12 CLASS NOTES CHAPTER 3 ‘‘समकालीन दक्षिण एशिया''
“समकालीन दक्षिण एशिया"
प्र. दक्षिण एशिया क्या है? |
उ. अमूमन बांग्लादेश, भूटान, भारत, मालदीव,नेपाल पाकिस्तान और श्रीलंका को इंगित करने के लिए जिस शब्द का प्रयोग किया जाता है उसे दक्षिण इसे कहते हैं।
प्र. पाकिस्तान में पहले लोकतांत्रिक सरकार किसके नेतृत्व में बनी?
उ. बेनजीर भुट्टो के नेतृत्व में।
प्र. मालदीव एक गणतंत्र राष्ट्र कब बना?
उ. सन् 1968 मे।
प्र. मालदीव की किसी एक पार्टी का नाम बताओ?
उ. (MDP)
प्र. मानव विकास रिपोर्ट (HDR) सन 2006 के अनुसार दक्षिण एशिया के किस देश में बाल मृत्यु दर सबसे अधिक है?
उ. पाकिस्तान
प्र. पाकिस्तान में सेना और लोकतंत्र का कैसा अनुभव रहा है? विवरण दीजिए।
उ.1. पाकिस्तान में पहले संविधान के बनने के बाद देश के शासन की भाग-दौड़ जनरल अयूब खान ने अपने हाथों में ले ली और जल्द ही अपना निर्वाचन भी करा लिया। उनके शासन के खिलाफ जनता का गुस्सा भड़का और ऐसे में उन्हें अपना पद छोड़ना पड़ा।और उनके बाद फिर जनरल याहिया खान के नेतृत्व में सैनिक शासन की स्थापना की।
2. जनरल याहिया खान के सैनिक शासन के दौरान पाकिस्तान को बांग्लादेश संकट का सामना करना पड़ा और 1971 में भारत के साथ पाकिस्तान युद्ध हुआ। इस युद्ध के परिणाम स्वरुप पूर्वी पाकिस्तान टूटकर एक स्वतंत्र बना जो बांग्लादेश कहलाया।
3. इसके बाद में ‘‘जुल्फिकार अली भुट्टो''के नेतृत्व में एक निर्वाचित सरकार बनी जो 1971 से 1977 तक कायम रही 1977 में जनरल जिया उल-हक ने इस सरकार को गिरा दिया।
4. 1982 के बाद जनरल जिया उल हक को लोकतंत्र समर्थक आंदोलन का सामना करना पड़ा। और 1988 में एक बार फिर बेनजीर भुट्टो के नेतृत्व में लोकतांत्रिक सरकार बनी।
पाकिस्तान में इसके बाद कि राजनीतिक बेनजीर भुट्ट की पाकिस्तानी पीपुल्स पार्टी और मुस्लिम लिंग के आपसे और के इर्द-गिर्द घूमती रहे। निर्वाचित लोकतंत्र की व्यवस्था 1999 तक कायम रहे।
5. 1999 में एक बार फिर सेना ने दखल दिया और जनरल परवेज मुशर्रफ ने प्रधानमंत्री नवाज़ शरीफ़ को हटा दिया। 2001 में प्रवेश मुशर्रफ ने अपना निर्वाचन राष्ट्रपति के रूप में कराया।पकिस्तान पर अब भी सेना की हुकूमत है हालांकि सैनिक शासन ने अपने शासन को लोकतांत्रिक जताने के लिए चुनाव कराए हैं।
निष्कर्ष:- तो इस तरह पाकिस्तान में लोकतंत्र और सेना का शासन रहा है। परंतु पाकिस्तान में लगातार सरकार बदलने के कारण विकास के गति धीमी हुई। अगर पाकिस्तान को एक स्थिर सरकार चाहिए तो वहां तो नियमित रूप से लोकतंत्र का होना जरूरी है।
प्र. बांग्लादेश कि किस पार्टी को 1970 के चुनाव में पूर्वी पाकिस्तान की सारी सीटों पर विजय मिली थी?
