CBSC NCERT CLASS 12 POL SCIENCE CHAPTER 9 भारतीय राजनीति: नए बदलाव (second book)

   भारतीय राजनीतिक:नए बदलाव


Q.सन 1980 मे के दशक के आखिर के सालों देश में कौन से पाँच बड़े बदलाव आए थे? वर्णन कीजिए?
Ans. सन 1980 के दशक के आखिर के सालों में देश में पाँच मुख्य एव बड़े बदलाव आए थे। 

(i)सन 1989 के आम चुनाव में कांग्रेस की हार-

(ii) दूसरा बड़ा बदलाव था राष्ट्रीय राजनीति में 'मंडल मुद्दे' का उदय ! 

(iii) आर्थिक नीति

(IV) बाबरी मस्ज़िद का विध्वंस

(V)सन 1991 में राजीव गाँधी की हत्य

सन 1989 के चुनाव में कांग्रेस की हार :-  इस दौर
की एक महत्वपूर्ण घटना सन 1989 के चुनावों में कांग्रेस की हार है। जिस पार्टी ने सन 1984 में लोकसभा की 415 सीटें जीती थी वह इस चुनाव में, महज 197 सीटें ही जीत सकी। सन 1991 में एक बार फिर मध्यवधि चुनाव हुए और कांग्रेस इस बार अपना आँकड़ा सुधारते हुए सत्ता में आयी। बहरहाल 1989 में ही उस में परिघटना की समाप्ति हो गई थी जिसे राजनीतिक पंडित अपनी खास शब्दावली में कांग्रेस प्रणाली कहते है। 

= राष्ट्रीय राजनीति में 'मंडल मुद्दे' का उदय:- 
दुसरा बड़ा बदलाव राष्ट्रीय राजनीति में 'मंडल मुद्दे' का उदय था। 1990 में 'राष्ट्रीय मोर्चा' की नयी सरकार ने मंडल आयोग की सिफारिशों को लागू किया। इन सिफ़ारिशों के अन्तर्गत प्रावधान किया गया कि केंद्र सरकार की नौकरियों में 'अन्य पिछड़ा- वर्ग, को आरक्षण दिया जाएगा। सरकार के इसे फैसले से देश के विभिन्न भागों में मंडल विरोधी हिंसक प्रदर्शन हुए। OBC को मिले आरक्षण के समर्थक और विरोधियों के बीच चले विवाद को 'मंडल मुद्दा' कहा जाता है इसने 1989 के बाद की राजनीति में अहम भूमिका निभाई। 

= आर्थिक नीतियाँ :
विभिन्न सरकारों ने इस दौर में जो आर्थिक नीतियाँ अपनायीं वे बुनियादी तौर पर बदल चुकी थीं। इसे ढांचागत समायोजन कार्यक्रम अथवा नए आर्थिक सुधार के नाम से जाना गया । इसकी शुरूआत राजीव गाँधी की सरकार के समय हुई और 1991  तक ये बदलाव बड़े पैमाने पर प्रकट हुए। आज़ादी के बाद से अबतक भारतीय। अर्थव्यवस्था जिस दिशा में चलती आई थी,  वह इन नए • आर्थिक सुधारों के कारण मूलगामी अर्थों में बदल गई। नई आर्थिक नीति की विभिन्न आंदोलनों और संगठनों की तरफ  से भरपूर, आलोचना हुई। बहरहाल इस अवधि में जितनी सबनी भी ' भी सरकारें बनी सबने नयी आर्थिक नीति पर अमल ज़ारी रखा।

= बाबरी मस्जिद का विध्वंस :- 
घटनाओं के एक सिलसिले की परिणति अयोध्या स्थित एक विवादित ढाँचे के विध्वंस के रूप में हुई। यह घटना 1992 के दिसम्बर महीने में घटी। ! इस घटना ने देश की राजनीति में कई परिवर्तनी को जन्म दिया और उनका प्रतीक बनी। इस घटना से भारतीय राष्ट्रवाद और धर्मनिरपेक्षता पर बहस तेज़ हो गई। इन बदलावों का संबंध भाजपा के उदय और हिंदुत्व की राजनीति से है।

