य और 10 → अस्थायी सदस्य है।
सुरक्षा परिषद
स्थायी सदस्य अस्थायी सदस्य
(i))→अमरीका अस्थायी सदस्यों का चुनाव
(ii)→ रूस 2 वर्ष के लिए किया जाता
(iii)→ ब्रिटेन हैं इसलिए यह सदस्य
(iv)→ फ्रांस बदलते रहते हैं भारत दो
(v)→चीन इसका सदस्य बन चुका है।
प्र.संयुक्त राष्ट्रसंघ के महासचिव पद पर बैठने वाले पहले एशियाई कौन हैं?
उ.बान की मून ( द. कोरिया )
प्र.संयुक्त राष्ट्रसंघ के सामने किन दो तरहों के बुनियादी सुधारों का मसला है?
उ. संयुक्त राष्ट्रसंघ के सामने दो तरह के बुनियादी सुधारों का मसला है।
(i) इस संगठन की बनावट और प्रक्रियाओं में सुधार किया जाए ताकि स्वतंत्र देशो को इसकी सदस्यता का मौका मिल सके।
(ii) इस संगठन के न्याधिकार में आने वाले मुद्दों की समीक्षा की जाए।
प्र.संयुक्त राष्ट्रसंघ के किन्ही दो महासचिव के नाम बताओ?
उ. डेंग हैमरशोल्ड, (ii) ट्रइम्व ली
प्र. सन् 1991 के बाद समकालीन विश्व में होने वाले बदलावों का वर्णन कीजिए?
उ.सन् 1991 के बाद कुछ महत्वपूर्ण बदलाव आए।
(i)सोवियत संघ का विघटन हो गया, और वो 15. गणराज्यों में विभाजित हो गया।
(ii)अमरीका सबसे ज्यादा ताकतवर देश बनकर उमरा
(iii) चीनू बड़ी तेज़ी से एक महाशक्ति के रूप में उभरा, भारत भी इस दिशा में अग्रसर है।
(iv) एशिया की अर्थव्यवस्था अप्रत्याशित दर से तरक्की कर रही है।
(v) विश्व के सामने चुनौतियों की एक पूरी नयी कडी 'जनसंहार, गृहयुद्ध, जातीय संघर्ष आतंकबाद, परमाण्विक 'प्रसार जलवायु में बदलाव, पर्यावरण की हानि, महामरी आदि शामिल है।
प्र.सन् 1992 में संयुक्त राष्ट्रसंघ की आम सभा में एक प्रस्ताव स्वीकृत हुआ था। इस प्रस्ताव में किंन तीन मुख्य, शिकायतो का जिक्र था ?
उ.(i) इस प्रस्ताव में पहली शिकायत यह है कि सुरक्षा परिषद् अब राजनीतिक वास्तविकताओं की नुमाइंदगी नहीं करती है।
(ii) इसके फ़ैसलों पर पश्चिमी मूल्यों और हितों की छाप होती हैं और इन फैसलों पर चंद देशों का दबदबा होता है।
(iii) सुरक्षा परिषद में बराबर का प्रतिनिधित्व नहीं है।
प्र.सन1997 के बाद के सालों में सुरक्षा परिषद् की रुपायी और अस्थायी सदस्यता के लिए कौन से मानदंड सुझाए गए।
उ. इसके बाद के सालों में सुरक्षा परिषद की स्थायी और अस्थायी सदस्यता के लिए निम्ब मानदंड सुझाए गए।
(i) उस देश के पास बड़ी आर्थिक ताकत होनी चाहिए
(ii) उस देश के पास बड़ी सैन्य ताकत होनी चाहिए
(iii) संयुक्त राष्ट्रसंघ के बजट में ऐसे देश का योगदान ज़्यादा हो।
(iv) आबादी के लिहाज से बड़ा राष्ट्र हो
(v) ऐसा देश जो लोकतंत्रा और मानवाधिकारों का सम्मान करता हो ।
(vi) यह देश ऐसा हो कि अपने भुगोल अर्थव्यवस्था और संस्कृति के लिहाज से विश्व की विविधता की नुमाइंदगी करता हो।
प्र.' विश्व बैंक' की स्थापना कब हुई थी?
