Class 11th Pol-Sciecne Chapter-6 (नागरिकता) Notes in Hindi

Class 11th Pol-Sciecne Chapter-6 (नागरिकता) Notes in Hindi. नागरिकता:-नागरिकता की परिभाषा किसी राजनीतिक समुदाय की पूर्ण और समान सदस्यता नागरिकता कहलात
Class 11th Pol-Sciecne Chapter-6 (नागरिकता) Notes in Hindi

 नागरिकता

नागरिकता:-नागरिकता की परिभाषा किसी राजनीतिक समुदाय की पूर्ण और समान सदस्यता नागरिकता कहलाती है। जिसमें कोई भेद‌भाव नहीं होता ।

*शरणार्थियों की समस्या।

  • ऐसे लोगो को कोई राष्ट्र अधिकारो की गारंटी नही देता ।
  • ऐसे व्यक्ति असुरक्षित हालत में जीवन यापन करते है।

नागरिक अधिकार:-

  1. मत (वोट) देने का अधिकार
  2. अभिव्यक्ति का अधिकार
  3. आस्था की आजादी का अधिकर
  4. सामाजिक-आर्थिक अधिकार
  5. न्यूनतम मजदूरी का अधिकार 
  6.  शिक्षा का अधिकार 

:- भारतीय संविधान के भाग दो (अनुच्छेद 5 - 11) में नागरिकता से संबंधित प्रावधानों का वर्णन किया गया है।

:- नागरिक आज जिन अधिकारों का प्रयोग करते है उन्हें उन्होंने एक लंबे संघर्ष के प्राप्त किया है, जैसे 1789 की फ्रांसीसी क्रांति दक्षिण अफ्रीका में समान नागरिकता प्राप्त करने के लंबा संघर्ष आदि।

*.दक्षिण अफ्रीका एक स्वतंत्र राष्ट्र 1994 मे बना था।

*संपूर्ण और समान सदस्यता।

:- इसका अभिप्राय है, नागरिकों को देश में चाहे रहने, पढ़ने, काम करनें का। समान अधिकार व अवसर मिलना तथा सभी अमीर-गरीब नागरिकों को कुछ मूल अधिकार एवं सुविधाएं प्राप्त होना है।

*प्रवासी:- i) काम की तलाश में लोग एक शहर से दूसरे शहर तथा देश से दूसरे देश की और की जातें है, तब वे प्रवासी कहलाते है।

ii) निर्धन प्रवासियों का अपने अपने क्षेत्रों में उसी प्रकार स्वागत नहीं होता जिस प्रकार कुशल और दौलतमंद प्रवासियों का होता है।

* मार्टिन लूथर किंग:- इन्होंने अमेरीका में नागरिक अधिकार आंदोलन नेतृत्व किया था।

• किग ने दलील दी कि पृथक्करण की प्रथा गोरे समुदाय के जीवन की गुणवता भी कम करती है।

• उन्होने पृथक्करण कानूनों के खिलाफ शांतिपूर्ण और अंहिसा प्रतिरोध का आवाह्न किया।

*झोपडपट्टिया व गंदी बस्तियों में रहने वाले लोगो को किन समस्याओं का समान करना पड़ता है:- i)यहाँ निजी शौचलय का अभाव होता है।

ii) जलापूर्ति व सफाई की कमी होती है।

iii) जीवन और संपति असुरक्षित होते हैं।

iv) नागरिक अधिकारों से वंचित होती है।

* समान अधिकार:-सभी नागरिको के समान अधिकार और सुरक्षा प्रदान करना, सरकारी नीतियों का मार्गदर्शक सिद्धांत होता है।

