Class 11th Pol-Science Chapter 4 Notes in Hindi (कार्यपालिका)
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कार्यपालिका
सरकार के तीन अंग
1) विधायिका
2) कार्यपालिका
3) न्यायपालिका
Q. कार्यपालिका क्या है?
Ans. कार्यपालिका सरकार का वह अंग है जो विधायिका द्वारा स्वीकृत नीतिया और कानूनों को लागू करने के लिए जिम्मेदार हैं।
(कार्यपालिका का अर्थ) कार्यपालिका का अर्थ व्यक्तियों के उस समूह से है जो कायदे- कानूनों को सगठन मे रोजाना लागू करते हैं।
(कार्यपालिक के कार्य). विधायिका द्वारा स्वीकृत नीतियों और कानूनों को लागू करना ।
(कार्यपालिका के सदस्य) प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति, मंत्री और प्रशासनिक ढाँचा ।
कार्यपालिका के प्रकार
1) राजनीतिक कार्यपालिका
2) स्थायी कार्यपालिका
(राजनीतिक कार्यपालिका) - i) सरकार के प्रधान और उनके मंत्रियो को राजनीतिक कार्यपालिका कहते है।
ii ) और वे सरकार की सभी नीतियों के लिए उत्तरदायी होते हैं।
(स्थायी कार्यपालिका). जो लोग रोज-रोज के प्रशासन के लिए उत्तरदायी होते हैं, उन्हें स्थायी कार्यपालिका कहते है।
जैसे -IAS, IPS. आदि।
(भिन्न-भिन्न देश में कार्यपालिका की. प्रकृति)
(अमेरिका). अमेरिका मे अध्यक्षात्मक व्यवस्था है और कार्यकारी शक्तियाँ राष्ट्रपति के पास है।
(ब्रिटेन). ब्रिटेन में संसदीय लोकतंत्र और संवैधानिक राजतंत्र है जिसमें महारानी एलिजाबेथ द्वितीय राज्य की प्रधान और प्रधानमंत्री सरकार का प्रधान है।
(फ्रांस)i) फ्रांस में राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री अर्द्ध- अध्यक्षात्मक व्यवस्था के हिस्से है।
ⅱ) राष्ट्रपति प्रधानमंत्री और अन्य मंत्रियों की नियुक्ति करता है पर उन्हें पद से हटा नहीं सकता क्योकि वे संसद के प्रति उतरदायी होते हैं।
(जापान) जापान में संसदीय व्यवस्था है जिसमें राजा देश का और प्रधानमंत्री सरकार का प्रधान है।
(इटली) - इटली में एक संसदीय व्यवस्था है जिसमें राष्ट्रपति देश का और प्रधानमंत्री सरकार का प्रधान है।
(रूस). रूस में एक - अर्ध अध्यक्षात्मक व्यवस्था है जिसमें राष्ट्रपति देश का प्रधान और राष्ट्रपति द्वारा नियुक्त प्रधानमंत्री. सरकार का प्रधान है।
(जर्मनी)- जर्मनी में एक संसदीय व्यवस्था है. जिसमें राष्ट्रपति देश का नाममात्र का प्रधान और चांसलर सरकार का प्रधान है।
*(अध्यक्षात्मक व्यवस्था) i) अध्यक्षात्मक व्यवस्था में राष्ट्रपति । राज्य और सरकार दोनों का ही प्रधान होता है।
ii)इस व्यवस्था में सिध्दांत और व्यवहार दोनों में राष्ट्रपति का पद बहुत शक्तिशाली होता है।
iii) ऐसी व्यवस्था अमेरिका, ब्राजील सौर लैटिन अमेरिका के अनेक देशों में पाई जाती है।