उ.सन 1945 में *
प्र.निषेधाधिकार (veto power) से क्या अभिप्राय है।
उ.सुरक्षा परिषद के स्थायी सदस्यों को एक अधिकार प्राप्त होता है, जिसे निषेधाधिकार (Veto Power) कहते है। इस अधिकार के तहत यह देश एक दूसरे की
शक्तियों पर लगाम लगाते है।
प्र.सन 2005 में हुए बैठक में शामिल नेताओं ने बदलते हुए परिवेश में संयुक्त राष्ट्रसंघ को ज़्यादा प्रासंगिक बनाने के लिए कौन से कदम उठाने का फैसला किया।
उ.इस बैठक में शामिल नेताओं ने बदलते हुए परिवेश में संयुक्त राष्ट्रसंघ को ज़्यादा प्रासंगिक बनाने के लिए निम्न कदम उठाने का फ़ैसला किया।
(i) शांति संस्थापक आयोग का गठन किया गया।
(ii) यदि कोई राष्ट्रा अपने नागरिकों को अत्याचारों से बचाने में असफल हो जाए तो विश्व-विरादरी इसका उत्तरदायित्व ले
(iii) मानवाधिकार परिषद की स्थापना
(iv) हर रूप रीति के आतंक बाद की निंदा
(v)एक लोकतंत्र - कोष का गठन
प्र.मानवाधिकार परिषद की स्थापना कब हुई थी?
उ.जून 2006 में
प्र.भारत ने संयुक्त राष्ट्रसंघ के ढाँचे में बदलाव के मसले को किन आधारों पर समर्थन दिया है?
उ.भारत ने संयुक्त राष्ट्रसंघ के ढाँचे में बदलाव के मसले को कई आधारों पर समर्थन दिया है।
(1) भारत का मानना है कि बदले हुए विश्व में संयुक्त राष्ट्रसंघ की मज़बूती और दृढता जरूरी है। भारत इस बात का भी समर्थन करता है कि संयुक्त राष्ट्रसंघ विभिन्न देशों के बीच सहयोग, बढ़ाने और विकास को बढ़ावा देने में ज्यादा बड़ी भूमिका निभाए।
(ii) भारत का विश्वास है कि संयुक्त राष्ट्रसंघ के अजेंडे में विकास का मामुलो प्रमुख, होना चाहिए क्योंकि अंतर्राष्ट्रीय शांति और सुरक्षा को बनाए रखने के लिए यह जरूरी है।
(iii) भारत की एक बड़ी चिंता सुरक्षा परिषद की संरचना को लेकर है। सुरक्षा परिषद की सदस्य संख्या 'स्थिर रही है। जबकि संयुक्त राष्ट्रसंघ की आम सभा में सदस्यों की संख्या खूब बढी है।बढ़ी है।
(iv)भारत का तर्क है कि परिषद का विस्तार करने पर वह ज्यादा प्रतिनिधिमूलक होगी और इसे विश्व बिरादरी का ज्यादा समर्थन मिलेगा।
(v)भारत सुरक्षा परिषद के अस्थायी और स्थायी, दोनों ही तरह के सदस्यों की संख्या मे→ बंढीतरी का समर्थक है। भारत के प्रति निधियों ) का तर्क है कि पिछले कुछ वर्षो में सुरक्षा परिषद की गतिविधियों का दायरा बढ़ा है।
WTO का पूरा नाम क्या है? World trade organization (विश्वव्यापार संगठन)
प्र.WTO की स्थापना सन् कब हुई थी?
उ.1995 में
प्र.'IAEA' का पूरा नाम क्या है?
उ.अंतर्राष्ट्रीय आण्विक ऊर्जा एजेंसी |
'प्र.IAEA की स्थापना कब हुई थी
उ.सन् 1957 में क
प्र.विश्व मे कुल कितने मुख्य देश है?