उ. अवामी लीग को।
प्र. विश्व का पहला हिंदू राज्य कौन सा था?
उ.नेपाल
प्र.श्रीलंका एक स्वतंत्र देश कब बना है?
उ.सन् 1948 में।
प्र.श्रीलंका का प्राचीन नाम क्या है?
उ.सिलोन
प्र. भारत ने श्रीलंका से अपनी सेवा कब वापस बुला ली?
उ. सन 1989 में भारत ने अपनी ‘‘शांति सेना’' श्रीलंका से वापस बुला ली।
प्र.दक्षिण एशिया के किस देश ने सबसे पहले अपनी अर्थव्यवस्था का उदारीकरण किया था?
उ.श्रीलंका ने।
प्र.गृहयुद्ध किसे कहते हैं?
उ. जब किसी देश में आंतरिक गड़बड़ी के कारण वहां के संगठन व जनता के समूह आपस में लड़ने झगड़ने लगते हैं,तो ऐसे स्थिति को गृह युद्ध कहते हैं।
प्र.भारत और पाकिस्तान के बीच शिमला समझौता कब हुआ था?
उ जुलाई 1972 में।
प्र. फरक्का संधि क्या थी?
उ. दिसंबर 1996 में गंगा नदी के हिस्सेदारी के मसले पर भारत और बांग्लादेश के बीच एक संधि हुई थी। जिसे फरक्का संधि के नाम से जाना जाता है।
प्र. ताशकंद समझौता क्या था?
उ. सन 1965 के भारत पाक युद्ध के दोनों देशों के बीच एक संधि हुई थी। जिसे ताशकंद समझौता कहा गया।
ताशकंद समझौता मुख्य रूप से सोवियत संघ के प्रभाव से हुआ था। इस समझौते पर भारत के प्रधानमंत्री श्री लाल बहादुर शास्त्री तथा पाकिस्तान के राष्ट्रपति अयूब खान के हस्ताक्षर हुए ।
प्र. शिमला समझौता की दो मुख्य विशेषताएं क्या है?
उ. शिमला समझौता की मुख्य विशेषता निम्नलिखित है।
1. नियंत्रण रेखा से एक दूसरे देशों की सेनन की वापसी की जाए अर्थात जीता हुआ प्रदेश वापस किया जाए।
2. भारत द्वारा बंदी बनाए गए एक लाख सैनिकों की रिहाई।
3. पाकिस्तान द्वारा बांग्लादेश को मान्यता दी जाए।
प्र. क्या दक्षिण एशिया के देश एक दूसरे का सहयोग करते हैं? या यह देश एक दूसरे से सिर्फ लड़ते रहते हैं? इस कथन की पुष्टि कीजिए?
उ. प्रस्तावना:-अनेक संघर्षों के बावजूद दक्षिण एशिया के देश एक दूसरे से दोस्ताना रिश्ता तथा सहयोग के महत्व को पहचानते हैं।शांति के प्रयास द्विपक्षीय भी हुए हैं और क्षेत्रीय स्थल भी तो इस तरह दक्षिण एशिया के देश सिर्फ लड़ते ही नहीं बल्कि कई मौके पर एक दूसरे का सहयोग भी करते हैं।
1.(SAAR)(साउथ एशिया एसोसिएशन फॉर रीजनल कोऑपरेशन) दक्षिण एशिया देश द्वारा बहुस्तरीय संसाधनों से आपस में सहयोग करने की दिशा में उठाया गया एक बड़ा कदम है। इसकी शुरुआत सन 1985 मे हुई। परंतु दुर्भाग्य से विभेदों की मौजूदगी के कारण दक्षेस को ज्यादा सफलता नहीं मिली हैं।
(ii) दक्षेस के सदस्य देशों ने सन 2002 में (SAFTA) पर दस्तखत किये। इसमें पूरे दक्षिण एशिया के क्षेत्र के लिए मुक्त व्यापार क्षेत्र बनाने का वादा किया गया है।
(iii)"यदि दक्षिण एशिया के सभी देश अपनी सीमारेखा के आर-पार मुक्त व्यापार पर सहमत हो जाएँ तो इस क्षेत्र में शांति और सहयोग के एक नए अध्याय की शुरुआत हो सकती है।