*(संसदीय व्यवस्था) i) संसदीय व्यवस्था में प्रधानमंत्री सरकार का प्रधान होता है
ii) अधिकार अधिकतर संसदीय व्यवस्थाओं में एक राष्ट्रपति या राजा होता है जो देश का औपचारिक या नाम मात्र का प्रधान होता है।
iii) इस व्यवस्था मे राष्ट्रपति या राजा की भूमिका मुख्यतः अलंकारिक होती है। और प्रधानमंत्री तथा मंत्रिमंडल के पास वास्तविक शक्ति होती हैं।
iv) उदाहरण - जर्मनी, भारत, इटली, जापान, इंग्लैंड और पुर्तगाल में होती है।
* (अर्ध- अध्यक्षात्मक) i) अर्ध अध्यक्षात्मक व्यवस्था में-राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री होते हैं।
ii) इस व्यवस्था में कभी - कभी राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री दोनो ही एक दल के हो सकते हैं, लेकिन जब कभी वे दो अलग-अलग दलों के होते हैं। तो उनमें आपसी विरोध हो सकता है।
iii) उदाहरण- फ्रांन्स , रूस, और श्रीलंका ऐसी ही व्यवस्था है।
" राज्यों के स्तर पर कार्यपालिका का निर्माण"
i) राज्यपाल। ii) मुख्यमंत्री iii) मंत्रिपरिषद
राष्ट्रपति
i)भारत के राष्ट्रपति का चुनाव 5 वर्ष के लिए किया जाता है।
ii) भारत के प्रथम राष्ट्रपति डाँ राजेंद्र प्रसाद थे।
iii) भारत के संविधान में औपचारिक रूप से संघ की कार्यपालिका शक्तियाँ राष्ट्रपति को दी गई है
iv) राष्ट्र का निर्वाचन अप्रत्यक्ष तरीके से होता है।
v) राष्ट्रपति का निर्वाचन आम नागरिक नही बल्कि निर्वाचन विधायक और सांसद करते हैं।
vi)यह निर्वाचन समानुपातिक प्रतिनिधित्व प्रणाली और एकल संक्रमणीय मत के सिध्दांत के अनुसार होता है।
vii) केवल संसद ही राष्ट्रपति को महाभियोग की प्रक्रिया कें द्वारा उसके पद से हटा सकती है।
viii) महाभियोग केवल संविधान के उल्लघंन के आधार पर लगाया जा सकता है।
ix) भारत की वर्तमान राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू है।
• (महाभियोग)- केवल संसद ही राष्ट्रपति को महाभियोग की प्रक्रिया के द्वारा उसके पद से हटा सकती है।
• महाभियोग केवल संविधान के उल्लघंन के आधार पर लगाया जा सकता है।
*(राष्ट्रपति की शक्तियां )
1 कार्यकारी शक्तियां
2 विधायी शक्तियां
3 कानूनी शक्तियां
4 आपातकालीन शक्तियां
*(राष्ट्रपति के विशेषाधिकार)
i) संवैधानिक रूप से राष्ट्रपति को सभी महत्वपूर्ण मुद्दों और मंत्रिपरिषद् की कार्यवाही के बारे मे सूचना प्राप्त करने का अधिकार है।
ii)प्रधानमंत्री का यह कर्तव्य है कि वह राष्ट्रपति द्वारा मांगी गई सभी सूचनाएं उसे दें।
Q. राष्ट्रपति किन तीन अवसरों पर अपने विशेषाधिकार का प्रयोग करता है।
Ans. 1) राष्ट्रपति मंत्रिपरिषद् की सलाह को लौटा सकता है और अपने निर्णय पर पुनर्विचार करने के लिए कर सकता है।
a) ऐसा करके राष्ट्रपति अपने विवके का प्रयोग करता है।