=राजीव गाँधी की हत्या:-
इस सिलसिले की आखरी बात यह है कि मई 1991 में राजीव गाँधी की हत्या कर दी गई और परिणामस्वरूप कांग्रेस पार्टी के नेतृत्व में परिवर्तन हुआ। राजीव गाँधी चुनाव अभियान के सिलसिले में तमिलनाडु के दौरे पर थे। तभी लिट्टे से जुड़े श्रीलंकाई तमिलों ने उन‌की हत्या कर दी। सन 1991 के चुनाव में कांग्रेस सबसे बड़ी विजयी पार्टी के रूप में सामने आयी। राजीव गाँधी की मृत्यु के बाद कांग्रेस पार्टी ने नरसिम्हा राव को
प्रधानमंत्री चुना।

Q.'मंडल मुद्दा' किसे कहा जाता है?

Ans.अन्य पिछड़ा वर्ग को मिले आरक्षण के समर्थक और विरोधियों के बीच चले विवाद को 'मंडल मुद्दा' कहा जाता है।

Q.'बाहरी मस्तिद का विध्वंस कब हुआ था?
Ans. दिसम्बर 1992 में।

 Q.'राजीव गाँधी' की हत्या कब कर दी गई थी? 
Ans.1991 में।

Q. गठबंधन किसे कहते है? 
Ans.जब किसी भी चुनाव में किसी पार्टी को पूर्ण बहुमत नहीं मिलता है तो वह पार्टी किसी अन्य ढल के दलों के समूह के साथ मिलकर सरकार का गठन करती है या  बनाती है। तो उसे का  गठबंधन कहते है।

Q.भारतीय राजनीति में गठबंधन कें युग की गुरुआत कब हुई थी?
Ans.सन 1984 के बाद

Q.'BJP' किस आम चुनाव में भारत की सबसे बड़ी पार्टी बनी थी?
Ans. सन 1996 के चुनावों में।

Q.OBC का पूरा नाम क्या है ?
Ans.'अंदर बैकवर्ड क्लासेज, 

Q.पिछड़ा वर्ग ! किसे कहते है?
Ans.यह अनुसूचित जाति, अथवा अनुसूचित जनजाति से अलग एक कोटि अथवा है, जिसमें शैक्षणिक और सामाजिक रूप से पिछड़े समुदायों की गणना की जाती है। इन समुदायों को ही 'पिछड़ा' वर्ग भी कहा जाता है।

Q.'मंडल आयोग' की सिफ़ारिशों को लागू करने  का फ़ैसला किस सरकार ने लिया था?
Ans.राष्ट्रीय मोर्चा की सरकार ने मंडल आयोग की सिफ़ारिशों को लागू करने का फ़ैसला किया।

Q.'इंदिरा साहनी केस' क्या था?
Ane.जब 1990 के अगस्त में राष्ट्रीय मोर्चा की  सरकार ने मंडल आयोग की सिफारिशों का लागू करने का फ़ैसला लिया। तो इस के इस फ़ैसले से उत्तर भारत के कई शहरों में हिंसक विरोध का स्वर उमड़ा। इस फैसले को कोर्ट में चुनौती दी गई और यह प्रकरण 'इंदिरा साहनी केस के नाम से प्रसिद्ध हुआ।

Q.' बामसेफ 'का गठन कब हुआ था?
 Ans.1978 में। 

Q.'बामसेफ का पूरा नाम क्या है?
Ans.बैकवर्ड एंड माइनॉरिटी कम्युनिटीज एम्पलाइज़ फेडरेशना

Q.बसपा (बहुजन समाजवादी पार्टी) की स्थापना कब और किसने की थी?
Q.बसपा की स्थापना सन 1984 में कांशीराम ने की थी

Q.सन 1986 में ऐसी कौन सी दो बातों हुई जो एक हिन्दूवादी पार्टी के रूप में भाजपा की राजनीति के लिहाज़ से प्रधान हो गई?

