तुलसीदास का जीवन परिचय (1532–1623): भक्ति युग के अमर कवि और रामचरितमानस के रचयिता( Biography of Tulsidas in Hindi)
तुलसीदास का जीवन परिचय (1532–1623): भक्ति युग के अमर कवि और रामचरितमानस के रचयिता
. तुलसीदास .
(1511-1623)
तुलसीदास सचमुच हिंदी साहित्य के सूर्य हैं। इनका काव्य हिंदी साहित्य का गौरव है तुलसीदास राम भक्ति साहित्य के प्रतिनिधि कवि हैं। इनका जन्म राजापुर गांव (उत्तर प्रदेश) में सन 1511 ई. में हुआ था। तुलसीदास द्वारा रचित “रामचरितमानस” एक पुरातन पौराणिक बहुप्रसिद्ध ग्रंथ है। जिसे एक महाकाव्य के रूप में भी जाना जाता है।
शिक्षा:- तुलसीदास मूल नक्षत्र में पैदा हुए इसी कारण उनके माता-पिता ने इन्हें त्याग दिया । इनका बचपन परेशानियों से भरा था। बाबा नरहरिदास ने बालक तुलसीदास का पालन पोषण किया और उन्हे शिक्षा दी।
नर सिंह बाबा जी के आश्रम में रहते हुए तुलसीदास जी ने 14 से 15 साल की उम्र तक सनातन धर्म, संस्कृत, व्याकरण, हिन्दू साहित्य, वेद दर्शन, छः वेदांग, ज्योतिष शास्त्र आदि की शिक्षा प्राप्त की। रामबोला के गुरु नर सिंह दास ने ही रामबोला का नाम गोस्वामी तुलसीदास रखा था।
अपनी शिक्षा समाप्त करने के बाद तुलसीदास जी अपने निवास स्थान चित्रकूट वापस आ गए और लोगों राम कथा , महाभारत कथा आदि सुनाने लगे।
कार्य :-इन्होंने चित्रकूट और काशी में रहकर अनेक काव्य की रचना की।
1574 में इन्होंने अयोध्या में रहकर रामचरित्र मानस की रचना प्रारंभ की
रचनाएं:- रामचरित्र मानस (तुलसीदास जी का यह सर्वश्रेष्ठ ग्रन्थ है। इसमें मर्यादा पुरुषोत्तम राम के पावन चरित्र के द्वारा हिन्दू जीवन के सभी महान आदर्शों की प्रतिष्ठा हुई है। विनय पत्रिका- तुलसीदास जी ने कलिकाल के विरुद्ध रामचंद्र जी के दरबार में पत्रिका प्रस्तुत की है। श्रीरामचरितमानस काव्य तुलसी के भक्त हृदय का साक्षात दर्शन है।

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