Class 11th History Chapter 3 ( यायावर साम्राज्य ) Notes in Hindi

Class 11th History Chapter 3 ( यायावर साम्राज्य ) Notes in Hindi. यायावर साम्राज्य :- घुमक्कडू होते हैं। ये सापेक्षिक तौर पर एक अविभेदित आर्थिक
Class 11th History Chapter 3 ( यायावर  साम्राज्य ) Notes in Hindi

Class 11th History Chapter 3 Notes in Hindi 

(यायावर  साम्राज्य)

* यायावर  साम्राज्य :-   घुमक्कडू होते हैं। ये सापेक्षिक तौर पर एक अविभेदित आर्थिक जीवन और प्रारंभिक राजनीतिक संगठन के साथ परिवारों के समूहों मे संगठित होते हैं। 

•.यायावर साम्राज्य यूरोप और एशिया महाद्वीप तक फैले हुए  थे।

*.मध्य एशिया के यायावर साम्राज्य की विशेषताएं:- 

*.इन्होने 13-14 वी शताब्दी मे पारमहाद्वीपीय साम्राज्य की स्थापना चंगेज खान के नेतृत्व में की थी।

*.उसका साम्राज्य एशिया और यूरोप महाद्वीप तक फैला हुआ था।

*.घुमक्कडू होते हैं।

भूमिका:- 

* तेरहवी शताब्दी के प्रारंभिक दशको मे यूरो- एशियाई महाद्वीप के महान साम्राज्यों ने मध्य - एशिया के स्टेपी-प्रदेश में एक नथी राजनैतिक शक्ति के अभ्युदय के बडे खतरे का अनुभव किया । 

* चंगेज खान ने मंगोली को संगठित किया।.. 

*.परन्तु चंगेज खान की राजनैतिक दूरदर्शिता मध्य-एशिया के स्टेपी -प्रदेश, मंगोल जातियों का एक महासंघ मात्र बनाने से कही अधिक दूरणामी की) 

*मंगोल द्वारा किया गया कब्जा उत्तरी चीन, तुरान, अफगनिशान पूर्वी इरीन, रूसी स्टेपी प्रदेशी के विरुद्ध युद्ध-अभियाने के नेतृत्व और प्रत्यक्ष संचालन में बीता।

* चंगेज खान का पोते,  मोन्के (1251-60) ने फ्रांस के शासक लुई बौवे (1226-70) को यह चेतावनी दी। 

*.चंगेज खान के एक दूसरे पोते बाटू (Batu) ने अपने 1236-1241 के अभियानों में रूस भूमि को मास्को तक रौद डाला और पोलैंड, हंगरी पर विजय प्राप्त कर वियना के बाहर क पड़ाव डाल दिया।

# मंगोलो की सामाजिक और राजनैतिक पृष्ठभूमि

मंगोलों की विशेषता

i)मंगोल विविध जनसमुदाय का एक निकाय था 

ii) भाषागत समानता होने के कारण परस्पर सम्बन्ध थे।

iii) कुछ मंगोल पशुपालक थे और कुछ शिकारी संग्राहक वे पशुपालक घोड़ों भेड़ों और कुछ हद तक अन्य पशुओ जैसे बकरी और ऊँटो को भी पालते हैं।

iv)उत्तर और पश्चिम क्षेत्र में ओनोन और सेलेंगा जैसी जैसी नदियों और बर्फीली पहाड़ियों से निकलें सैकड़ों झरनों के पानी से सिंचित हो रहा था।

v) दक्षिण भाग में शुष्क गोबी का मरुस्थल |

(vi) पूर्व मे तातार, खितान और मंचू लोग । और पश्चिम मे तुर्की कबीलों ।

vii) पशुचारण के लिए यहाँ पर अनेक हरी घास के मैं मैदान और प्रचूर मात्रा में छोटे-मोटे शिकार अनुकूल ऋतुओं में उपलब्ध हो जाते थे शिकारी - संग्राहक लोग, पशुपालक कबीलो के आवास - क्षेत्र के उना में साइ‌बेरियाई वनों में रहते थे।