(iv) SAFTA के पीछे यही भावना काम कर रही है। इस समझात पर 2004 में हस्ताक्षर हुए और यह समझौता । जनवरी 2006 से प्रभावी हो गया। इस समझौते का मुख्य लक्ष्य है कि इन देशो के बीच आपसी व्यापार में लगने वाले सीमा शुलक को 2007 तक 20 प्रतिशत् कम कर दिया जाए।
(v) कुछ- 'छोटे देश मानते हैं कि 'साफ्टा की और लेकर भारत उनके बाज़ार में सेंध मारना चाहता है और व्यावसायिक उद्यम् तथा व्यावसायिक मौजूदगी के जरिये उनके समाज और राजनीति 'पर' असर डालना चाहता है। अतः "इससे साबित होता है, कि दक्षिण रशिया के-देश सिर्फ एक दूसरे से लड़ते ही नहीं। बल्कि विकास की एक नई दिशा स्थापित कर रहे हैं।
श्रीलंक
श्रीलंका एशिया का एक छोटा सा द्विपीय है। श्रीलंका भारत के दक्षिण में चारों ओर सागर से घिरा हुआ एक गणराज्य है। यह हिन्द महासागर में स्थित है, और इसका कुल क्षेत्रफल 25,332 वर्ग मील है। इसकी जनसंख्या । करोड़ 50 लाख से ऊपर है जो हमारे हरियाणा राज्य से भी कम है। इसकी जनसंख्या में 64 प्रतिशत जनता बौद्ध धर्म में विश्वास करती है, 14 प्रतिशत हिन्दू धर्मावलम्बी हैं, 9 प्रतिशत् इसाई, 6 प्रतिशत इस्लाम में विश्वास करने वाले है हैं। श्रीलंका की बहुत कुछ संस्कृति भारतीय संस्कृति से मिलती जुलती है। इसलिए यह दोनों देश न केवल आर्थिक और राजनीतिक रूप से जुड़े है, बल्कि सांस्कृतिक रूप से भी यह देश एक दूसरे से जुड़े हैं।
श्रीलंका का इतिहास:-
श्रीलंका एक स्वतंत्र राष्ट्र के रूप सन 1948 को अस्तिव में आया। श्रीलंका भी भारत की तरह ब्रिटिशों का उपनिवेश या प्राचीन काल में यह देश सिलोवर के नाम से 'जाना जाता था। इस देश की राजधानी कोलंम्बो है। इस देश में तीन समुदाय के लोग सबसे अधिक है। सिंहली, तमिल, इसाई सिंहली वही 74% है, तो तमिल 18% के आसपास है। यह दोनों समुदाय स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद से ही कट्टर विरोधी रहे है। सिंहली भारतीय तमिलों को घृणा की दृष्टि से देखते है। तथा उन्हें अपनी अर्थव्यवस्था बोझ मानते है। वहीं तमिल जो भारतीय मूल के है वो अपनी स्वतंत्रता की माँग कर रहे हैं।
भारत और श्रीलंका के बीच में हुए प्रमुख- समझौते (1) नेहरू . कीतेलावाला समझौता (1953) :
(2) शास्त्री - सिरिमावो समझौता (1964):
(3) राजीव- जयवर्द्धने समझौता (1987) :
नेहरू को तेलावाला समझौता:- दोनों देशों की स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद जातीय समस्या के समाधान के लिए प्रथम प्रयास सन 1953 में किया गया।कहने का अर्थ यह है कि दोनों देशों के बीच प्रथम समझौता जातीय समस्या को लेकार सन् 1953 मैं हुआ इसी समझौते को नेहरू को-तेलावाला समझौता कहते है। इस समझौते के मुख्य प्रावधान निम्न थे।
1.श्रीलंका की सरकार भारतीय मूल के उन सभी व्यक्तियों के नामों का पंजीकरण करेंगी जो श्रीलंका में स्थायी रूप से रहना चाहते है।
