Class 11th History Chapter 4 ( तीन बदलती परंपराएं ) Notes in Hindi
Class 11th History Chapter 4 Notes in Hindi
(तीन बदलती परंपराएं)
:- ईसाई धर्म, जो चौथी सदी से रोमन साम्राज्य का राजकीय धर्म था।
-:(तीन वर्ग)- जो इस अध्याय का केंद्र बिंदु है, से हमारा अभिप्राय तीन सामजिक श्रेणियों से है, इसाई पादरी, भूमिधारक अभिजात वर्ग और कृषक ।
• सामंतवाद पर सर्वप्रथम काम करने वाले विद्वानों में से एक फ्रांस के मार्क ब्लॉक (Marc Bloch) थे।
•. ब्लॉक का सांमती समाज यूरोपियों, विशेषकर 900 से 1300 कें मध्य, फ्रांससी समान के सामाजिक संबंधों और श्रेणियों, भूमि प्रबंधन और उस काल की जन संस्कृति का असाधारण विवरण देते है।
*.सामंतवाद का परिचय
'सामंतवाद' (fuedalism) शब्द का प्रयोग मध्यकालीन यूरोप के आर्थिक, विधिक, राजनीतिक और सामाजिक संबंधो का वर्णन करने के लिए किया जाता रहा है।
:- यह जर्मने शब्द फ्यूड से बना है जिसका अर्थ 'एक भूमि का टुकड़ा है।
*.मध्यकालीन युग से आप की क्या समझते हैं?
मध्यकालीन युग 'शब्द पाँचवी और पन्द्रहवीं सदी के यूरोपीय इतिहास को इंगित करता है।
:- मध्यकालीन युग 5 वी से 15 सदी तक।
* संमात और कृषकों के बीच के संबंधा
(ⅰ) कृषक अपने खेतों के साथ-साब लॉर्ड के खेतो पर कार्य करते थे।
(ⅱ) कृषक लॉर्ड श्रम-सेवा प्रदान करते थे और बदले में वे उन्हें सैनिक सुरक्षा देते थे। डाकচি
iii) इसके भाष-साब लॉर्ड के कृषकों पर आपक भायिक अधिकार भी थे।
*शॉर्ल मेन यह फ्रांस के राजा थे।
*गॉल :- गॉल रोमन साम्राज्य एक प्रांत राज्य था।
*.गॉल, फ्रांस कैसे बना ?
गॉल रोमन साम्राज्य का एक प्रांत था । जिसे जर्मनी की एक जनजाति फ्रैंक (Gnamks) बे मॉल को अपना नाम देकर उसे फ्रांस बना दिया । छवी सदी से यह प्रदेश फ्रैकिश अथता फ्रांस के ईसाई राजाओं द्वारा शासित राब्यथा ।
फ्रैंक - फ्रैंक्रिश - फांस
*. तीन वर्ग
: फ्रांसीसी पादरी इस अवधारणा मे विश्वास रखते थे किप्रत्येक व्यक्ति कार्य के आधार पर तीन वर्गो में से किसी एक का सदस्य होता है।
*.बिशप ने तीन वर्ग के विषय में क्या कहां था ?