#. मंगोल कौन थे?

 i)मंगोल पशुपालक और शिकारी सांग्राहक थे।

ii) मंगोल तंबुओं और जरो में निवास करते थे।

iii) मंगोल साम्राज्य पितृवक्षीय वंशो में विभाजित था।

iv) मंगोल साम्राज्य प्रसिद्ध शासक चंगेज खान थे।

v) मंगोल और तुर्की कबीलो को मिलाकर चंगेज खान ने परिसंघ निर्माण किया।

Q. मंगोलो के लिए व्यापार क्यों इतना महत्वपूर्ण था?

Ans मंगोली के लिए व्यापार से इतना महत्वपूर्ण थी  :

i) क्योंकि स्टेपी क्षेत्र में संसाधन की कमी थी ।

ii) संसाधनों की कमी के कारण मंगोलो और मध्य-एशिया के यायावर को व्यापार और वस्तु - विनियम के लिए उनके पड़ोसी चीन के स्थायी निवासियों के पास जाना पड़ता था।

iii) यायावर कबीले खेती से प्राप्त उत्पादों और लोहे के उपकरणों को चीन से लाते थे और घोड़े, फर और स्टेपी में पकड़े गए शिकार का विनिमय करते थे।

iv) अंत खेती में उत्तार - चढ़ाव के कारण मंगोलो के लिए व्यापार महत्वपूर्ण हो गया था।

Q. चीन ने चीन की महान दीवार का निर्माण क्यो किया।

Ans. चीन को इन यायावरो से विभिन्न शासक - कालों मे बहुत अधिक क्षति पहुंची। यहाँ तक कि आठवीं शताब्दी ई.पु. से ही अपनी प्रजा की रक्षा के लिए चीनी शासकों ने किलेबंदी करना प्रारंभ कर दिया था। तीसरी शताब्दी ई०पू० सेइन किलेबंदियो का एकीकरण सामान्य रक्षात्मक ढाँचे के रूप मे किया जिसे आज चीन की महान दीवार के रूप में जाना जाता है।

ii) उत्तरी चीन के कृषक समाजों पर यायावरों द्वारा लगातार कु हमलों और उनसे पनपते अस्थिरता और भय का यह एक प्रभावशाली चाक्षुष साक्ष्य है।

# चंगेज खान का जीवन-वृत्त

(चंगेज खान)- चंगेज खान का जन्म 1162 ई. आधुनिक मंगोलिया के उत्तरी भाग में ओनोन नदी के किनारे हुआ ।

ii) उसका प्रारंभिक नाम तेमुजिन था।

iii) इसके पिता का नाम येसूजेई  जो कियात कबीले का मुखिया था।

iv) इसकी माता का नाम ओलुन - इके था

v) इसकी पत्नी का बोरटे था।

vi) चंगेज खान का प्रथम मित्र बोधूरचू था )

vii) आड़ा (जमूका) चंगेज खान का सगा भाई था । और विश्वसनीय मित्र था।

viii) 1180-1190 के बीच 'ओगे खान' चंगेज खान मित्र रहा था।

ix) 1227 ई. मे चंगेज खान की मृत्यु हुई थी ।

x) चंगेज खान बोरजिगिद कुल से संबंधित था। (चंगेज खान और तातार कैराईट और ओगे खान के बीच युद्ध 1203 में)