(2)जो व्यक्ति श्रीलंका की नागरिकता प्राप्त नहीं करना चाहते हैं उन्हें वापस भारत भेज दिया जाएगा।
(3)भारत से अवैध रूप से श्रीलंका जाने वाले प्रवासियों को रोकने के लिए प्रभावी उपाय किए जाएँगे।
(4) भारतीय मूल के व्यक्तियों के लिए एक अलग से निर्वाचक सूची बनाई जाएगी, ताकि वे अपने आनुपातिक प्रतिनिधि निर्वाचित कर सके।
शास्त्री सिरिमानो समझौता (1964)- नेहरू जी मृत्यु के प्रधानमंत्री का कार्यभार 'लाल बहादुर शास्त्री के संभाला उन्ही के कार्यकाल के दौरान श्रीलंका नेता तथा प्रधानमंत्री "श्रीमती सिरिमावी भण्डारनायके अक्तूबर 1964 में भारत औपचारिक यात्रा पर आई इसी यात्रा के दौरान दोनों नेता के बीच 24 October 1964 को एक महत्त्वपूर्ण समझौते पर हस्ताक्षर हुए जिसे 'शास्त्री सिरिमावो समझौता के नाम से जाना गया।
*में इस समझौते के तहत श्रीलंका में लगभग 9 लाख 75 राज्य-विहीन व्यक्तियों के प्रश्न को सुलझाने का प्रयास किया गया था।
* यह निश्चय किया गया कि इनमें से तीन लाख लोगों को श्रीलंका की नागरिकता दी जाएगी, और 5 लाख 25 हज़ार को भारत की नागरिकता मिलेगी। इन सवा पाँच लाख लोगों को 15 साल तक का समय दिया गया ताकि वे किश्तो में भारत आ सकें। अत: वह समझौता क्षीलंका के तमिलों की समस्या के समाधान के रूप बहुत बड़ा समझौता था ।
* राजीव जयवर्द्धने समझौता :- जातीय हिंसा को समाप्त करवाने में श्रीलंका की सहायता करने का प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने प्रयास किया। श्रीलंका सरकार के -निमन्त्रण पर श्री राजीव गांधी दो दिन की सरकारी यात्रा पर 'कोलम्बो गए। वहाँ राजीव गाँधी और श्रीलंका के राष्ट्रपति 'जयवर्धने' ने एक समझौते पर हस्ताक्षर किए जिसे, राजीव जयवर्धने समझौता के नाम से जाना गया ।
* इसी समझौते के बाद भारत ने अपनी 'शांति सेना ‘‘Indian peace Keeping forces'' को श्रीलंका खाना किया था, शांति सेना भेजने का मुख्य उद्देश्य श्रीलंका में स्थिरता को बनाए रखने तथा जन-जीवन सामान्य बनाए जाने का प्रयास शामिल था, परंतु भारतीय 'शांति सेना' कुछ भी करने में सफल नहीं रही इसलिए 'शांति सेना' को मार्च 1990 में वापस बुलाना पड़ा।
* दक्षिण एशिया की पहचान :- भू राजनीतिक रूप में दक्षिण एशिया की पहचान उस क्षेत्र के रूप में की जाती है जो पूर्व सोवियत संघ और चीन के दक्षिण में, हिमालय पर्वत के दक्षिण में स्थित है। जिसकी सीमा पर पूर्व में म्यांमार (बर्मा) और पश्चिम में अफगानिस्तान है।
सार्क संगठन (संघ) :- सन् 1985 में दक्षिण एशिया के विभिन्न देशों के बीच क्षेत्रीय सहयोग बढ़ाने के लिए एक संघ की स्थापना की गई जिसे सार्क के नाम से जाना गया।
* दक्षिण एशिया का अर्थ :- भारत, पाकिस्तान, श्रीलंका, भूटान , बांग्लादेश, नेपाल, मालदीव और म्यांमार को आमूमन दक्षिण एशिया के नाम से जाना जाता है।