विशप ने कहो "यहाँ वर्ग क्रम में, कुछ प्रार्थना करते हैं। दूसरे लड़ते है और शेष अन्य कार्य करते हैं। इस तरह समाज मुख्य रूप से तीन वर्ग पादरी, अभिजात और कृषक वर्ग से बना था।
*.दूसरा वर्ग - अभिजात वर्ग
-: पादरियों ने स्वयं को प्रथम वर्ग में तथा अभिजात वर्ग को दूसरे वर्ग में रखा था।
* (वैसलेज) - फ्रांस के शासकों का लोगो से जुड़ाव एक प्रथा के कारण था जिसे 'वैसलेज कहते है।
* अभिजात वर्ग की मुख्य विशेषता ।
i) इनका अपनी संपदा पर स्थायी तौर पर पूर्व नियंत्रण था।
ii) अभि नात वर्ग अपनी सैन्य क्षमता बढ़ा सकते थे
iii) अभिजात वर्ग की सेना सांमती सेना कहलाती है
iv) वे अपना स्वयं का न्यायालय लगा सकते थे और यहाँ तक कि अपनी मुद्रा भी प्रचलित कर सकते थे
v) वे अपनी भूमि पर बसे सभी व्यक्तियों के मालिक थे।
vi) उनका घर' मेनर मर कहलाता था ।
vii) उनकी व्यक्तिगत भूमि कृषको द्वारा जोती जाती थी जिनको आवश्यकता पड़ने पर युद्ध के समय पैदल सैनिको के रूप में कार्य करना पड़ता था और साथ ही साथ अपने खेती पर भी काम करना पड़ता था ।
* मेनर की विशेषता (मेनर को जागीर )
* (मेनर) i) लॉर्ड का अपना मेनर भवन होता था
ii) छोटे मेनर की जागीर से दर्जन भर (12) परिवार रहते थे।
iii) बड़ा मेनर की जागीर में 50-60 परिवार रहते थे।
iv) प्रतिदिन के उपभोग की प्रत्येक वस्तु जागीर पर मिलती थी अनाज खेतो में उगाये जाते थे, लोहार और बढ़ई लॉर्ड के औजारो की देखभाल और हथियारों की मरम्मत करते थे।
V) राजमिस्त्री उनकी इमारतों की देखभाल करते थे।
vi) औरते वस्त्र कातती एवं बुनती थी और बच्चे लॉर्ड को मदिरा सम्पीडक में कार्य करते थे।
vii) मेनर कभी - भी आत्मनिर्भर नही हो सकता था। क्योंकि उन्हें नमक चक्की का पाट और धातु के बर्तन बाहर के सतेतो
Q - नाइटकौन थे? और उनकी मुख्य विशेषता क्या बीते
Ans. नौवी सदी से यूरोप में स्थानीय युद्ध प्राय: होते रहते शौकिया कृषक - सैनिक पर्याप्त नही थे और कुशल अश्वसेना की आवश्यकता थी। इसने एक नए वर्ग को बढ़ावा दिया जो नाइट्स (Knight) कहलाते थे ।
* (नाइट की विशेषता)
i) यह कुशल अश्व सेना होती है।
ii) लॉर्ड ने नाइट को भूमि का एक भाग जिसे फीफ कहा गया।
iii) फीफ को उत्तराधिकार में पाया जा सकता था।
iv) यह 1000-2000 एकड़ था उससे अधिक में फैली हुई हो सकती थी जिसमे नाइट और उसके परिवार के लिए एक पन चक्की और मदिरा संपीडक के अतिरिक्त: उसके परिवार के लिए, चर्च और उस पर निर्भर व्यक्तियों के रहने की व्यवस्था शामिल थी।
v) फीफ की भूमि का कृषक जोतती थे।
vi) नाइट अपने लॉर्ड को एक निश्चित रकम देता था और युद्ध में उसकी तरफ से लड़ने का वचन देता था।