उ.190
*संयुक्त राष्ट्र संघ की उत्पत्ति:- संयुक्त राष्ट्र संघ को मनावता की आशा कहा गया है। क्योंकि वास्तव में संयुक्त शब्द की स्थापनी इसी दृष्टि से की गई है। संयुक्त राष्ट्र पूर्व महासचित डैग हैमरशोल्ड के अनुसार शांति सम्भव है। वर्तमान में संयुक्त राष्ट्र संघ 185 देशों का संगठन है। इसकी स्थापना 1945 में की गई। इस संगठन की स्थापना राष्ट्र संघ के स्थान पर की गई थी। क्योंकि यह संगठन विश्व के दूसरे विश्वव्यापी युद्ध को रोकने में नाकाम रहा है, राष्ट्र संघ को पुनर्जीवित करने की बजाय एक नए अंतर्राष्ट्रीय संगठन की स्थापना का निर्णय लिया और वो नथा संगठन संयुक्त राष्ट्र संघ था।
*वास्तव में दूसरे विश्व युद्ध ने विश्व को दहला दिया और सबको हैरान कर दिया क्योंकि इसके परिणाम ने विश्व को झंसौर दिया। इस युद्ध में करीब 5 लाख लोगों की मृत्यु और लाखों अरबों रुपयों का नुकसान हुआ कई देशों को अपनी अर्थव्यवस्था पटरी पर लाने में कई दशक लग गए कुछ देश इस युद्ध के प्रभाव २० वीं शताब्दी तक उभरे नहीं
* संयुक्त राष्ट्र संघ की स्थापना का औपचारिक निर्णय 30 अक्टूबर 1943 को सामान्य सुरक्षा के लिए चार राष्ट्रों की मोस्को घोषणा" में लिया गया। थे चार 'मित्र राष्ट्र थे : ब्रिटेन, चीन, संयुक्त राज्य अमरीका और सोवियत संघ ।
उन्होने घोषणा की कि वे एक ऐसे सामाज अंतरराष्ट्रीय संगठन की सीघ्र स्थापना की आवश्यकता अनुसार करते हैं. जो कि सभी शांति-प्रिय राज्यों की संप्रभु समानता के सिद्धांत के पर आधारित होगा, जो ऐसे सभी राज्यों के सदस्यता के अवसर प्रदान करेगा, चाहे वे छोटे हो या बड़े ताकि अंतरर्राष्ट्रीय शांति और सुरक्षा बनाई रखी जा सके।
* संयुक्त राष्ट्र की संरचना :- संयुक्त राष्ट्र संघ के मुख्य छः अंग हैं-
संयुक्त राष्ट्र संघ:-
(1)महासभा
(2)सुरक्षा परिषद्
(3) आर्थिक और सामाजिक परिषद्
(4)अंतरराष्ट्रीय न्यायालय
( 5) सचिवालय
(6)न्यासिला परिषद
* महासभा :- महासभा संयुक्त शब्द का मुख्य आधार है। इसलिए महासभा न केवल एक विशिष्ट संगठन है बलिक जहाँ सभी देश एक साथ बैठते हैं और अपनी अपनी देशों की चर्चा करते हैं। इसके अलाव महासभा
के सदस्यों को समान मतदान का अधिकार है। महासभा का मतदान एक स्तरीय विश्व रायनिरूपित करता है। फिर भी महासभा के निर्णय सदस्य राज्य पर कानूनी रूप से बंधनकारी नहीं है और अधिक से अधिक केवल राष्ट्रों के समुदाय का नैतिक अधिकार निरूपित करता है।,
सुरक्षा परिषद् :- सुरक्षा परिषद संयुक्त राष्ट्र के सबसे अधिक महत्वपूर्ण अगों में से एक है। इसका मुख्य उत्तरदायित्व शान्ति, सुरक्षा बनाए रखना है और यह उन संकटों पर विचार करता है जैसे ही वह उत्पादन वं शुरू होता है जैसे यदि विश्व पर पर्यावरण प्रदूषण का प्रभाव बहुत बढ़ रह है, तो यह संगठन इसकी समीक्षा कर सकता है। इस समय सुरक्षा परिष 15 सदस्यों से बनाई गई है जिनमें 5 स्थायी हैं 10 अस्थायी, जिन्हें 2 वर्ष के लिए चुना जाता है। स्थायी सदस्यों ब्रिटेन, चीन, फ्रांस, सोवियत संघ और संयुक्त राज्य अमेरिका को वीटो पावर प्राप्त है, अत: ये नकारात्मक मतदान के प्रस्ताव को रोक सकते हैं।
