Class 11th Pol-Science Chapter - 3 Notes in Hindi (चुनाव और प्रतिनिधित्व)
चुनाव और प्रतिनिधित्व
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चुनाव : ऐसी व्यवस्था में नागरिक अपने प्रतिनिधियों को चुनते हैं जो देश के शासन और प्रशासन को चलाने में सक्रिय रूप से भाग लेते हैं इन प्रतिनिधियों को चुनने की विधि को चुनाव या निर्वाचन कहते है।
चुनाव के दो प्रकार
1. प्रत्यक्ष:- इसमें जनता सीधे चुनाव में भाग लेती है
उदाहरण - लोकसभा का चुनाव
2. अप्रत्यक्ष:- इसमें जनता सीधे चुनाव में भाग नहीं लेती है।
उदाहरण - राष्ट्रपति का चुनाव
चुनाव व्यवस्था
i) पूरे देश को 543 निर्वाचन क्षेत्रों में बांट दिया गया है।
ii) प्रत्येक निर्वाचन क्षेत्र से एक, प्रतिनिधि चुना जाता है।
iii) उस निर्वाचन क्षेत्र में जिस प्रत्याशी को सबसे अधिक वोट मिलते है उसे निर्वाचित घोषित कर दिया जाता है।
Q जो सबसे आगे वही जीते प्रणाली से आप क्या समझते है ?
Ans - इस व्यवस्था में जिस प्रत्याशी को अन्य सभी प्रत्याशियों से अधिक वोट मिल जाते है उसे ही निर्वाचित घोषित कर दिया जाता है। विजयी प्रत्याशी के लिए यह जरूरी नहीं कि उसे कुल मतों का बहुमत मिले।इस विधि को जो सबसे आगे वही जीते प्रणाली कहते हैं ।
समानूपातिका प्रतिनिधित्व-: i) प्रत्येक पार्टी चुनावों से पहले अपने प्रत्याशीयों की एक प्राथमिकता सूची जारी कर देती है और अपने उतने ही प्रत्याशियों को उस प्राथमिकता सूची से चुन लेती है। जितनी सीटों का कोटा उसे दिया जाता है। चुनावों की इस व्यवस्था को समानुपातिक प्रतिनिधित्व प्रणाली कहते है।
ii) इस प्रणाली में किसी पार्टी को उतनी ही प्रतिशत सिम मिलती है जितने प्रतिशत उसे वोट मिलता है।
iii) समानुपातिक प्रतिनिधित्व के दो प्रकार होते हैं।
पहला) : कुछ देशों जैसे इजराइल या नीदरलेई में पूरे देश को एक निर्वाचन क्षेत्र माना जाता है और प्रत्येक पार्टी को राष्ट्रीय चुनावों में प्राप्त वोटो के अनुपात में सीटे दे दी जाती है।
दुसरा) -: अर्जेटीना व पुर्तगाला में देखने को मिलता है जहां पूरे देश को बहु-सदस्ययि निवाचन क्षेत्रों में बांट दिया जाता है। प्रत्येक पार्टी प्रत्येक ? निर्वाचन क्षेत्र के लिए अपने प्रत्याशियों की एक सूची जारी करता है। जिसमें उतने ही नाम होते हैं जितने प्रत्याशियों को उस निर्वाचन क्षेत्र से चुन जाना होता है।
Q- भारत में किसके चुनाव के लिए समानुपातिक प्रतिनिधित्व प्रणाली अपनाई गई है?