vii) अपनी सैन्य योग्यताओं को बनाए रखने के लिए नाइट प्रतिदिन अपना समय बाड बनाने। घेराबंदी करने और पुतलों से रण कौशल एवं अपने बचाव का अभ्यास करने में निकालते थे।
viii) नाइट अपनी सेवाएँ अन्य लॉर्ड को भी दे सकता था पर उनकी सर्वप्रथम निष्ठा अपने लॉर्ड के लिए होती है।
* (फीफ) - लॉर्ड द्वारा नाइट को दी जाने वाली जमीन की फीफ कहते थे।
यह 1000-2000 एकड में फैली होती थी।
# प्रथम वर्ग - पादरी वर्ग
i) यह एक शक्तिशाली संस्था थी जो राजा पर निर्भर नहीं थी।।
ii) पश्चिमी चर्च के अध्यक्ष पोप थे, जो रोम मे रहते थे।
iii) यूरोप में ईसाई समाज का मार्गदर्शन बिशपो तथा पादरियो भरा किया जाता था जो प्रथम वर्ग के अंग हैं।
iv) अधिकार गाँवों मे अपने चर्च हुआ करते थे जहाँ पर प्रत्येक रविवार को लोग पादरी के धर्मी पदेश सुनने तथा सामूहिक प्रार्थना करने के लिए इकट्ठा होते थे।
v) प्रत्येक व्यक्ति पादरी नहीं हो सकता था जैसे- कृषि पर प्रतिबंध था शारीरिक रूप बाधित व्यक्तियों पर और स्त्रियों पर भी प्रतिबंध था।
vi) जो पुरुष पादरी बनते थे वे शादी नहीं कर सकते वे
vii) धर्म के क्षेत्र में विशप अभिजात माने जाते थे।
viii) ('टीथ') - चर्च को एक वर्ष के अंतराल में कृषको से उसकी उपज का दसवाँ भाग लेने का अधिकार था जिसे 'टीथ (Tithe) कहते थे।
Q. चर्च के औपचारिक रीति-रिवाज की महत्वपूर्ण रस्में क्या थी ?
Ans. प्रार्थना करते वक्त हाथ जोड़कर और सिर झुकाकर घुटनों के बल झुकना ।
ऐबी (Abbeys) -: कुछ अत्यधिक धार्मिक व्यक्ति, पादरियों के विपरीत जो लोगों के बीच में नगरों और गाँवो में रहते थे एकांत जिदंगी जीना पसंद करते थे। वे धार्मिक समुदायों में रहते थे जिन्हे ऐबी (Abbeys) कहा जाता था।
Q. पश्चिम यूरोप के प्रसिद्ध मठों ने नाम बताएं ?
Ans. i) 529मे इटली में स्थापित सेन्ट बेनेडिक्ट ।
ii) 910 मे बरगंडी में स्थापित कलूनी था।
* ऐबी में रहने वाले भिक्षुओं की मुख्य विशेषता
i) भिक्षु अपना सारा जीवन आंबे में रहने और समय प्रार्थना करने, अध्ययन और कृषि जैसे शारीरिक श्रम मे लगाने का व्रत लेता था
ii) भिक्षु की जिदंगी पुरुष और स्त्रियां दोनो ही अपना सकते थे ऐसे पुरुषों को मॉन्क (Monk) तथा स्त्रियां नन (Num) कहलाती थी।
iii) कुछ आंबो को छोड़कर ज्यादातर में एक ही लिंग के व्यक्ति रह सकते थे।
iv) पुरुषों और महिलाओं के लिए अलग-अलग अंबे के
ⅴ) भिक्षु और भिक्षुणियां भी विवाह नहीं कर सकती हैं।
* (आबेस हिल्डेगार्ड)- यह एक प्रतिभाशाली संगीतज्ञ था।
ii) इसने चर्च की प्रार्थनाओ मे सामुदायिक गायन की प्रथा के विकास में महत्वपूर्ण योगदान दिया)
Q.फ्रायर किसे कहते है और इसकी मुख्य विशेषता क्या थी?