आर्थिक और सामाजिक परिषद् :- आर्थिक और सामाजिक परिषद अंतर्राष्ट्रीय आर्थिक और सामाजिक मुर्दों के बारे में मुख्य संयुक्त राष्ट्र मंच है। इसके कुल (54) सदस्य हैं जिन्हें तीन वर्ष की अवधि के लिए चुना जाता है। आर्थिक और सामाजिक परिषद विकास के क्षेत्रीय सहयोग मजबूत करने में तथा आर्थिक और 'सामाजिक कार्य के आधार पर प्राथमिकताएँ निर्धारित करने में भी मुख्य भूमिका निभाता है।
* सचिवालय :- सचिवालय भी U.No के सभी महत्वपूर्ण संगठनों में से एक हैं और इसलिए यह संयुक्त राष्ट्र प्रणाली का मेरुदण्ड है। सचिवालय में कई कार्यालय/ विभाग पर्यावरण सम्बंधी समस्याओं का समाधान करते हैं। ये विभाग विभिन्न संयुक्त राष्ट्र कार्यक्रमों में प्रयुक्त किए जाते हैं अंत इसलिए यह संगठनों का ही एक संगठन है वास्तव में बिना सचिवालय के UNO का कोई अस्तित्व नहीं है।
* अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय :- अंतरराष्ट्रीय न्यायलय राष्ट्र राज्यों के बीच विवादों पर मध्यस्ता की भूमिका निभाता है। इसे संपूर्ण विश्व का सर्वोच्च न्यायलय कह सकते है। इस न्यायलय ने सन 1999 में न्यायलय ने एक महत्त्वपूर्ण सिद्धांत की पुष्टि की, अर्थात प्रत्येक राज्य को अपने राज्य क्षेत्र को ऐसी कार्यवाहियों के लिए उपयोग करने की अनुमति देने की कोई प्रतिबधता नहीं है जिनसे अन्य राज्यों के अधिकारों की हानि हो सकती हैं। बाद में यह पर्यावरण सम्बंधी समस्याओं की तुलना में महत्वपूर्ण हो गया है और बाद में स्टाॅक होम सम्मेलन के सिद्धांत के रूप में बना। अंतर्राष्ट्रीय पर्यावरण शासन प्रणाली के लिए अंतर्राष्ट्रीय न्यायलय एक महत्वपूर्ण संगठन है।
प्र.भारत की एक बड़ी चिंता सुरक्षा परिषद को लेकर हैं। क्यों ? कोई चार कारण बताओ?
.उ.भारत की एक बड़ी चिंता सुरक्षा परिषद को लेकर रही हैं। जिसके मुख्य कारण निम्न है।
(1.)सुरक्षा परिषद की सदस्य संख्या स्थिर रही है जबकि संयुक्त राष्ट्र संघ की आम सभा में सदस्यों की संख्या खूब बढ़ी है। भारत का मानना है कि इससे सुरक्षा परिषद् के प्रतिनिधित्वमूलक चरित्र की हानि हुई हैं। संयुक्त राष्ट्र संघ के होने वाले वार्षिक सम्मेलन में भारत कई ये बातें उठा चुका है।
(2) भारत का तर्क है कि परिषद् का विस्तार करने पर वह ज्यादा प्रतिनिधिमूलक होगी और उसे विश्व-बिरादरी का ज्यादा समर्थन मिलेगा। भारत ने इसके साथ यह भी कहाँ की सन 1965 में अस्थायी सदस्यों की संख्या में वृद्धि हुई थी यानी सन 1965 में 11 से 15 कर दी गई थी। तो अब भी इसमें विस्तार संम्भव है।
(3)इसके बाद भारत ने यह भी कहाँ की 1965 के बाद परिषद का आकार तस का जस बना हुआ है । परंतु यह भी एक तथ्य है कि संयुक्त राष्ट्र संघ की आम सभा में ज्यादातर सदस्य विकासशील सदस्य देश हैं। इस कारण सुरक्षा परिषद् के फ़ैसलों में उनकी भी सुनी जानी चाहिए क्योंकि इन फैसलों का उन पर प्रभाव पड़ता