*चंगेज खान को समुद्री खान की उपाधि क्यों दी गयी थी ? i) शक्तिशाली तातार कैराईट और खुद ओंग खान जिसके विरुद्ध चंगेज खान ने 1203 मे युध्द  छेड़ा ।

ii) 1206 में शक्तिशाली जमूका और नेमन लोगो को निर्णायक रूप से  पराजित करने के बाद तेमुजीन - स्टेपी क्षेत्र की राजनीति में सबसे प्रभावशाली व्यक्ति के रुप मे उभरा 

iii) उसकी इस प्रतिष्ठा को मंगोल कबीले के सददारी की एक सभा (कुरिलताई) मे मान्यता मिली और उसे उसे चंगेजखान समुद्री खान की उपाधि के साथ मंगोली का महानायक घोषित किया।

*.चंगेज खान द्वारा चीन में किया गया मुख्य अभियानः

i) दक्षिण चीन के शुगराजवंश आधिपत्य करना)

ii) 1209 ई० में सी-सिआ लोग हराना ।

iii) 1213 ई. में चीन की महान दीवार का अतिक्रमण करना।

iv) 1215ई. में पेकिंग नगर को लूटना।

Q. 1219 और 1221 ई. के बीच मंगोल खारजम राज्यों के किन क्षेत्रों के खिलाफ अभियान चलाया ।

Ans. (ⅰ) ओट्रार

ii) बुखार 

iii) समरकंद 

iv) बल्ख 

v) गुखांज 

vi) गर्व 

vii) निशापुर और हेरात 

*. जलालुद्दीन कौन था ?

जमालुद्दीन सुल्तान मोहम्मद का पुत्र था।

Q. चंगेज खान ने उतरी भारत और असम मार्ग मंगोलिया वापस लौटने का विचार क्यों किया 

Ans. सिंधु नदी के तट पर चंगेज खान ने उत्तरी भारत और असम मार्ग से मंगोलिया वापस लौटने का विचार किया क्योंकि असहय गर्मी, प्राकृतिक आवास की कठिनाइयो तथा उसके  शमन निमित्तज्ञ द्वारा दिए गए अशुभ संकेत के आभास ने उसे अपने विचारों को बदलने के लिए बाध्य किया।

* सैनिक उपलब्धियाँ

 i) मंगोलो और तुर्की के घुड़सवारी कौशल में मंगोल सेना को गति प्रदान की थी।

ii) घुड़‌सवारी तीरदांजी के अनुभव ने उनकी सैनिक गति को बहुत तेज कर दिया ।

iii) स्टेपी-प्रदेश के घुड़‌सवार सदैव फुर्तीले और बड़ी तेज गति से यात्रा करते हैं।

iv) चंगेज खान द्वारा घेराबंदी - यंत्र और नेफया बमबारी की राणनीति को अपनाना ।

v) मंगोल सैनिको द्वारा चल-उपस्कर की नीति का निर्माण करना।

*.चंगेज खान के उपरांत मंगोल साम्राज्य में होने वाले मुख्य परिवर्तन कौन-कौन से थे ?

 चंगेज खान की मृत्यु के बाद मंगोल साम्राज्य को दो चरणों में विभाजित कर दिया गया था।

a) पहला चरण -1236-1242

b)दूसरा चरण - 1255-1300

* पहला चरण (1236-42)

i) जिसके दौरान रूस के स्टेपी-क्षेत्र, बुलधार, कीव, पोलैंड तथा हंगेरी में भारी सफलता प्राप्त की गई ।

* दूसरा चरण (1255-1300)

जिसमें समस्त चीन, ईरान, इराक और सीरिया पर विनय प्राप्त की गई।

ii)इन अभियानों के पश्चात् साम्राज्य की परिसीमाओं में स्थिरता आई।

iii) सन् 1260 के दशक के बाद पश्चिम के सैन्य अभियान के शुरुआती आवेग को जारी रखना संभव नही हो पाया।

iv) हंगरी के स्टेपी - क्षेत्र से पीछे हट जाने और मिस्र सेवाओं द्वारा पराजित होने से नवीन राजनीतिक प्रवृत्तियों के उदय होने के संकेत मिलें।