Ans- तेरहवीं सदी से भिक्षुओं के कुछ समूहों ने मठो में न रहने का निर्णय लिया। जिन्हे फ्रायर कहते थे।
*(फ्रायर की विशेषता) =
i) यह मठों में नहीं रहते थे
ii) वे एक स्थान से दूसरे स्थान से घूम-घूम कर उपदेश देते थे।
ⅲ) दान से अपनी जीविका चलाते थे।
# चर्च और समाज
- ईस्टर ईसा के शूलाशेपण और उनके पुनर्जीवित होने का प्रतीक था।
-: ईसा मसीह के जन्म ने पूरे पूर्व रोमन त्योहार का स्थान लिया था।
-: काम से दबे कृषक इन पवित्र दिनो का स्वागत करते थे क्योकि इन दिनों उन्हे कोई काम नहीं करना पड़ता था।
# तीसरा वर्ग - किसान, स्वतंत्र और बंधक
* स्वतंत्र किसान और सर्फ की विशेषता-:
i) स्वतंत्र कृषक अपनी भूमि को लॉर्ड के काश्तकार के रूप में देखते थे।
ⅱ) पुरुषों का सैनिक सेवा मे योगदान आवश्यक होता था (वर्ष में कम से कम चालीस दिन )
iⅱ) कृषकों के परिवारों को लॉर्ड की जागीरों पर जाकर काम करने के लिए सप्ताह के तीन या उससे अधिक कुछ दिन निश्चित करने पड़ते थे।
iv) कृषकों के अन्य काम भी होते थे जैसे- गड्ढे खोदना, जलाने के लिए लकड़ियों इकट्ठा करना, बाड़ बनान और सड़के व इमारतों की मरम्मत करने।
v) स्त्रिायो व बच्चों को अन्य कार्य भी करने पड़ते थे। वे सूत कातते कपड़ों बुनते मोमबत्ती बनाते और लॉर्ड के उपयोग हेतु अंगूरी से रस निकाल कर मदिरा तैयार करते थे।
vi) कृषिदास अपने गुजारे के लिए जिन भूखंडों पर कृषि करते थे वो लॉर्ड के स्वामित्व में थे।
vⅱ) इसके लिए उन्हें कोई मजदूरी नहीं मिलती थी और वे लॉर्ड की आज्ञा के बिना जागीर नही छोड़ सकते थे।
viii) सर्फ केवल अपने लॉर्ड की चक्की मे आटा पीस सकते थे उनके तंदूर में ही रोटी सेक सकते थे और उनकी मंदिरा सपीङ्क में ही आसवन - मदिरा और बीयर तैयार कर सकते थे।
xi) लॉर्ड यह तय कर सकता था कि कृषिदास को किसके साथ विवाह करना चाहिए या फिर कृषिदास को पसंद की हो अपना आशविर्वाद दे सकता था, परन्तु इसके लिए वह शुल्क लेता था।
*. अधिशेष किसे कहते हैं?
Ans. कृषकों के परिवारों को लॉर्ड की जागीरो पर जाकर काम करने के लिए सप्ताह के तीन या उससे अधिक कुछ दिन निश्चित करने पड़ते थे। इस श्रम से होने वाला उत्पाद जिसे श्रम - अधिशेष कहते थे।
* (टेली) -ⅰ) यह एक प्रत्यक्ष कर था)
ⅱ) राजों द्वारा कृषकों पर लगा जाता था।
iii) पादरी और अभिजात वर्ग इस कर से मुक्त थे।
-: सामंतवाद का विकास इंग्लैंड में ग्यारहवीं सदी से हुआ।
-: छठी सदी में मध्य यूरोप से एंजिल (Angles) और सैक्सन (saxons) इंग्लैंड में आकार बस गए।
# सामाजिक और आर्थिक संबंधो को प्रभावित करने वाले कारक
Q - 9 वी से 14 वी सदी सामाजिक और आर्थिक संबंधों को प्रभावित करने वाले कारक कौन-से हैं?