* उपमहाद्वीप :- प्राचीन काल में भारत और उसके पड़ोसी देशों को संबोधित करने के लिए उपमहाद्वीप शब्द का प्रयोग किया जाता था। इसलिए भारत और उसके पड़ोसी देशो को उपमहाद्वीप कहते हैं।
★ भारत को छोड़कर दक्षिण एशिया में दो प्रकार की शक्तियाँ है। पाकिस्तान एक प्रमुख शक्ति है जो भारत की शक्ति को सीमित कर सकता है। सन् 1971 के विपरीत आज पाकिस्तान दक्षिण एशिया की सीमा पर स्थित है।
आज इस देश की इस्लामी देशों के साथ बहुत गहरे संबंध है, और लगातार उसको उन देशों से संरक्षण प्राप्त हो रहा है, जिस वजह से पाकिस्तान को दक्षिण एशिया की दूसरी शक्ति कहना कोई गलत नहीं है। बल्कि इसे "सौदा करने वाला" के रूप में वर्गीकृत किया जा सकता है।
* दक्षिण एशिया मुख्य रूप से U.S.A, रूस और चीन से प्रभावित होता है। और यह पश्चिमी देश अपने फायदे के लिए इनका प्रयोग लम्बे समय से करते आ रहे हैं।
* प्रथम एशियाई, सम्मेलन -1947 में दिल्ली में।
* कोलंबो सम्मेलन- 1954
*बांडुंग सम्मेलन _1955
* बांग्लादेश एक स्वतंत्र देश -1971
* शिमला समझौता -1972
*पाकिस्तान CEATD और CENTO में 1945-55 में शामिल हो गया |
* भारत और पाकिस्तान में सिंधु नदी जल समझौते पर हस्ताक्षर मितंबर 1960 में किया।
*भारत और पाकिस्तान युद्ध → 1965
* शिमला समझौता :- भारत की प्रधानमंत्री श्रीमती इंदिरा गांधी और पाकिस्तान के प्रधानमंत्री 'जुलिफ़कार अली भुट्टो के बीच , 1972 में एक समझौता हुआ जिसके शिमला समझौते के नाम से जाना गया|
* (शिमला समझौते की विशेषताएँ): L.O.C से दोनों देशों की सूनाओं को हटा लिया जाए अर्थात जीता हुआ प्रदेश वापस किया जाए।
● भारत द्वारा बनाए गए एक लाख पाकिस्तान बंदी सैनिकों की रिहाई की जाए।
●पाकिस्तान द्वारा बांग्लादेश को मान्यता दी जाए।
●भारत में पहला परमाणु परीक्षण 1974 (मई) में किया ।
●सन् 1976 में पाकिस्तान और बांग्लादेश के संबंधों में सुधार आया तथा दोनों के बीच कूदनयिक संबंध बहाल हुए।
●भारत ने दूसरा परमाणु परीक्षण सन् 1998 में किया।
●भारत और पाकिस्तान के बीच करगिल युद्ध 1999 में हुआ।
●सन 2001 (जुलाई) में भारत के आगरा में वाजपेयी और मुशर्रफ के बीच आगरा बैठक असफल रहा।
पाकिस्तान में लोकतंत्र की स्थिति,
●पाकिस्तान में 'जुनिफकार अली भुट्टो' के नेतृत्व में पहली निर्वाचित सरकार सन् 1971 मे 1977 तक बनी।
●परंतु सन् 1982 में जनरल जिया-उल- हक' ने भुट्टो की इस सरकार को गिराकर फिर सैनिक शासन को स्थापित कर दिया।
●पुलिफ़कार भुट्टो की बेटी 'बेनजीर भुट्टो के नेतृत्व में पहली लोकतांत्रिक सरकार पाकिस्तान में सन् 1988 में स्थापित हुई।
● पाकिस्तान में दूसरी लोकतांत्रिक सरकार नवाब शरीफ के नेतृत्व में स्थापित हुई । हा हम कह सकते हैं। कि सन 2001 के बाद लगातार लोकतांत्रिक सरकार पाकिस्तान में कायम रही।जो पाकिस्तान के लिए एक अच्छा संकेत है।
(पाकिस्तान की दो प्रमुख पार्टी)