ⅴ) मंगोल परिवार में उत्तराधिकार को लेकर आंतरिक राजनीति का होना।

vi) मिस्त्र का सामना करने के लिए छोटे और अपर्याप्त सेना भेजी ।

vii) मंगोलो की पराजय और तोलूई परिवार की चीन के प्रति निरन्तर बढ़ती हुई रुचि से उनका पश्चिम की ओर विस्तार रुक गया।

viii) इसी दौरान रूस और चीन की सीमा पर जोची और तोलूई वंशजो के अंदरूनी सगड़ो ने वंशजो का ध्यान उनके संभावित यूरोपीय अभियानों से हटा दिया।

*.चंगेज खान की दशमलव पद्धति -:

: चंगेज खान की सेना स्टेपी - क्षेत्रों की पुरानी दशमलव पध्दति के अनुसार गठित की गई।

:.जो दस, सौ हजार और दस हज़ार सैनिकों की इकाई में विभाजित थी।

:.और उससे कई कुल और कबीले शामिल होते थे।

*.नोयान क्या था ?

:. नयी सैनिक टुकड़ियों को जो उसके चार पुत्रों के अधीन। थी और विशेष रूप में चयनित कप्तानी के अधीन कार्य करती थी उसे नोयान कहा जाता था।

*.उलुस किसे कहते है?

इस नवीन श्रेणी में चंगेज खान ने अपने नव-विजित लोगो पर शासन करने का उत्तरदायित्व अपनेचार पुगे को सौंप दिया। जिसे उत्तुस कहा जाता था ।

*.चंगेज खान के पुत्रों को क्या प्राप्त हुआ-:

① (जोची). जोची को रूसी स्टेपी- प्रदेश प्राप्त हुआ

②(चघताई) - दूसरे पुत्र चघताई को तुरान का स्टेपी-क्षेत्र तथा पामीर के पहाड़ का उत्तरी क्षेत्र भी मिला जो उसके भाई के प्रदेश से लगा हुआ था।

③ (ओगोदेई) - ओगीदेई को चंगेज खान का उतराधिकारी उपाधि दी गयी। उसे महान खानकी उपाधि दी जाएगी।

ii )ओगोदेई ने अपने राज्याभिषेक के बाद अपनी राजधानी कराकोरम में प्रतिष्ठित कीं।

(4) (तलूई) - तलूई ने अपनी पैतृक भूमि मंगोलिया प्राप्त हुई।

*तामा क्या था ?

 (तामा) - चंगेज खान ने विभिन्न राजकुमारों के लिए अलग - अलग सैन्य - टुकड्डियाँ ड़याँ निर्धारित कर कर दी। जिसे तामा कहते थे।

* किरिलताई)- सरदारों की परिषद होता था जिसमें राजा की भागीदारे

(हरकारा पध्दति) -i) चंगेज खान ने पहले से ही एक फुर्तीली हरकारा पध्दति अपना रखी थी जिससे राजा के दूरदराज के स्थानों में परस्पर सम्र्पक रखा जाता था।

ii) अपेक्षित दूरी पर निर्मित सैनिक चौकियों में स्वस्थ एवं बलवान घोड़े तथा धुडसवार संदेशवाहक तैनात रहते थे।

iii)इस पद्धति  की गति तथा विश्वसनीय यात्रि‌यों को आश्‌चर्य मेडाल देती थी।

(iv) इनमें महान खानों को अपने विस्तृत महाद्वीपीय साम्राज्य के सुदूर स्थानों में होने वाली घटनाओं की निगरानी करने में सहायता मिलती थी।

*.अबकुर कर किसे कहते है ?

इस हरकारा पध्दति की व्यवस्था करने के लिए गंगोत यायावर अपने पश्ठ - समूहों से अपने छोड़ अन्य पशुओं का दसवां हिस्सा प्रदान करते थे। इसें इसे कुक्कुर कर कहते थे।

* (कनात). ईरान के शुष्क पठार मे भूमिगत नहरों को कबात कहा जाता था।

*.पैजा किसे कहते है?