4) भारत सुरक्षा परिषद् के अस्थायी और स्थायी दोनों ही तरह के सदस्यों की संख्या में बढ़ोतरी का समर्थक है। भारत के प्रतिविधियों का तर्क है कि पिछले कुछ वर्षो में सुरक्षा-परिषद् की गतिविधियों का दायरा बढ़ा है। सुरक्षा परिषद् के कामकाजा की सफलता विश्व- बिरादरी के समर्थन पर निर्भर है। इस कारण सुरक्षा परिषद् के पुनर्गठन की कोई योजना व्यापक धरातल पर बननी चाहिए। मिसाल के लिए उसमें अभी भी अपेक्षा ज्यादा विकासशील देश होने चाहिए।
5.) इसके अलावा भारत खुद भी पुनर्गठित सुरक्षा परिषद् में एक स्थायी सदस्य बनना चाहता है। भारत में विश्व में सबसे बड़ी आबादी वाला दूसरा देश है। भारत में विश्व की कुल जनसंख्या का 1/5 वाँ हिस्सा निवास करता है। इसके अतिरिक्त, भारत विश्व का सबसे बड़ा लोकतंग है। भारत ने U.N.0 की लगभग सभी पहलकदमियों में भाग लिया है। संयुक्त राष्ट्रसंघ. के शांति बहाल करने के प्रयासों में भारत लंबे समय से ठोस भूमिका निभाता आ रहा है।
6) सुरक्षा परिषद् में भारत की स्थायी सदस्यता की 'दावेदारी इसलिए भी उचित है क्योंकि वह तेजी से अंतर्राष्ट्रीय फलक पर आर्थिक शक्ति बनकर उभर रहा है। भारत ने संयुक्तराष्ट्र संघ के बजट में नियमित रूप से अपना योगदान दिया है और यह कभी भी अपने भुगतान से चुका नहीं है। अतः इसलिए सुरक्षा परिषद की संरचना को लेकर एक 'बड़ी चिंता होना अनिवार्य है।
प्र.कुछ देश सुरक्षा परिषद में भारत को स्थायी सदस्य बनाने का विरोध करते हैं। क्यों? स्पष्ट कीनिए ?
(1) भारत चाहता है कि वह 'संयुक्त राष्ट्रसंघ' की सुरक्षा परिषद में निषेधाधिकार संपन्न सदस्य बने, लेकिन कुछ देश सुरक्षा परिषद् में भारत को स्थायी सदस्य बनाने का विरोध करते हैं।
(2)सिर्फ पड़ोसी देश पाकिस्तान ही नहीं, जिनके साथ भारत के संबंध खराब रहे हैं, बल्कि कुछ और देश भी चाहते है कि भारत को सुरक्षा परिषद में वीटो पावर न मिले तथा भारत को 'वीटोधारी स्थायी सदस्य के रूप में शामिल न ' किया जाए। मिसाल के लिए, कुछ देश भारत के परमाणु हथियारों को लेकर चिंतित हैं।
(3)कुछ और देशों का मानना है कि पाकिस्तान के साथ संबंधों में कठिनाई के कारण भारत स्थायी सदस्य के रूप में अप्रभावी रहेगा। जबकि कुछ अन्य देशों का मानना है कि उभरती हुई ताकत के रूप में अन्य देशों मसलन ब्राजील, जर्मनी जापान और शायद दक्षिण अफ्रीका को भी शामिल करना पड़ेगा जिसका ये देश विरोध करते है।
4) कुछ देशों का विचार है। कि अगर सुरक्षा-परिषद् में किसी तरह का विस्तार होता है तो अफ्रीका दक्षिण अमरीका को जरूर प्रतिनिधित्व मिलना चाहिए. क्योंकि मौजूदा सुरक्षा में इन्हीं महादेशों की नुमाइंदगी नहीं है।
5.) इन सरोकारों को देखते हुए भारत या किसी और देश के लिए निकट भविष्य में संयुक्त राष्ट्रसंघ की सुरक्षा परिषद का स्थायी सदस्य बन पाना मुश्किल लगता है। परंतु वर्तमान G-4 के सदस्य देशों ने
अपने आर्थिक, सामाजिक और राजनीतिक विकास को जबरदस्त तरीके से बढ़ाया है। इसलिए इनकी दावेदारी सबसे मजबूत लगती है।
* G.4 के सदस्य देश :- भारत, जर्मनी, जापान और ब्राजील हैं।
प्र.एक ध्रुवीय विश्व में अमरीका की ताकत पर आसानी से अकुश क्यों नहीं लगाया जा सकता है?