(i) मुस्लिम लीग (ii) पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी
● सन् 1965 में भारत और पाकिस्तान ने कश्मीर पर युद्ध लड़ा। एक एयर मार्शल (असरार खान) के अनुसार यह युद्ध कश्मीर समस्या को हमेशा हमेशा के लिए सुलझाने के हेतु लड़ा गया था।
ताशकंद समझौता :- सन 1965 के युद्ध के बाद दोनों देशों के बीच सोवियत संघ के प्रभाव से एक समझौता हुआ । यह समझौता भारत के सन 1966 में भारत के तत्कालीन प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री और पाकिस्तान के राष्ट्रपति ‘‘अयूब खां'' के बीच हुआ जिसे ताशकंद समझदा कहा गया।
●.1 जनवरी सन 1966 को लाल बहादुर शास्त्री का हृदय गति रुकने से निधन हो गया।
●.सन 1999 में करगिल युद्ध के बाद प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी और पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के बीच पाकिस्तान के 'लाहौर में एक बैठक हुई । लाहौर बैठक के बाद दोनों देशों के रिश्तों को मधुर बनाने के लिए दिल्ली व लाहौर के बीच बस सेवा शुरू की गई।
नेपाल : नेपाल हिमालय की गोद में बसा हुआ एक छोटा सा देश है,इस देश की प्राकृतिक संपदा, भू राजनीतिक व संस्कृति इसे आम से खास देश बनाती है। यह समुद्रतल से करीब 8000 km ऊपर स्थित है। इस देश की सीमा मुख्य रूप से चीन, भारत और भूटान से मिलती है। दोनों देश की संस्कृतियों में काफी हद तक समानता है।नेपाल न केवल गौतम बुद्ध का जन्म स्थान है बल्कि विश्व में एकमात्र हिंदू राष्ट्र भी हैं।
●नेपाल के प्रधानमंत्री के ‘‘पी शर्मा ओली "
●1950 के दशक में भारत और नेपाल के बीच एक समझौता हुआ यह समझौता दोनों के बीच शांति और मित्रता पर आधारित था।
●नेपाल में लोकतंत्र की बहाली का आंदोलन 1980 के दशक में शुरू हुआ।
●सन् 1990 में नेपाल ने अपना एक नया संविधान बनाया जो लोकतंत्र की बहाली में एक स्वागत योग्य कदम था। और 1990 मे नेपाल संसदीय लोकतंत्र वाला एक संवैधानिक राजतंत्र वाला देश है।
बांग्लादेश - बांग्लादेश भारत के पूर्व का एक अहम परोसी देश है इस देश की स्वतंत्रा में भारत ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।" भारत यह मोचने लगा कि यह पड़ोसी देश हमारे देश के लिए बहुत महत्त्वपूर्ण होगा | यह पाकिस्तान के पूर्वी हिस्से का एक अंग था जो बाद में बांग्लादेश के के नाम से प्रसिद्ध हुआ।जो कभी भारत का हिस्सा था। इस देश की भी संस्कृति बहुत कुछ भारत के पश्चिम बंगाल राज्य से मिलती जुलती है। इस देश की राष्ट्रीय भाषा बंगला है।
●1972 से 1975 के बीच भारत और बांग्लादेश के रिश्ते अच्छे रहे हैं। मानोगे नहीं कि उस दौर में ये रिश्ते इतने मधुर थे की भारत बांग्लादेश को एशिया में सबसे अधिक महायता करता था।