Ans. (पर्यावरण)-i) पाँचवी से दसवी सदी तक यूरोप का अधिकांश भाग विस्तृत वनों से घिरा हुआ था
ii) कृषि के लिए उपलब्ध भूमि सीमित थीं।
iii) असंतुष्ट कृषक अत्याचार से बचने के लिए वहां से भाग कर वनों में शरण ले सकते थे।
iv) यूरोप में तीव ठंड दौर चल रहा था।
v) फसलों का उपज काल छोटा हो गया।
v) कृषि की पैदावार कम हो गई।
(भूमि का उपयोग ) - भूमि का प्राय: चार वर्ष में एक बार हाथ से खोदा जाता था और उसमें अत्यधिक माना श्रम की आवश्यकता होती थीं।
ii) भूमि को दो भागों में बाँट दिया जाता था ।
iii) एक भाग में शरद ऋतु में सर्दी का गेहूं बोया जाता था । जबकि दूसरी भूमि को परती या खाली रखा जाता था । अगली वर्ष परती भूमि पर राई बोई जाती थी जबकि दूसरा आधा भाग खाली रखा जाता था।
iv) इस व्यवस्था के कारण मिट्टी की उर्वरता का धीरे-धीर हास होने लगा और प्राय: अकाल पडने लगे।
(नयी कृषि प्रौद्योगिकी)
i) लोहे के हल का प्रयोग।
ii) साँचेदार पटरे का उपयोग होने लगा।
iii) पशुओं को हलो में जोतने के तरीकों में सुधार हुन
iv) घोड़े के खुरो में लोहे की नाल लगाई जाने लगी।
v) वायु और जल शक्ति का उपयोग होना ।
vi) तीन खेतो वाली व्यवस्था को अपनाना ।
Q.11 वी सदी में होने वाले कृषि प्रौद्योगिकी का प्रभार
Ans. i) भूमि को प्रत्येक इकाई मे होने वाली उत्पादन में बढ़ोतरी हुई ।
ii) भोजन की उपलब्धता दुगुनी हो गई ।
iii) मटर और सेम जैसे पौधों का अधिक उपयोग उन्हें चारे का सोते बनाया गया।
iv) फलस्वरूप कृषकों को बेहतर अवसर मिलने लगा वे अब कम भूमि पर अधिक भोजन का उत्पादन कर सकते थे।
v) तेरहवी सदी तक एक कृषक के खेत का औसत आकार सौ एकड़ से घटकर बीस से तीस एकड़ तक रह गया।
* 11 वी सदी में होने वाले कृषि प्रौद्योगिकी का नकारात्मक प्रभाव
i) कुछ प्रौद्योगिकी बदलावों में अत्यधिक धन लगता हैं।
ii) कृषकों के पास पनचक्की और पवनचक्की स्थापित करने के लिए पर्याप्त धन नहीं था ।
iii) धन का बढ़ता उपयोग कीमतों को प्रभावित करने लगा जो खराब फसल के समय बहुत अधिक हो जाती की। उदाहरण - इंग्लैंड में 1270 और 1320 के बीच कृषि मूल्य दुगने हो गए थे।
# चौथा वर्ग? नए नगर और नगरवासी
i) यूरोप की जनसंख्या - 1000 ई-420 लाख
1200 ई- 620 लाख
1300-730 लाख
ii) तेरहवी सदी तक एक औसत यूरोपीय आठवी सदी की तुलना में दस वर्ष अधिक जी सकता था ।
iii) पुरुषों की तुलना में स्त्रिायो और बालिकाओं की जीवन-अवधि छोटी होती थी क्योकि पुरुष बेहतर भोजन करते।
Q- नगरों में रहने वाले लोगों की मुख्य विशेषता क्या थी
Ans. i)स्वतंत्र होने की इच्छा रखने वाले अनेक कृषिदास भाग नगरों में छिप जाते थे।
ⅱ) अपने लॉर्ड की नजरों से एक वर्ष व एक दिन तक छिपे रहने मे सफल रहने वाला कृषिदास एक स्वाधीन नागरिक बन जाता था।
iii) नगरों में रहने वाले, अधिकतर व्यक्ति या तो स्वतंत्र कृषक या भगोड़े कृषिदास के जो कार्य की दृष्टि से अकुशल श्रमिक होते थे।
iv) नगरों में बड़ी संख्या दुकानदार और व्यापारी थे।
v) बड़े, नगरों की जनसंख्या लगभग 30,000 होती थी।
* श्रेणी क्या है? और श्रेणी सभागार की मुख्य विशेषता बताए
Ans. i) आर्थिक संस्था का आधार 'श्रेणी था
ii) प्रत्येक शिल्प या उधोग एक श्रेणी के रूप में संगठित।।
iii) यह एक ऐसी संस्था-थीं जो उत्पाद की गुणवता उसके मूल्य और बिक्री पर नियंत्रण रखती थी।
* (श्रेणी सभागार की मुख्य विशेषता).