उ. हाँ, यह बात सही है कि एक ध्रुवीय विश्व में अमरीका की ताकत पर आसानी से अकुंश नहीं लगाचा जा सकता है जिसके मुख्य कारण निम्न है।
(1) सोवियत संघ की गैर मौजूदगी में अब अमरीका एकमात्र महाशक्ति है। अपनी सैन्य और सैनिक ताकत के बूते वह संयुक्त राष्ट्रसंघ या किसी अन्य अंतर्राष्ट्रीय संगठन की अनदेखी कर सकता है।
(2)संयुक्त राष्ट्र संघ के भीतर अमरीका का खास प्रभाव है। वह संयुक्त राष्ट्र संघ के बजट में सबसे ज्यादा योगदान करने वाला देश है। अमरीका की वित्तीय तरकार बेजोड़ है। यह भी एक तथ्य है कि संयुक्त राष्ट्रसंघ अमरीका के भू-क्षेत्र में स्थित है और इस कारण भी अमरीका का प्रभाव इसमें बढ़ जाता है।
(4)संयुक्त राष्ट्र संघ के नौकरशाही इसके नागरिक है। इसके अतिरिक्त अगर अमरीका को लगे कि कोई प्रस्ताव उसके अथवा उसके साथी राष्ट्रो के हितों के अनुकूल नहीं हैं अथवा अमरीका को यह सस्ताव न जचे तो अपने 'वीटी' से वह उसे रोक सकता है। अपनी ताकत और विषेधाधिकार के कारण संयुक्त राष्ट्रसंघ के महासचिव के चंयन में भी अमरीका की बात बहुत वजन रखती है।
(4) अमरीका अपनी इस ताकत के बूते शेष विश्व में फूट डाल सकता है और डालता है, ताकि उसकी → नीतियों का विरोध मंद पड़ जाए। अतः इस तरह संयुक्त राष्ट्रसंघ अमरीका की ताकत पर अकुंश लगाने में खास सक्षम नहीं। फिर भी एक ध्रुवीय विश्व में यहाँ अमरीकी ताकत का बोलबाला है- संयुक्त राष्ट्रसंघ अमरीका और शेष विश्व के बीच विभिन्न मसलों पर बातचीत कायम कर सकता है और इस संगठन ने ऐसा किया भी है।
प्र.'एमनेस्टी इंटरनेशनल' से आप क्या समझते हैं।
एमनेस्टी इंटरनेशनल एक स्वयंसेवी संगठन है। यह पूरे विश्व में मानवाधिकारों की रक्षा के लिए अभियान चलाता है। यह संगठन मानवाधिकारों से जुड़ी रिपोर्ट तैयार और प्रकाशित करता है। अत: इस तरह के संगठनों के माध्यमों से विश्व में शिक्षा, स्वास्थ्य, मानवाधिकारों से जुड़े समस्याओं के समाधान में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई ।
प्र. 'IAEA' का पूरा नाम क्या है? और इस संगम्ब का मुख्य कार्य है।
उ.'इंटरनेशनल ऍटॉमिक एनर्जी एजेंसी । यह संगठन परमाण्विक ऊर्जा के शांतिपूर्ण उपयोग को • बढ़ावा देने और सैन्य उद्देश्यों में इसके इस्तेमाल को रोकने की कोशिश करता है ।
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