●1982 में भारत ‘‘सदैव के लिए" भारतीय जमीन का करीब 'तीन बीघा हिस्सा'' बांग्लादेश को देने के लिए राजी हो गया. किंतु भारतीय संसद द्वारा यह तीन बीघा जमीन पट्टे पर देने के लिए संविधान संशोधन करने से मना कर दिया। जिस कारण यह समझौता लागू नहीं हो पया।
●भारत और बांग्लादेश के रिश्तों में सबसे बड़ा बदलाव मन 1975 में आया बांग्लादेश नाबाब 'शेख मुजीबुर्रहमान' की हत्या के बाद दोनों के रिश्ते बिगड गए।
●भारत और बांग्लादेश के बीच तीन मुद्दों पर हमेशा विवाद रहा है
1. फरक्का बांध की समस्या
2. नव मुर पुरवाशा द्वीप का मुद्दा
3. सीमा पार से बांग्लादेशी घुसपैठ का मुद्दा
(फरक्का बंध:-) सन 1962 में गंगा नदी के ऊपर बांध परियोजना का कार्य शुरू हुआ। जिसे फरक्का बाँध के नाम से जाना गया। इसका निर्माण कार्य सन 1962 में शुरू हुआ। इस परियोजना का उद्देश्य गंगा से लेकर हुगली नदी तक जल को दूसरी दिशा में मोडना था ताकि (कलकत्ता बंदरगाह की सफाई करके उसे गाद- रहित किया जा सके। तत्कालीन पाकिस्तान सरकार को इस पर आपत्ति थी क्योंकि इससे पूर्वी पाकिस्तान के क्षेत्र में जल संकट पैदा हो जाता। भारत और बांग्लादेश के बीच 1972 से लगातार दोनों देशों के बीच संमुक्ति नदी आयोग बनाने के लिए बातचीत चलती रही परंतु यह असफल रही। सन् 1978 में इन दोनों देशों के बीच जल बँटवारे पर भारत और बांग्लादेश के बीच सहमति हुई लेकिन पांच वर्ष के बाद यह समझौता समाप्त हो गया (lapse) 1 फिर 19996 में गंगा नदी के जल बँटवारे को लेकर संधि हुई यह संधि कुल 30 वर्षो के लिए हुई। जो अभी चल रही है। इस संधि के अनुसार दोनों देश एक दूसरे की जल की जरूरतों का ध्यान रखेंगे।
(नव मूर) पुरवशा, द्वीप, मुद्दा :- मन् 1981 में भारतीय नौ सेना ने भारत और बांग्लादेश के बीच स्थित द्वीप पर दावा पेश करते हुए कहा कि यह गंगा डेल्टा के मुख से निकल रहा है । इसलिए इस पर भारत का अधिकार होना चाहिए। यह मुद्दा दोनों देशों के बीच विवाद का मुद्दा बन गया ।
सीमापार में बांग्लादेशी घुमपैठ :- सन् 1971 के भारत पाकिस्तान युद्ध के दौरान करीन 1 लाख बांग्लादेशी भारत में सरणार्थियों के रूप में आए, परंतु 1971 के बाद भी लगातार बांग्लादेश से भारत में अवैध रूप से घुसपैठ कर रहे अनुमान के अनुसार उसके बाद करीब 5 लाख लोग बसे हुए और भारत की ओर कूच किए | उनमें अधिकतर भारत और बांग्लादेश सीमा के पास बसे हुए राज्य जैसे असम मे अवैध रूप से रह रहे हैं। इनके आने से भारत मर जनसंख्या का अतिरिक्त बोल बड़ा और देश की आर्थिक विकास धीमा हुआ है। इसलिए भारत को कोई ठोस नीति के तहत इन्हें भारत आने से रोकना होगा। और जो बांग्लादेशी भारत आ चुके है उन्हें नई वीजा नीति के तहत वापस भेजना होगा। और दोनों देशों को शत्रुता के रास्ते को छोड़कर मित्रता के रास्ते पर चलकर विश्व इतिहास में एक नई मिसाल बनानी होगी।
Chapter 3 समकालीन विश्व में अमेरिका वर्चस्व
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