 Ans.(i) पहली बात 1985 के शाहबानो मामले से जुड़ी है।

(ii) अयोध्या विवाद:- इसका संबंध फैज़ाबाद- जिला न्यायलय द्वारा फरवरी 1986 में सुनाए गए फ़ैसले से है।

Q.बाबरी मस्ज़िद का निर्माण किसने करवाया था?
Ans.बाबरी मस्जिद का निर्माण अयोध्या में " मीर बाकी ने करवाया था।

Q'गोधरा कांड'क्या था?
Ans.अयोध्या की ओर से आ रही एक ट्रेन की 'बोगी कारसेबकों से भरी हुई थी और इसमें आग लग गई। सत्तावन व्यक्ति इस आग में मर गए। इसी घटना को 'गोधरा कांड के नाम से जाना गया।

Q.'गोधरा कांड की घटना कब हुई थी?
Ans.2002 के फरवरी-मार्च में।

Q.गोधरा कांड' में कुल कितने लोग मारे गए थे ?
Ans.लगभग 1100 लोग

Q.सन 1989 के बाद की अवधि को क्या कहा जाता है?
Ans.सन 1989 के बाद की अवधि को कभी कभार कांग्रेस के पतन और भाजपा के अभ्युदय की अवधि कहा जाता है।

Q.सन 2004 में किसकी सरकार बनीं?
 Ans.सप्रंग (संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन) 

Q.बहरहाल अनेक महत्वपूर्ण मसलों पर अधिकतर दलों के बीच एक व्यापक सहमति है?कड़े मुकाबले और बहुत से संघर्षो के बावजूद अधिकतर दलों के बीच एक सम्मति उभरती सी जान पड़ रही है? सम्मति में कौन सी चार बातें हैं?वर्णन कीजिए?

Ans.(1) नयी आर्थिक नीति पर सहमति 

(ii) पिछड़ी जातियों के राजनीतिक और सामाजिक दावे की स्वीकृति 

(iii)देश के शासन में प्रांतीय दलों की स्वीकृतिः

(iv) विचारधारा की जगह कार्यसिद्धि पर ज़ोर और विचारधारागत सहमति के बगैर राजनीतिक गठजोड़

=)नयी आर्थिक नीति पर सहमति:-
कई समूह नयी आर्थिक नीति के खिलाफ़ है, लेकिन ज्‌यादातर राज- नीतिकदल इन नीतियों के पक्ष में है। अधिकतर दलों का मानना है कि नई आर्थिक नीतियों से देश समृद्ध होगा और भारत, विश्व की एक आर्थिक शक्ति बनेगा

पिछड़ी जातियों के राजनीतिक और सामाजिक दावे की स्वीकृति, राजनीतिक दलों ने पहचान लिया है कि पिछड़ी जातियों के सामाजिक

और राजनीतिक दावे को स्वीकार करने की ज़रूरत है। इस कारण  आज भी सभी राजनीतिक दल शिक्षा और रोज़गार में पिछड़ी जातियों के लिए सीटों के आरक्षण के पक्ष में है।
राजनीतिक दल यह भी सुनिश्चित करने के लिए तैयार हैं, कि OBC को सत्ता में समुचित हिस्सेदारी मिले।

(iii) देश के शासन में प्रांतीय दलों की भूमिका की स्वीकृति:-
प्रांतीय दल और राष्ट्रीय दल का भेद अब लगातार कम होता जा रहा है। क्योंकि हमने देखा की 1989 के बाद प्रांतीय दल केंद्रीय सरकार में साझीदार बन रहे हैं और इन दलों ने पिछले बीस सालों में देश की राजनीति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।

(iv) विचारधारा की जगह कार्य सिद्धि पर ज़ोर और  विचारधारागत सहमति के बगैर राजनीतिक गठजोड़:- गठबंधन की राजनीति के इस दौर में राजनीतिक दल विचारधारागत अंतर की जगह सत्ता में हिस्सेदारी की बातों पर ज़ोर दे रहे हैं, जो मिसाल के लिए अधिकतर ढल भाजपा की 'हिंदुत्व' की विचारधारा से सहमत नहीं हैं लेकिन ये दल भाजपा के साथ गठबंधन में शामिल हुए  और सरकार बनाई, जो पाँच साल तक चली। 

अतः ये सभी महत्वपूर्ण बदलाव हैं और अगामी राजनीति इन्हीं बदलावों के दायरे में आकार लेंगी ।