Ans. राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, राज्यसभा, और विधान परिषदों के चुनावों के लिए समानुपातिका प्रतिनिधित्व प्रणाली अपनाई गई है
Q. समानुपातिक प्रतिनिधित्व और सर्वाधिक वोट पाने वाले को जीत मे अंतर स्पष्ट कीजिए ।
Ans. सार्वधिक वोट पाने वाले की जीत
i) पूरे देश की छोटी-छोटी भौगोलिक इकाइयों में बांट देते है जिसे निर्वाचित क्षेत्र या जिला कहते हैं।
ii) हर निर्वाचन क्षेत्र में केवल एक प्रतिनिधि चुना जाता है।
iii) मतदाता प्रत्याशी को वोट देता है।
iv) पार्टी को प्राप्त वोटो विधायिका में मिल सकती है।
v) विजयी उम्मीदवार को जरूरी नही कि वोटो का बहुमत (50%+1) मिले।
ⅵ) उदाहरण - U.K, भारत
समानुपातिक प्रतिनिधित्व
i) किसी बड़े भौगोलिक क्षेत्र को एक निर्वाचन क्षेत्र मान लिया जाता है पूरा का पूरा देश एक निर्वाचित क्षेत्र गिना जा सकता है।
ii) एक निर्वाचन क्षेत्र में काई प्रतिनिधि चुने जा सकते हैं।
iii) मतदाता पार्टी को वोट देता है।
iv) हर पार्टी को प्राप्त मत के अनुसार में विधायिका में सीटे हासिल होती है।
v) विजयी उम्मीदवार को वोटो का बहुमत हासिल होता है।
ⅵ) उदाहरण -इजराइल और नीदरलैंड
एकल संक्रमणीय मत प्रणाली -: समानुपातिक प्रतिनिधित्व का एक तीसरा स्वरूप हमें भारत में राज्य सभा चुनावों में देखने को मिलता है 'इसे 'एकल संक्रमणीय मत प्रणाली" कहते हैं।
एकल संक्रमणीय मत प्रणाली की विशेषता:- i)प्रत्येक राज्य को राज्य सभा में सीटों का निश्चित कोटा प्राप्त है।
ii)राज्यों की विधान सभा के सदस्यों द्वारा इन सीटो के लिए चुनाव किया जाता है।
iii) इसमे राज्य के विधायक ही मतदाता होते हैं।
Q.भारत में सर्वाधिक वोट से जीत की प्रणाली को क्यों स्वीकार की थी।
Ans. i) क्योंकि मतदाताओं के लिए जिन्हे राजनीतिक और चुनाव का विशेष ज्ञान नहीं है, इस पूरी चुनाव व्यवस्था को समझना अत्यंत सरल है।
ii) इसके अतिरिकत चुनाव के समय मतदाताओं के पास स्पष्ट विकल्प होते है।
iii) मतदाताओं को वोट किसी प्रत्याशी या दल प्रदान करना होता है।
iv) राजनीतिक की वास्तविकता को ध्यान में रखकर मतदाता को किसी प्रत्याशी दल को केवल स्वीकृति प्रदान करना होता है।
v) राजनीति की वास्तविकता को ध्यान में रखकर मतदाता किसी प्रत्याशी को भी वरीयता दे सकता है और किसी दल को भी।
vi) यह प्रणाली मतदाताओं को केनल दलों में ही नहीं वरन् उम्मीदवारों मे भी चयन विकल्प देती है।
*1980 में भारत में बहुदलीय गठबंधन बना
Q - लोकसभा की कितनी सीटे अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित है?
Ans. लोकसभा की 543 निर्वाचित सीटो में 84 अनुसूचित जाति और 47 अनुसूचित जनजाति (26 जनवरी 2019 की स्थिति) के लिए आरक्षित है।
परिसीमन आयोग
- परिसीमन आयोग का गठन राष्ट्रपति द्वारा किया जाता है।
- (कार्य)- यह चुनाव आयोग के साथ मिल कर काम करता है इसका गठन पूरे देश में निर्वाचन क्षेत्रो की सीमा खीचने के उद्देश्य से किया जाता है।
Q. अनुसूचित जातियों के मामले में परिसीमन आयोग किन दो बातों पर ध्यान देता है।
Ans.i) आयोग उन निर्वाचन क्षेत्रों को चुनता है, जिसमे अनुसूचित जातियों का अनुपात ज्यादा होता है।
ii) शहरी और ग्रामीण स्थानीय सरकारों में महिलाओं के लिए सीटें आरक्षित कर दी गई है।
*1989 में संविधान संशोधन द्वारा वोट के अधिकार को 21 वर्ष से घटाकर 18 वर्ष किया गया।