सुरक्षित यात्रा के लिए यात्रियों को पास (Pass) जारी किए जाते थे। जिसे फारसी में पैजा और मंगोल भाषा मे  पैजा कहा जाता है।

* (बाज)- बाज़ एक प्रकार का कर बा जो सुरक्षित यात्रा के लिए अदा किया जाता था।

*.(कुबलई खान). यह चंगेज खान पोता था। इसके मृत्यु 1294 हुई थी।

ii)यह कृषकों और नगरी के रक्षक के रूप में उभरा ।

(गजन खान)- गजन खान चंगेज खान के सबसे छोटे पुत्र ती तलूई का वंशज था, इसकी मृत्यु (1304) मे हुई थी।

iii)इसने अपने परिवार के सदस्यों और अन्य सेना पतियों को आगाह कर दिया था कि वे कृषकों को न लूटें।

-: जोची ने सुनहरा गिरोह का गठन किया और और खरंस के स्टेपी-क्षेत्रों पर राज किया।

#.यास क्या था ?

i)यह एक नियम संहिता थी।

ii) जिस 1206 मे चंगेज खान ने लागू किया था।

iii).प्रारंभिक रूप मेन यास को यसाक लिखा जाता व्या जिसका अर्थ था विधि: आज्ञप्ति व आदेश /

iv).यास का संबंध प्रशासनिक विनियमों से है जैसे - आखेट सैन्य और डाक प्रणाली का संगठन।

(ⅴ) इसे चंगेज खान की विधि संहिता भी कहा जाता है।

Vi) यास मंगोल जनजाति की ही प्रथागत परंपराओं का एक संकलन था।

(vii).यास मंगोलो को समान आस्था रखने वाली के आधार पर संयुक्त करने में सफल हुआ।

(vii).यास एक बहुत ही सशक्त विचारधारा की।

* चगेज खान की भूमिका)

i) चंगेज खान ने मंगोलो. संगठति किया।

ii ).लंबे समय में चली आ रही कबीलाई लडाईयों और चीनियों द्वारा शोषन से मुक्ति दिलवाई ।

(ⅱi) शानदार पारमहाद्वीपीय साम्राज्य बनाया और व्यापार के रास्तों और बाजारों को पुनस्र्थापित किया)

मंगोल शासक व साम्राज्य की विशेषता -:

i) मंगोल शासक स्वयं भी विभिन्न धर्मी आस्थाओं से संबंध रखने वाले थे। जैसे- शासन, बौद्ध, ईसाई और अंतत इस्लाम ।

ii) इन्होने सार्वजनिक नीतियों पर अपने बवैयक्ति भत कह कभी नहीं सौचे।

मंगोल शासकों ने सब जातियों और धर्मी के लोगो को अपने यहाँ प्रशासकों और हथियारबंद सैन्य दल के रूप में भर्ती किया ।

(iv) मंगोल साम्राज्यक का शासन बहु-जातीय, बहु-भाषी बहु-धार्मिका था।

* चंगेज खान का विश्व इतिहास मे स्थान -:

i) मंगोलिया एक स्वतंत्र राष्ट्र के रूप में अपनी पहचान बना रहा है। 

ii) उसने चंगेज खान को एक महान राष्ट्र - नायक के रूप मे लिया है जिसका सार्वजनिक रूप से सम्मान किय जाता है और जिसकी उपलविधयों का वर्णन गर्व है। साथ किया जाता है।

(iii) मंगोलिया के इतिहास में इस निर्णायक समषप चंगेज खान एक बार फिर मंगोलो के लिएआरस व्यक्ति के रूप में उभरकर सामने आया है।

iv). जो महान अतीत की स्मृतियों को जागृत कर राष्ट्रव की पहचान बनाने की दिशा में शक्ति प्रदान करने के साथ साथ राष्ट्र को भविष्य की ओर ले जाएगी।