i) श्रेणी सभागार' प्रत्येक नगर का आवश्यक अंग था।
ii) यह अनुष्ठानिक समारोहों के लिए था जहाँ गिल्डो के प्रधान औपचारिक रूप से मिला करते थे।
iii) पहरेदार नगर के चारों ओर गश्त लगाकर शांति स्थापित करते थे।
#(कथी ड्रिल - नगर)
i) बारहवी सदी से फ्रांस मे कथीड्रिल वाले बड़े चर्चा का निर्माण होने लगा ।
ii) कथीड्रिल पत्थर के बने होते थे और उन्हें पूरा करने के अनेक वर्ष लगते थे।
iii) कथीड्रिल का निर्माण विभिन्न सामाजिक समूहों द्वारा दिया गया दान व संयोग से किया गया था।
ⅳ) कथीड्रिल आगे चल कर तीर्थ स्थल बन गए ।
v) कथीड्रिल इस प्रकार बनाए गया थे की लोगों की प्रार्थना के लिए बुलाने वाली घटियां दूर तक सुनाई पड़ सकें।
vi)कथीड्रिल के चारों तरफ छोटे नगर विकसित हुए ।
vii) खिड़कियो के लिए अभिरंजित काँच का प्रयोग होता है।
viii) दिन के वक्त सूरज की रोशनी उन्हे कथीड्रिल के अंदर के व्यक्तियों के लिए चमकदार बना देती थी और सूर्यास्त के पश्चात मोमबतियो की रोशनी उन्हें बाहर के व्यक्तियों के दृश्यमान बनाती थी।
ix) अभिरंजित काँच की खिड़कियो पर बने चित्र बाईबल की कथाओं का वर्णन करते थे जिन्हें अनपढ़ व्यक्ति भी पढ़ सकते थे।
# चौदहवी सदी का संकट
-: तेज ग्रीष्म ऋतु का स्थान तीव्र ठंडी ग्रीष्म ऋतु ने ले लिया थी।
-: पैदावार वाले मौसम छोटे हो गए ।
-: ऊंची भूमि पर फसल उगाना कठिन हो गया
-: तूफानों और सागरीय बाढ़ो ने अनेक फार्म प्रतिष्ठानों को नष्ट कर दिया ।
-: भू- सरंक्षण का अभाव
-: जनसंख्या वृद्धि का होना ।
-: 1315 और 1317 के बीच यूरोप में भयंकर अकाल पड़े। इसके पश्चात् 1320 के दशक में अनगिनत पशुओं की मौत हुई।
-: चांदी की खानो के उत्पादन में कमी के कारण धातु - मुद्रा मे भारी कमी आई जिससे व्यापार प्रभावित हुआ।
-: बारहवीं व तेरहवीं सदी में जैसे-जैसे वाणिज्य में विस्तार हुआ तो दूर देशों से व्यापार करने वाले पोत यूरोपीय तटों पर आने लगे। पोतों के साथ-साथ चूहे आए-जी अपने साथ ब्यूबेनिक प्लेज जैसी महामारी का संक्रमण (Black Death) लाए।
-: आर्थिक मंदी होना ।
-: इस विनाशलीला के आर्थिक मंदी के जुड़ने से व्यापक सामाजिक विस्थापन हुआ जनसंख्या में हास के कारण मजदूरों की संख्या में अत्यधिक कमी आई