*(टी. एच. मार्शल)- i) यह अंग्रेज समाजशास्त्री थे।

ii) इनका जीवनकाल (1893 - 1981) था|

iii) इनकी पुस्तक का नाम (नागरिकता व सामाजिक वर्ग था जिसका प्रकाशन 1950 में किया था ।

iv) मार्शल ने नागरिकता को 'किसी समुदाय के पूर्ण सदस्यों को प्रदत प्रतिष्ठा के रूप में परिभाषित किया था।

v) मार्शल नागरिकता में'तीन प्रकार के अधिकारों को शामिल मानते है

1 नागरिक

2 राजनीतिक

3 सामाजिक अधिकार

vi) मार्शल ने सामाजिक वर्ग को 'असमानता की व्यवस्था 'के रूप में चिह्निन्त किया।

# (नागरिक और राष्ट्र)

1 राष्ट्रीय पहचान को एक राष्ट्रगान, झंडी, राष्ट्रभाषा या कुछ खास. उत्सव के आयोजन जैसे प्रतीकों से प्रकट किया जा सकता है।

2 ज्यादातर आधुनिक राष्ट्र में अपने विभिन्न भाषा धर्म और सांस्कृतिक परम्पराओं के लोगों को सम्मिलित करते हैं।

3 फ्रांस ऐसा देश है जो धर्मनिरपेक्ष और समावेशी होने का दावा करता है वह यूरोपीय मूल के लोगो को ही नहीं अपितु उत्तर अफ्रीका जैसे दूसरे क्षेत्री से आए नागरिकों की भी अपने में सम्मिलित करता है। उनसे आशा की जाती है कि वह सार्वजनिक पहलू में फ्रांसीसी भाषा व संस्कृति को अपनाएं।

4 इजराइल और जर्मनी जैसी देशों ने धर्म में या जातीय मूल जैसे तत्वों को महत्व दिया जाता है।

धारा-21:-

 संविधान की धारा - 21 में जीने के अधिकार की गारंटी दी गई है। जिसमें आजीविका का अधिकार शामिल है।

*नागरिकता से संबंधित प्रावधानों का उल्लेख संविधान के किस भाग से है:- नागरिकता से संबंधित प्रावधानों का उल्लेख संविधान के दूसरे भाग में किया गया।

*भारत मे नागरिकता प्राप्त करने के मानदंड क्या है:-

1 जन्म 

2 वंश परंपरा 

3 पंजीकरण

4 देशी करण

5 किसी भू-क्षेत्र के राज क्षेत्र में शामिल होने से नागरिकता हासिल की जा सकती है।

* शरणार्थी देश 

  • सूडान
  • फिलीस्तीनी
  • बर्मा 
  • बांग्लादेश 

 *.विस्थापन के मुख्य कारण क्या है:-युद्ध, अकाल, उत्पीडन.

* शरणार्थी का अर्थ. विस्थापन के कारण जो लोग न तो घर लौट सकते है और न ही कोई देश उन्हें अपनाने को तैयार होता है, तो वे राज्यविहीन या शरणार्थी कहलाते है।

* दलाई लामा बौद्ध धर्म के गुरु हैं।

:- और यह 1959 मे शरण ली।

विश्व नागरिकता:- आज हम एक ऐसी दुनिया में रहते है, जो आपस में एक दूसरे से जुड़ी हुई है। संचार के साधन, टेलिविजन या इंटरनेट ने हमारे संसार के ढंग में भारी परिवर्तन किया गया है।

:- एशिया की सूनामी या बड़ी आपदाओं के पीड़ितों की सहायता के लिए विश्व के सभी भागों से उमड़ा भावोदगार विश्व समाज के उभार की और ईशारा करता है। इसी को विश्व नागरिकता कहा जाता है। यही' विश्व ग्राम व्यवस्था का आधार भी है।

 विश्व नागरिकता में लाभ:- इससे राष्ट्रीय सीमाओं के दोनो तरफ उन समस्याओं का समाधान करना सरल होगा, जिसमें बहुत से देशों की सरकारों और लोगों की संयुक्त कार्यवाही जरूरी होती है। इससे प्रवासी या राज्यविहीन लोगों की समस्या का सर्वमान्य निबटान करना आसान हो सकता है।