Q. संविधान के अनुच्छेद 324 से आप का समझते है?
Ans.भारतीय संविधान का अनुच्छेद 324 निर्वाचनों के लिए मतदाता सूची तैयार कराने और चुनाव के संचालन का अधीक्षण निर्देशन और नियंत्रण का अधिकार एक स्वतंत्र निर्वाचन आयोग को देता है।
* और इस स्वतंत्र निर्वाचन आयोग का नाम है-: चुनाव आयोग ।
चुनाव आयोग
स्थापना प्रथम :- 1950
प्रथम चुनाव आयुक्त :-सु कुमार सेन
अब -राजीव कुमर
प्रथम आम चुनाव:-1952
* भारत के चुनाव आयोग की विशेषता-:
i) भारत के निर्वाचन आयोग की सहायता करने के लिए प्रत्येक राज्य में एक मुख्य निर्वाचन अधिकारी होता है।
ii) निर्वाचन आयोग स्थानीय निकायों के चुनाव के लिए जिम्मेदार नहीं होता ।
iii) राज्यों में राज्य निर्वाचन आयुक्त होते हैं जो निर्वाचन आयोग से अलग कार्य करते है और इनमें से प्रत्येक का काम करने का अपना अलग दायरा है।
iv) भारत का निर्वाचन आयोग एक सदस्यीय या बहु-सदस्यीय भी हो सकता है।
v) मुख्य निर्वाचन आयुक्त निर्वाचन आयोग की अध्यक्षता करता है लेकिन अन्य दोनों निर्वाचन आयुक्तों की तुलना में उसे ज्यादा शक्तियां प्राप्त नहीं है।
vi) एक सामूहिक संस्था के रूप में चुनाव संबंधी सभी निर्णय में मुख्य निर्वाचन आयुक्त और अन्य दोनो निर्वाचन आयुक्तों को शक्तियाँ समान है।
vii) उनकी नियुक्ति राष्ट्रपति द्वारा मंत्रिपरिषद के परामर्श पर की जाती है।
iii ) संविधान मुख्य निर्वाचन आयुक्त और निर्वाचन आयुक्तों के कार्यकल की सुरक्षा देता है। उन्हे 6 वर्षो के लिए अथवा 65 वर्ष की आयु तक के लिए नियुक्त किया जाता है।
* एक - सदस्यीय निर्वाचन आयोग 1989
* बहु - सदस्यीय निर्वाचन आयोग = 1989 के बाद ।
विशेष बहुमत क्या होता है:-उपस्थित और मतदान करने वाले सदस्यों का दो-तिहाई बहुमत ।
ⅱ, सदन कुल सदस्य संख्या का साधारण बहुमत ।
* भारत का चुनाव आयोग के कार्य :-
i)वह मतदाता सूचियों को नाया करने के फाम की देख रेख करता है।
ii)वह चुनाव का समय और चुनावों का पूरा कार्यक्रम तथ करता है।
iii)निर्वाचन आयोग को स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव कराने के लिए निर्णय लेने का अधिकार है।
(iv) निर्वाचन आयोग राजनीतिक दलों को मान्यता देता है और उन्हें चुनाव चिहन आंबटित करता है।
* भारत मे चुनाव सुधार -:
ⅰ) हमारी चुनाव व्यवस्था को सार्वधिक मत जीतने वाली प्रणाली के स्थान पर किसी प्रकार की समानुपातिक प्रतिनिधित्व प्रणाली लागू करना चाहिए थे।
ii)संसद और विधान सभाओं में एक तिहाई सीटों पर महिलाओं को चुनने के लिए विशेष प्रावधान बनाये जाएँ।
iii) चुनावी राजनीतिक में थन के प्रभाव को नियंत्रित करने कें लिए और अधिक कठोर प्रावधान होने चाहियें । सरकार को एक विशेष निति से चुनावी खर्ची का भुगतान करना चाहिये।
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