b) जब राष्ट्रपति को ऐसा लगता है कि सलाह में कुछ गलती है या कानूनी रूप से कुछ कमियाँ है, फैसला देश के हित मे नहीं है। तो वह मंत्रिपरिषद से अपने निर्णय पर पुनर्विचार करने के लिए कह सकता है।
c) मंत्रिपरिषद पुनर्विचार के बाद भी उसे वही सलाह दुबारा दे सकती है और तब राष्ट्रपति उसे मानने के लिए बाध्य भी होगा।
2) राष्ट्रपति के पास वीटो की शक्ति (निषेधाधिकार) होती है।
a) जिसमे वह संसद द्वारा पारित विधेयकों (धन विधेयको को छोड़ कर) स्वीकृति देने में विलंब कर सकता है। स्वीकृति देने से मना कर सकता है
b) संसद द्वारा पारित प्रत्येक विधेयक को कानून बनाने से पूर्व राष्ट्रपति से स्वीकृति के लिए भेजा जाता है। राष्ट्रपति उसे संसद को लौटा सकता है और उस पर पुनर्विचार के लिए कह सकता है।
c) वीटो की यह शक्ति सीमित है क्योकि संसद उसी विधेयक को दुबारा पारित कर दे और राष्ट्रपति के पास भेजे, तों राष्ट्रपति को उसे पर अपनी स्वीकृति देनी पड़ेगी।
3) तीसरे प्रकार का विशेषाधिकार राजनीतिक परिस्थितियों के कारण पैदा होता है। औपचारिक रूप से राष्ट्रपति प्रधानमंत्री की नियुक्ति करता है।
Q. प्रधानमंत्री की नियुक्ति में राष्ट्रपति की भूमिका का उल्लेख कीजिए ?
Ans. i) प्रधानमंत्री की नियुक्ति राष्ट्रपति करता है।
ii) यदि चुनाव के बाद किसी भी पार्टी को पूर्व बहुमत नहीं मिलता है
iii) और गठबंधन बनाने के बाद भी 2 या 3 नेता यह दावा करे कि उने लोकसभा में बहुमत प्राप्त है।
iv) तब राष्ट्रपति को यह निर्णय करना पड़ता है कि वह किसे प्रधानमंत्री नियुक्ति करें।
v) इस परिस्थिति में राष्ट्रपति को अपनें विशेषाधिकार का प्रयोग का कर यह निर्णय लेना होता है, कि किसे बहुमत का समर्थन प्राप्त है या कौन सरकार बना सकता है और साकार सरकार चला सकता है।
vi) 1989 के बाद से प्रमुख राजनीतिक परिवर्तनों के कारणों राष्ट्रपति के पद का महत्व बहुत बढ़ गया है।
Q. पॉकेट वीटो किसे कहते हैं?
Ans. राष्ट्रपति किसी भी विधेयक को बिना किसी समय सीमा के आपने पास लंबित रख सकते है। इससे राष्ट्रपति को अनौपचारिक रूप से अपने वीटो को प्रभावी ढंग से प्रयोग करने का अवसर मिल जाता है।
उपराष्ट्रपति :- भारत का उपराष्ट्रपति चुनाव 5 वर्ष पर होता है
पहले: डॉ एस राधा कृष्णन
अब: जगदीप धनकड़
उपराष्ट्रपति राज्य सभा का पट्रेन अध्यक्ष होता है ।
*(प्रधानमंत्री)- i) भारत के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित ज्वाहर लाल नेहरू थे।
ii) प्रधानमंत्री का चुनाव 5 वर्ष के लिए किया जाता है।
iii) प्रधानमंत्री मंत्रिपरिषद का अध्यक्ष होता है।
iv) वर्तमान में श्री मोदी जी भारत के प्रधानमंत्री है।
v) मंत्रिपरिषद के प्रधान के रूप मे प्रधानमंत्री अपने देश की सरकार का सबसे महत्वपूर्ण पदधिकारी हो जाता है।
