Class 11th Pol-Sciecne Chapter-4 (सामाजिक न्याय) Notes in Hindi
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सामाजिक न्याय
ii) न्याय व्यवस्था का नाम है, जिसके द्वारा एक मनुष्य दूसरे मनुष्य कसे का नाम जुड़ा होता है।
ⅲ) न्याय समाज में रहने वाले प्रत्येक व्यक्ति को बिना किसी भेदभाव,के उसका "उचित " हक देने से संबंध रखता रखता। है।
*प्लेटो के अनुसार- न्याय वह गुण है जो अन्य गुणों के मध्य सामाजस्य स्थापित करता है।
* (कन्फ्यूशस) चीन के दार्शनिक विचारक था ।
* (प्लेटो)- यूनान का दार्शनिक विचारक था ।
न्याय पर कन्फ्यूशस के विचार
: चीन के दार्शनिक कन्फ्यूशस का तर्क था कि गलत करने वालो को' दंडित कर और भले लोगो को पुरस्कृत कर राजा न्याय कायम रखना चाहिए ।
* 'द रिपब्लिक प्लेटो की पुस्तक का नाम था।
* (इमैनुएल कांट) -
i) जर्मनी के दार्शनिक थे।
ii) हर व्यक्ति की गरिमा होती है।
(ग्लाउकॉन और एडीमंटस)
i) सुकरात के मित्र थे।
ii) यूनान के दार्शनिक थे।
* (नागरिक अधिकार)-
i)जीवन का अधिकार
ii) स्वतंत्रता का अधिकार
iii) संपत्ति का अधिकार
* (राजनीतिक अधिकार).
i) सामाजिक अधिकार
ii) मत देने का अधिकार
* सामाजिक न्याय की स्थापन के तीन मुख्य सिद्धांत कौन से है?
Ans. i) समान लोगो के प्रति बरताव ।
ii) समानुपातिक न्याय ।
iii) विशेष जरूरतो का विशेष खयाल।
* (समान लोगी के प्रति समान बर्ताव) - सभी के लिये समान अधिकार तया भेदभाव की मना ही है। नागरिकों को उनके वर्ग जाति नस्ल या लिंग के आधार पर नही बल्कि उनके काम व कार्यकलापों के आधार पर। पर जांचा जाना चाहिये अगर भिन्न जातियों के दो व्यक्ति एक ही काम कर रहे हो तो उन्हे समान पारिश्रमिक मिलना चाहिए ।
* (समानुपातिक न्याय) - कुछ परिस्थितियां ऐसी भी हो सकती है जहां समान बर्ताव अन्याय होगा, जैसे परीक्षा में बैठने वाले सभी छात्रों को एक जैसे अंक दिये जाये। यह न्याय नहीं हो सकता अतः मेहनत, कौशल व संभावित खतरें आदि को ध्यान में रख कर अलग-अलग पारिश्रमिक दिया जाता न्याय सगत आदि ।
(विशेष जरूरतों का विशेष ख्याल)- पारिश्रमिक या कर्तव्यों का वितरण करते समय विशेष जरूरतों का ध्यान रखना, उदा० - स्वरूप विकलांगत आदि।
# (न्याय के मुख्य आयाम)
1 विधिक न्याय।
2 राजनीतिक न्याय।
3 आर्थिक न्याय ।
4 सामाजिक न्याय ।
* (विधिक न्याय)- यह न्याय की एक संकीर्ण अवधारणा है तथा समाज में विधिक प्रक्रिया के रूप में विद्यमान है। कोर्ट ऑफ लॉ विधी की व्याख्या करता है तथा विवाद में सम्मिलित वादियों के पक्ष विपक्ष इसे अधिनियमित करता है। तथा यहां, न्याय विधि न्यायालय द्वारा प्रशासित है तथा न्यायाधीश की व्याख्या को को न्याय का प्रतीक माना जाता है।
* (राजनीतिक न्याय)- समान राजनीतिक अधिकारों को प्रेरित करना। राज नीतिक न्याय राजनीतिक क्षेत्र में लोगों को स्वतंत्र तथा निष्पक्ष सहभागिता के लिए है। सार्वभौमिक वयस्क मताधिकार राज नीतिक न्याय की अभिव्यक्ति है।
* (सामाजिक न्याय)- इसका अर्थ है सभी प्रकार की सामाजिक विषमताओं को समाप्त करना तथा जीवन के समस्त क्षेत्रों में प्रत्येक नागरिकों को उसके व्यक्तित्व के विकास के लिए अवसर सुनिश्चित करना सामाजिक सुरक्षा निश्चित करना तथा का समान राजनीतिक अधिकारों का प्रावधान करना।
* (आर्थिक न्याय). इसका अर्थ है सभी को उनके जीवन-यापन के लिए समान अवसर प्रदान करना। इसका आज से ऐसे लोगों, की सहायता करना भी है, जो कार्य करने तथा अपनी आजीविका अर्जित करने के लिए सक्षम नही हैं।
* रॉल्स के न्याय सिद्धांत की विवेचना कीजिए ?
Ans. 'अज्ञानता के आवरण" द्वारा रॉल्स ने न्याय सिध्दांत का प्रतिपादन किया, यदि व्यक्ति को यह अनुमान न हो की समाज में उसकी क्या स्थिति होगी। और उसे समाज को संगठित करने का कार्य तथा नीति निर्धारण अवश्य ही ऐसी सर्वश्रेष नीति बनाएगा जिसमें समाज के प्रत्येक वर्ग को सुविधाएं दी जा सकेगी।
# न्यायपूर्ण बटवारा
: संसाधनो का बटवारा इस प्रकार से होना चाहिए जिससे कि सभी लोगो को फायदा हो।
. जमीदारी प्रथा को खत्म किया गया ।
. हुआ छूत को समाप्त किया गया
. आरक्षण की व्यवस्था।
मुक्त बाजार
① बाजार पर राज्य का नियंत्रण नही होता।
② वस्तुओं की कीमत बाजार की मांग तथा पूर्ति की शक्ति के आधार पर होती है
3 वस्तुओं का उत्पादन लाभ कमाने के लिए किया जाता है।
राज्य का हस्तक्षेप
① बाजार पर सरकार का नियंत्रण होता है।
② वस्तुओं की कीमत सरकार द्वारा निर्धारित की जाती है।
② वस्तुओं का उत्पादन सामाजिक कल्याण का के लिए किया जाता है।
*हम सामाजिक न्याय का अनुसरण कैसे कर सकते है। कोई दो सुझाव ।
i) अमीर गरीब के अंतर को समाप्त करके।
ii) समाज के सभी लोगों के लिए जीवन की न्यूनतम बुनियादी स्थितियाँ जैसे - आवास शुद्ध जल, न्यूनतम मजदूरी, शिक्षा, व भोजन जैसी सुविधा उपलब्ध करना आवश्यक ।
*.भारत में सामाजिक न्याय की स्थापन में कौन से कदम उठाएँ।
i) निः शुल्क तथा अनिवार्य शिक्षा
ii) पाँच वर्षीय योजनाएं
iii) वंचित वर्गों को आर्थिक सामाजिक सुरक्षा ।
iv) मौलिक अधिकार में प्रावधान।
v) प्रधानमंत्री उज्जवल योजना।
vi) किसान फसल बीमा योजना।
vii) बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओं।
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