Q. यूरोपीय लोगों में सामाजिक असंतोष के मुख्य कारण क्या थे?
Ans.i) लॉर्ड की आमदनी बुरी तरह प्रभावित होना।
ii) मजदूरी दर में वृद्धि होना ।
ⅲ)कृषि- संबंधी मूल्यों में गिरावट आना ।
ⅳ) अभिजात वर्ग की आमदनी का घटाना ।
Q. सौ-वर्षीय युद्ध कब और किसके बीच हुआ था?
Ans- इंग्लैंड और फ्रांस बीच 1338 से 1461 तक ।
Q. यूरोप के किन शासको ने नौकरशाही और राष्ट्रीय कर प्रणाली स्थापित करने की प्रक्रिया को शुरु किया।
Ans. फ्रांस में लुई ग्यारहवे ।
आस्ट्रिया में मैक्समिलन ।
इंग्लैंड में हेनरी सप्तम ।
स्पेन में ईसाबेला और फरडी नेंड।
Q. करों को बढ़ाने से शासको को क्या लाभ हुआ ?
Ans। करो को बढ़ाने से शासको को पर्याप्त राजस्व प्राप्त हुआ जिससे वे पहले से बड़ी सेनाएं रख सकें।
*(इंग्लैंड मे विरोधो ) 1497-1536, 1547,1549 और 1553
लुई xi को इयूक और राजकुमारों के विरुद्ध एक लंबा संघर्ष करना पड़ा ।
-: फ्रांस में धर्म - यूध्द सोलहवी सदी में हुआ ।
Q. शाही निरकुंशता को सामंतवाद का परिष्कृत रूप क्यों जाता है?
Ans. क्योंकि अभिजात वर्ग ने अपने अस्तित्व को बचायें रखने के लिए एक चतुरतापूर्ण परिवर्तन किया नई शासन - व्यवस्था के विरोधी रहने के स्थान पर उन्होंने जल्दी ही अपने को रमन मे बदल लिया। इसी कारण से शाही निरंकुशता को सामंतवाद का परिष्कृत रूप माना जाता है।
* (यूरोप की नयी शासन व्यवस्था)-
i) शासक अब उस पिरामिड के शिखर पर नहीं थी, जहाँ राजभर विश्वास और आपसी निर्भरता पर टिकी थी।
ii) वह अब व्यापक दरबारी समाज और आश्रयदाता-अनुयायी तंत्र का केन्द्र - बिंदु था।
iii) सभी राजतंत्र, चाहे वे कितने भी कमजोर या शक्तिशाली हो, उन व्यक्तियों का सहयोग चाहते थे।
Q- फ्रांस में परामर्शदात्री सभा कब और किसके बीच बुलाई गया थी?
Ans. 1614 में फ्रांस और इंग्लैंड में बुलाई गयी थी।
Q.दो सदियों परामर्शदात्री सभा को क्यों नहीं बुलाया गया।
Ans- क्योकि राजा तीन वर्गो के साथ अपनी शक्ति बाँटना नहीं चाहते हैं।
*.एंग्लो- सैक्सन क्या था? और इसकी मुख्य विशेषता बताइए?
. एंग्लो-सैक्सन एक महान परिषद् थी ।
*एंग्लो- सैक्सन विशेषता
i) कोई भी कर लगाने से पहले राजा को इस परिषद् की सलाह लेनी पड़ती थीं।
ii) यह आगे चलकर पार्लियामेंट के रूप में विकसित हुई।
iii) जिसमें हाउस ऑफ लॉड्स, जिसके सदस्य लॉर्ड और 1 पादरी थे व हाउस ऑफ कामन्स जो नगरो व ग्रामीण क्षेत्रों का प्रतिनिधित्व करते थे, शामिल थें।
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