vi) संसदीय शासन में यह जरूरी है कि प्रधान मंत्री को लोकसभा में बहुमत प्राप्त हो।
vii) जैसे ही प्रधानमंत्री बहुमत का समर्थन खो देता है। वह अपना पद भी खो देता है।
viii) औपचारिक रूप में जिस नेता को लोकसभा में बहुमत का समर्थन प्राप्त होता है, राष्ट्रपति उसे प्रधानमंत्री नियुक्त करता है ।
* मंत्रिपरिषद के निर्माण में प्रधानमंत्री की भूमिका :-
i) प्रधानमंत्री तय करता है कि उसकी मंत्रिपरिषद में कौन लोग मंत्री होगे।
ii) प्रधानमंत्री विभिन्न मंत्रियों में पद स्तर और मंत्रालयों का आवंटन करता है।
iii) मंत्रियो को उनकी वरिष्ठता और राजनीतिक महत्व के अनुसार मंत्रिमंडल का मंत्री, राज्य मंत्री या उपमंत्री बनाया जाता है।
iv) प्रधानमंत्री और सभी मंत्रियों के लिए संसद का सदस्य होना अनिवार्य है।
v) संसद का सदस्य हुए बिना यदि कोई व्यक्ति मंत्री या प्रधानमंत्री बन जाता है तो उसे छ: महीने के भीतर ही संसद के सदस्य के रूप में निर्वाचित होना पड़ता है।
vi) मंत्रिपरिषद के सदस्यों की संख्या लोकसभा के कुल सदस्य संख्या के 15 प्रतिशत से अधिक नहीं होनी चाहिए।
* मंत्रिपरिषद् की विशेषता -:
i) मंत्रिपरिषद लोकसभा के प्रति सामूहिक रूप से उत्तरदायी है।
ii) बिना प्रधानमंत्री के मंत्रिपरिषद् का कोई अस्तितव नहीं है
iii) प्रधानमंत्री की मृत्यु या त्यागपत्र से पूरी मंत्रिपरिषद् ही भंग हों जाती है। जबकि किसी मंत्री की मृत्यु हटाए जाने या त्याग पत्र के कारण मंत्रिपरिषद में केवल एक स्थान खाली होता है।
iv) प्रधानमंत्री एक तरफ मंत्रिपरिषद तथा दूसरी ओर राष्ट्रपति "और संसद के बीच एक सेतु का काम करता है।
*(मंत्री के प्रकार)
1 कैबिनेट मंत्री
2 स्वतन्त्र प्रभार मंत्री
3 राज्यमंत्री
Q प्रधानमंत्री की शक्तियों के मुख्य श्रोत क्या है?
Ans. ⅰ) मंत्रिपरिषद पर नियंत्रण
ii) लोकसभा का नेतृत्व
iii) अधिकारी जमात पर अधिपत्य
iv) मीडिया तक पहुंच
v) चुनाव के दौरान व्यक्तित्व का उभार
vi) अंतरराष्ट्रीय सम्मेलनों और विदेश यात्राओं के दौरान राष्ट्रीय नेता की छति आदि ।
* (राज्यपाल)- i) राज्यपाल की नियुक्ति केन्द्र सरकार की सलाह पर राष्ट्रपति करता है।
ii) राज्यपाल मुख्यमंत्री को नियुक्ति करता है।
iii) राज्यपाल के पास विवेकाहानि शक्तियां होती है।
* (नौकरशाही ) - i) नौकरशाही वह माध्यम है जिसके द्वारा सरकार की लोक हितकारी नीतियां जनता तक पहुंची है।
ii) नौकरशाही मंत्रियों के निर्णय को लागू करता है।
iii) इसे नागरिक सेवा भी कहते है।
iv) उदाहरण - IAS, IPS.etc.
केंद्रीय सरकार
1 भारतीय विदेशी सेवा
2 भारतीय राज्स्व सेवा
(सिविल सेवाओं का वर्गीकरण )
अखिल भारतीय सेवाएं ।
(IAS) :- भारतीय प्रशासनिक सेवा
(IPS) :- भारतीय पुलिस सेवा
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